'माओवाद मुक्त' पंचायतों के लिये विशेष प्रोत्साहन | 25 Mar 2025

चर्चा में क्यों?

छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर में माओवादियों के आत्मसमर्पण को प्रोत्साहित करने के लिये एक योजना शुरू की है, जिसके तहत “माओवाद-मुक्त” पंचायतों को निर्माण परियोजनाओं के लिये 1 करोड़ रुपए और अन्य लाभ प्रदान किये जाएंगे।

मुख्य बिंदु

  • माओवादी आत्मसमर्पण आवश्यकता:
    • राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने घोषणा की कि एलवाड पंचायत अभियान के तहत पंचायत को नक्सल गतिविधियों में शामिल सभी निवासियों का आत्मसमर्पण सुनिश्चित करना होगा। इसके बाद गाँव माओवाद मुक्त घोषित करने के लिये प्रस्ताव पेश कर सकता है।
  • माओवाद मुक्त पंचायतों के लिये प्रोत्साहन:
    • निर्माण परियोजनाओं के लिये 1 करोड़ रुपए की तत्काल मंजूरी।
    • नेटवर्क पहुँच में सुधार के लिये मोबाइल टावरों की स्थापना या निकटवर्ती टावरों से सिग्नल ट्रांसमिशन।
    • पंचायत तक विद्युत् लाइनों का विस्तार तथा ग्रिड कनेक्शन स्थापित होने तक अस्थायी उपाय के रूप में सौर प्रकाश व्यवस्था
  • ओडीएफ गाँवों और पुनर्वास नीति के साथ तुलना:

माओवाद

  • परिचय: 
    • माओवाद माओ त्से तुंग द्वारा विकसित साम्यवाद का एक रूप है। यह सशस्त्र विद्रोह, जन-आंदोलन और रणनीतिक गठबंधनों के संयोजन के माध्यम से राज्य सत्ता पर कब्ज़ा करने का सिद्धांत है।
      • माओ ने इस प्रक्रिया को 'दीर्घकालिक जनयुद्ध' कहा, जिसमें सत्ता पर कब्ज़ा करने के लिये 'सैन्य लाइन' पर ज़ोर दिया जाता है।
  • माओवादी विचारधारा: 
    • माओवादी उग्रवाद सिद्धांत के अनुसार, 'हथियार रखने पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता'।
      • माओवादी विचारधारा का केंद्रीय विषय राज्य सत्ता पर कब्ज़ा करने के साधन के रूप में हिंसा और सशस्त्र विद्रोह का प्रयोग करना है।
  • भारतीय माओवादी: