राजस्थान: सड़क सुरक्षा कार्य योजना अपनाने वाला पहला राज्य | 09 Jul 2024

चर्चा में क्यों?

राजस्थान अगले 10 वर्षों के लिये सड़क सुरक्षा कार्ययोजना अपनाने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। इस कार्ययोजना का उद्देश्य वर्ष 2030 तक राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में 50% की कमी लाना है।

मुख्य बिंदु

  • यह नीति आम जनता में सड़क सुरक्षा प्रावधानों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करेगी तथा सड़क सुरक्षा नियमों के अनुपालन के लिये व्यवहारिक परिवर्तन लाएगी।
  • सूत्रों के अनुसार विश्व बैंक विभिन्न देशों में अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल करके कार्य योजना और सड़क सुरक्षा नीति तैयार करने में राज्य सरकार को सहायता प्रदान करेगा।
    • कार्ययोजना तीन चरणों में क्रियान्वित की जाएगी। पहला चरण वर्ष 2025 से 2027 तक, दूसरा वर्ष 2027 से 2030 तक और तीसरा वर्ष 2030 से 2033 तक।
  • इसमें गति सीमा, सुरक्षित दूरी, यातायात सिग्नल, सड़क अवरोधों का उपयोग, पैदल यात्री सुरक्षा, सीटबेल्ट, हेलमेट का उपयोग और वाहन बीमा के विभिन्न पहलुओं पर ज़ोर दिया जाएगा।

सड़क सुरक्षा से संबंधित नई पहल

  • विश्व:
    • सड़क सुरक्षा पर ब्राज़ीलिया घोषणा (2015):
      • ब्राज़ील में आयोजित सड़क सुरक्षा पर दूसरे वैश्विक उच्च स्तरीय सम्मेलन में घोषणा पर हस्ताक्षर किये गए। भारत घोषणा-पत्र का हस्ताक्षरकर्त्ता है।
      • देशों ने सतत् विकास लक्ष्य 3.6 यानी वर्ष 2030 तक सड़क यातायात दुर्घटनाओं से होने वाली वैश्विक मौतों और दुर्घटनाओं की आधी संख्या करने की योजना बनाई है।
    • सड़क सुरक्षा के लिये कार्रवाई का दशक 2021-2030:
      • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2030 तक कम-से-कम 50% सड़क यातायात मौतों और चोटों को रोकने के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ "वैश्विक सड़क सुरक्षा में सुधार" संकल्प अपनाया।
      • वैश्विक योजना सड़क सुरक्षा के लिये समग्र दृष्टिकोण के महत्त्व पर बल देते हुए स्टॉकहोम घोषणा के अनुरूप है।
    • अंतर्राष्ट्रीय सड़क मूल्यांकन कार्यक्रम (iRAP):
      • यह एक पंजीकृत चैरिटी है जो सुरक्षित सड़कों के माध्यम से लोगों की जान बचाने के लिये समर्पित है।
  • भारत:
    • मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019:
      • यह अधिनियम यातायात उल्लंघन, दोषपूर्ण वाहन, नाबलिकों द्वारा वाहन चलाने आदि के लिये दंड की मात्रा में वृद्धि करता है।
      • यह अधिनियम मोटर वाहन दुर्घटना हेतु निधि प्रदान करता है जो भारत में कुछ विशेष प्रकार की दुर्घटनाओं पर सभी सड़क उपयोगकर्त्ताओं को अनिवार्य बीमा कवरेज प्रदान करता है।
      • इसमें केंद्र सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड का भी प्रावधान है।
    • सड़क मार्ग द्वारा वाहन अधिनियम, 2007:
      • यह अधिनियम सामान्य माल वाहकों के विनियमन से संबंधित प्रावधान करता है, उनकी देयता को सीमित करता है और उन्हें वितरित किये गए माल के मूल्य की घोषणा करता है ताकि ऐसे सामानों के नुकसान या क्षति के लिये उनकी देयता का निर्धारण किया जा सके, जो लापरवाही या आपराधिक कृत्यों के कारण स्वयं, उनके नौकरों या एजेंटों के कारण हुआ हो।
    • राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण (भूमि और यातायात) अधिनियम, 2000:
      • यह अधिनियम राष्ट्रीय राजमार्गों के भीतर भूमि का नियंत्रण, रास्ते का अधिकार और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात का नियंत्रण करने संबंधी प्रावधान प्रदान करता है तथा साथ ही उन पर अनधिकृत कब्ज़े को हटाने का भी प्रावधान करता है।
    • भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1998:
    • यह अधिनियम राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के लिये एक प्राधिकरण के गठन तथा उससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों से संबंधित प्रावधान प्रस्तुत करता है।

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