राजस्थान में बारिश की चेतावनी | 19 Sep 2024

चर्चा में क्यों

हाल ही में भारत मौसम विज्ञान विभाग ने जयपुर, अजमेर, अलवर और उदयपुर समेत पूर्वी राजस्थान के कई ज़िलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है

प्रमुख बिंदु

  • कलर कोडेड (रंग के आधार पर कूटबद्ध) अलर्ट
    • ग्रीन अलर्ट: इसका अर्थ है ‘कोई चेतावनी नहीं’, हल्की से मध्यम वर्षा का पूर्वानुमान, जो 15.6 मिमी से 64.4 मिमी तक हो सकता है।
    • येलो अलर्ट: इसका अर्थ है ‘निगरानी’, इसमें 64.5 मिमी से 115.5 मिमी तक भारी वर्षा की संभावना होती है ।
    • ऑरेंज अलर्ट: इसका अर्थ है ‘अलर्ट’, जो 115.6 मिमी से 204.4 मिमी तक बहुत भारी वर्षा का संकेत देता है।
    • रेड अलर्ट: ‘चेतावनी’ का संकेत देता है, जिसमें 204.5 मिमी से अधिक भारी वर्षा का पूर्वानुमान है।
  • पूर्वानुमान में उन्नयन: भारत का मौसम विभाग स्थानीय और चरम मौसम पूर्वानुमानों को अधिक सटीकता के साथ बेहतर बनाने के लिये महत्त्वपूर्ण उन्नयन के लिये तैयार है।
    • नया मिशन : कम-से-कम 10,000 करोड़ रुपए के बजट वाला एक नया मौसम पूर्वानुमान मिशन जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है, जो मानसून मिशन, 2012 से काफी बड़ा होगा।
    • इसमें भारत के लिये सटीक कंप्यूटर सिमुलेशन मॉडल विकसित करने और जलवायु परिवर्तन परिदृश्यों पर ध्यान देने पर ज़ोर दिया जाएगा।
    • इस मिशन के तहत डॉप्लर रडार जैसे परिष्कृत उपकरणों के प्रयोग को बढ़ाया जाएगा और मौसम पूर्वानुमान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)/मशीन लर्निंग (ML) को एकीकृत किया जाएगा।
    • भारत के पास तीन मौसम संबंधी उपग्रह (INSAT-3D, INSAT-3DR और INSAT-3DS) हैं, जिनमें बेहतर पूर्वानुमानों के लिये उच्च-रिज़ॉल्यूशन डेटा प्रदान करने के लिये नेक्स्ट जेनरेशन की INSAT-4 शृंखला विकसित की जा रही है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD)

  • IMD की स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी। यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा है और मौसम विज्ञान तथा संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
    • यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
    • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
    • IMD विश्व मौसम विज्ञान संगठन के छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों में से एक है।
  • नियम और ज़िम्मेदारियाँ:
    • मौसम संबंधी अवलोकन तथा कृषि, सिंचाई, नौवहन, विमानन, अपतटीय तेल अन्वेषण आदि जैसी मौसम-संवेदनशील गतिविधियों के इष्टतम संचालन के लिये वर्तमान और पूर्वानुमानित मौसम संबंधी जानकारी प्रदान करना।
    • उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, नॉरवेस्टर, धूल के तूफान, भारी बारिश और हिम, ठंड और गर्म लहरों (हीट वेव) आदि जैसी गंभीर मौसम संबंधी घटनाओं के विरुद्ध चेतावनी देना, जो जीवन और संपत्ति के विनाश का कारण बनते हैं।
    • कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, उद्योग, तेल अन्वेषण और अन्य राष्ट्र निर्माण गतिविधियों के लिये आवश्यक मौसम संबंधी आँकड़े उपलब्ध कराना।
    • मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों में अनुसंधान का संचालन और संवर्द्धन करना।