सतलुज नदी में प्रदूषण | 12 Nov 2024
चर्चा में क्यों?
राजस्थान के श्रीगंगानगर ज़िले के निवासी सतलुज नदी में कथित प्रदूषण के विरुद्ध तीव्र आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं, जिसका श्रेय वे पड़ोसी राज्य पंजाब की फैक्ट्रियों को देते हैं।
मुख्य बिंदु
- श्रीगंगानगर ज़िले में बाज़ार बंद रहे, क्योंकि निवासियों ने सतलुज नदी में कथित प्रदूषण के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन किया।
- पंजाब सरकार द्वारा STP (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) सुविधाओं के साथ जल को उपचारित करने के प्रयासों के बावजूद, जल की गुणवत्ता हानिकारक बनी हुई है, जिससे कथित तौर पर स्थानीय समुदायों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण की कार्रवाइयाँ:
- 2018 में, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने सतलुज और ब्यास नदियों में “अनियंत्रित औद्योगिक निर्वहन” के लिये पंजाब सरकार पर 50 करोड़ रुपए का ज़ुर्माना लगाया था ।
- 2021 में, NGT ने पंजाब को एक बार फिर चेतावनी दी और पंजाब तथा राजस्थान दोनों को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को त्रैमासिक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया, जिसमें नदियों में औद्योगिक अपशिष्ट के निर्वहन को रोकने के लिये उठाए गए कदमों का विवरण शामिल होना चाहिये।
सतलुज नदी
- सतलुज नदी का प्राचीन नाम ज़रद्रोस (प्राचीन यूनानी) शुतुद्रि या शतद्रु (संस्कृत) है।
- यह सिंधु नदी की पाँच सहायक नदियों में से सबसे लंबी है, जो पंजाब (जिसका अर्थ है "पांच नदियाँ") को अपना नाम देती हैं।
- झेलम, चिनाब, रावी, व्यास और सतलुज सिंधु की मुख्य सहायक नदियाँ हैं।
- यह दक्षिण-पश्चिमी तिब्बत में लांगा झील (Lake La’nga) में हिमालय की उत्तरी ढलान पर स्थित है।
- हिमालय की घाटियों से होकर उत्तर-पश्चिम की ओर तथा उसके बाद पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बहती हुई यह नदी हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है तथा उसे पार करती हुई नंगल के निकट पंजाब के मैदान से होकर बहती है।
- दक्षिण-पश्चिम की ओर एक विस्तृत चैनल में आगे बढ़ते हुए, यह ब्यास नदी से मिलती है (और पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले भारत-पाकिस्तान सीमा के 65 मील (105 किमी.) का निर्माण करती है तथा बहावलपुर के पश्चिम में चेनाब नदी में मिलने के लिये 220 मील (350 किमी.) बहती है।
- सतलुज नदी पाकिस्तान में प्रवेश करने से पहले फिरोज़पुर ज़िले के हरिके में ब्यास नदी से मिलती है।
- संयुक्त नदियाँ पंजनद का निर्माण करती हैं, जो पाँच नदियों और सिंधु के बीच का संबंध स्थापित करती हैं।
- लुहरी चरण-I जल विद्युत परियोजना हिमाचल प्रदेश के शिमला और कुल्लू ज़िलों में सतलुज नदी पर स्थित है।