लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

भूगोल

भारत की सीमा पार नदियाँ

  • 28 Aug 2024
  • 19 min read

प्रिलिम्स के लिये:

डंबूर बाँध, गोमती नदी, भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पार नदियाँ, नदियों को जोड़ने के लिये राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना, कोसी नदी

मेन्स के लिये:

भारत में सीमा पार नदियाँ और संबंधित मुद्दे, भारत तथा पड़ोसी देशों के बीच जल बँटवारे से जुड़े मुद्दे, जल प्रबंधन।

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों?

बांग्लादेश में हाल ही में भयंकर बाढ़ आई है, जिसके कारण यह चिंता उत्पन्न हो गई है कि पानी भारत के त्रिपुरा में स्थित डंबूर बाँध से पानी छोड़े जाने के कारण आ रहा है।

  • हालाँकि भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि बाढ़ बाँध से पानी छोड़े जाने के कारण नहीं, बल्कि दोनों देशों से होकर बहने वाली गुमटी नदी के बड़े जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण आई है।

गोमती नदी और डंबूर बाँध तथा डंबूर झील:

  • गोमती नदी:
    • इसे गोमती या गुमटी के नाम से भी जाना जाता है, जो त्रिपुरा से निकलती है और बांग्लादेश के कोमिला ज़िले से होकर बहती है।
    • गोमती नदी के दाहिने किनारे की सहायक नदियों में कांची गैंग (Kanchi Gang), पितृ गैंग (Pitra Gang), सैन गैंग (San Gang), मैलाक छारा (Mailak Chhara) और सुरमा छारा (Surma Chhara) शामिल हैं, जबकि बाएँ किनारे की सहायक नदियाँ एक छारी (Ek Chhari), महारानी छारा (Maharani Chhara) तथा गंगा हैं।
  • डंबूर बाँध:
    • यह त्रिपुरा में गोमती नदी पर बना है।
    • इसकी ऊँचाई 30 मीटर है और इससे बिजली ग्रिड में जाती है। बांग्लादेश त्रिपुरा से 40 मेगावाट (MW) बिजली लेता है।
  • डंबूर झील:
    • यह अगरतला के पास गंडचेर्रा में स्थित है और तीर्थमुख जलविद्युत परियोजना के निकट है, जो गोमती/गुमटी नदी का स्रोत है।
    • राइमा और सरमा नदियों के संगम से निर्मित यह नदी अपनी विविध मछली प्रजातियों के लिये जानी जाती है।
    • इस झील पर हर वर्ष 14 जनवरी को वार्षिक 'पौष संक्रांति मेला' आयोजित होता है।

भारत की पड़ोसी देशों से सीमा पार बहने वाली नदियाँ कौन-सी हैं?

  • भारत-बांग्लादेश: भारत और बांग्लादेश 54 नदियों को साझा करते हैं, जिसमें बांग्लादेश के माध्यम से बंगाल की खाड़ी में बहने वाली सबसे अधिक नदियाँ भारत से आती हैं। प्रमुख नदियाँ हैं:
    • गंगा (बांग्लादेश में पद्मा): यह प्रमुख नदी उत्तर भारत के गंगा के मैदान से होकर बांग्लादेश में प्रवेश करती है।
      • इसकी बायीं ओर की प्रमुख सहायक नदियों में गोमती, घाघरा, गंडक और कोसी शामिल हैं।
      • दाहिने तट की प्रमुख सहायक नदियों में यमुना, सोन, पुनपुन और दामोदर शामिल हैं।
        • घाघरा: तिब्बती पठार से निकलकर यह नदी पटना के निकट गंगा में मिलती है तथा विशेष रूप से मानसून के दौरान अपने उच्च प्रवाह के लिये प्रसिद्ध है।
        • सोन नदी: कैमूर पर्वतमाला से होकर बहती हुई यह नदी बिहार में पटना में गंगा में मिलने से पहले 487 मील की दूरी तय करती है।
      • बांग्लादेश में गंगा की केवल एक सहायक नदी महानंदा है, जबकि इसकी अन्य सहायक नदियाँ इच्छामती, नवगंगा, भैरब, कुमार, गोआरी मधुमती और अरियल खान हैं।
    • तीस्ता: यह नदी हिमालय से निकलती है और सिक्किम तथा पश्चिम बंगाल से होकर बहती हुई असम में ब्रह्मपुत्र एवं बांग्लादेश में यमुना (जिसे भारत में ब्रह्मपुत्र कहा जाता है) में मिल जाती है।
      • बांग्लादेश भारत से तीस्ता नदी के जल  के उचित आवंटन का समर्थन कर रहा है, जो वर्ष 1996 की गंगा जल संधि के समान है। हालाँकि यह अनुरोध सफल नहीं हुआ है।
      • भारत और बांग्लादेश के बीच वर्ष 1996 की गंगा जल संधि का उद्देश्य जल प्रवाह अधिकारों के विवादों को हल करना था, जो वर्ष 1975 में फरक्का बैराज के निर्माण के बाद उभरा था, जिसका उद्देश्य कलकत्ता बंदरगाह को बनाए रखने के लिये गंगा के जल को हुगली नदी की ओर मोड़ना था।।
    • फेनी: यह नदी त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से 135 किलोमीटर दक्षिण में बहती है। इसके 1,147 वर्ग किलोमीटर जलग्रहण क्षेत्र में से 535 वर्ग किलोमीटर भारत में है, जबकि शेष बांग्लादेश में है।
      •  यह भारत-बांग्लादेश सीमा का हिस्सा है। 
      • फेनी नदी पर 1.9 किलोमीटर लंबा पुल मैत्री सेतु भारत और बांग्लादेश को जोड़ने के लिये त्रिपुरा में बनाया गया है। 
      • फेनी नदी की कुछ उल्लेखनीय सहायक नदियों में मुहुरी नदी, रैडक नदी, चांदखीरा नदी, रियांग नदी और कुशियारा नदी शामिल हैं। 
    • कुशियारा नदी: यह बराक नदी की एक सहायक नदी है, जो भारत-बांग्लादेश सीमा पर अमलशीद विभाजन बिंदु से निकलती है, जहाँ बराक कुशियारा और सुरमा नदियों में विभाजित हो जाती है। 
      • यह असम से शुरू होती है और नागालैंड तथा मणिपुर से सहायक नदियों को अपने में समाहित करती है।
    • ब्रह्मपुत्र नदी: यह तिब्बत में कैलाश पर्वत के पास यारलुंग त्संगपो के रूप में चेमायुंगडुंग ग्लेशियर से निकलती है, जो भारत और बांग्लादेश से होकर प्रवाहित होती है तथा दोनों देशों के बीच एक प्राकृतिक सीमा बनाती है। 
      • यह बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय से होकर बहती है (जिसे जमुना कहा जाता है)।
      • इसकी प्रमुख सहायक नदियों में भारत में सुबनसिरी, कामेंग, मानस और धनसिरी नदियाँ तथा बांग्लादेश में तीस्ता नदी शामिल हैं। 
      • ब्रह्मपुत्र नदी बांग्लादेश में गंगा नदी से मिलती है और पद्मा नदी बनाती है, जो फिर मेघना नदी में मिल जाती है तथा मेघना मुहाना के माध्यम से बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
    • मेघना: भारत में बराक नदी असम के करीमगंज ज़िले में 2 धाराओं सूरमा और कुशियारा में विभाजित हो जाती है। सूरमा और कुशियारा बांग्लादेश के किशोरगंज ज़िले में फिर से मिल जाती हैंतथा मेघना के नाम से जानी जाती हैं। 
      • बांग्लादेश में चाँदपुर तक इसे ऊपरी मेघना के नाम से जाना जाता है और चाँदपुर में पद्मा से मिलने के बाद इसे लोवर मेघना के नाम से जाना जाता है।
    •  जमुना (भारत में ब्रह्मपुत्र कहा जाता है): जमुना ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी है, जो बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र के तीस्ता से मिलने के स्थान पर मुख्यधारा से अलग हो जाती है और बांग्लादेश में ग्वालुंडो घाट तक जमुना नाम से बहती है, जहाँ यह पद्मा नदी (भारत में गंगा कहा जाता है) से मिलती है।

  • भारत-चीन: चीन से भारत की ओर बहने वाली सीमा पार की नदियाँ दो मुख्य समूहों में आती हैं।
    • ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली: पूर्वी तरफ ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली, जिसमें सियांग नदी (ब्रह्मपुत्र नदी की मुख्य धारा) और उसकी सहायक नदियाँ, अर्थात् सुबनसिरी एवं लोहित शामिल हैं, जिसमें ब्रह्मपुत्र नदी को चीन में यालुज़ांगबू या त्सांगपो कहा जाता है; तथा 
    • सिंधु नदी प्रणाली: पश्चिमी ओर की सिंधु नदी प्रणाली, जिसमें सिंधु नदी और सतलुज नदी शामिल हैं। 
      • भारत और चीन ने दो समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं, जिसके तहत चीन इन दोनों नदियों के बारे में भारत को जल विज्ञान संबंधी जानकारी उपलब्ध करा सकेगा।

  • भारत-पाकिस्तान:
    • सिंधु नदी: सिंधु भारत में सीमा पार बहने वाली नदी है, जो पश्चिमी तिब्बत से निकलकर कश्मीर से उत्तर-पश्चिम में बहती है और फिर पाकिस्तान से दक्षिण-पश्चिम की ओर बहती हुई अंततः कराची के पास अरब सागर में मिल जाती है।
      •  सिंधु नदी और भारत से पश्चिम की ओर बहने वाली अन्य नदियों का जल स्वतंत्रता के बाद से ही भारत व पाकिस्तान के बीच एक विवादास्पद मुद्दा रहा है।
    • सतलुज: यह सिंधु नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है, जो तिब्बत में राक्षस झील से निकलती है।
      • यह नदी सिंधु नदी के समानांतर लगभग 400 किलोमीटर तक बहती हुई हिमाचल प्रदेश के शिपकी ला दर्रे से भारत में प्रवेश करती है तथा पंजाब से होकर आगे बढ़ती है।
      • वहाँ, यह ब्यास नदी से मिलती है, जो चेनाब नदी में मिलने से पहले भारत-पाकिस्तान सीमा का हिस्सा बनती है।
      • संयुक्त प्रवाह पंजनद नदी बनाता है, जो सिंधु नदी में मिल जाता है।
    •  चिनाब: यह सिंधु नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है, जो हिमाचल प्रदेश के तांडी में चंद्रा और भागा धाराओं के संगम से निकलती है।
      • अपने ऊपरी हिस्से में चंद्रभागा के नाम से जानी जाने वाली यह नदी जम्मू-कश्मीर से होकर पश्चिम की ओर बहती है और फिर दक्षिण-पश्चिम में पाकिस्तान में प्रवेश करती है। 
      • यह नदी पंजाब प्रांत के निचले जलोढ़ क्षेत्र में गिरती है और सतलुज नदी में मिलने से पहले त्रिमू के पास झेलम नदी से मिलती है।
    • झेलम:
      • कश्मीर घाटी में वेरीनाग झरने से निकलकर यह नदी जम्मू-कश्मीर और पंजाब से होकर बहती है। 
      • यह नदी श्रीनगर और वुलर झील से होकर गिलगित के पास एक घाटी से होकर पाकिस्तान में प्रवेश करती है तथा झंग के पास चिनाब नदी में मिल जाती है।
    • ब्यास:
      • ब्यास नदी हिमाचल प्रदेश में रोहतांग दर्रे के पास ब्यास कुंड से निकलती है। 
      • यह कुल्लू घाटी से होकर बहती है और पंजाब में हरिके स्थान पर सतलुज नदी में मिल जाती है।
    • रावी:
      • रावी नदी हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा ज़िले के बड़ा भंगाल से निकलती है। यह नदी बड़ा बाँसू, त्रेता, चनोता और उल्हांसा से होकर बहती है तथा पंजाब राज्य में प्रवेश करने से पहले 158 किलोमीटर की दूरी तय करती है।
      • सकी प्रसिद्ध सहायक नदियाँ बुढिल, सिउल, बलजेरी, छतरारी और बैरा हैं। 
    • वर्ष 1960 की सिंधु जल संधि के तहत व्यास, रावी और सतलुज नदियों का नियंत्रण भारत को तथा सिंधु, चिनाब व झेलम नदियों का नियंत्रण पाकिस्तान को आवंटित किया गया है।

  • भारत-नेपाल:
    • कोसी और गंडक नेपाल से भारत में बहने वाली प्रमुख नदियाँ हैं। अन्य महत्त्वपूर्ण नदियों में राप्ती, नारायणी तथा काली शामिल हैं।
    • नेपाल से भारत में प्रवेश करने वाली ये नदियाँ मुख्यतः तिब्बती पठार और हिमालय पर्वतमाला से निकलती हैं।
    • कोसी:
      • कोसी नदी चीन, नेपाल और भारत से होकर बहने वाली एक अंतर्राष्ट्रीय नदी है, जो गंगा की एक प्रमुख सहायक नदी है।
      • हिमालय में सुन कोसी, अरुण कोसी व तमूर कोसी के संगम से निकलकर यह नदी नेपाल और बिहार से होकर बहती हुई बिहार में गंगा में मिल जाती है।
      • कोसी अपनी निरंतर बदलती धारा और बाढ़ के लिये जानी जाती है, जिसके कारण इसे "बिहार का शोक" उपनाम दिया गया है।
    • गंडक:
      • इसे गंडकी या नारायणी नदी के नाम से भी जाना जाता है, यह उत्तरी भारत और नेपाल से होकर बहती है।
      • इसका उद्गम तिब्बत में नेपाल सीमा के पास 7,620 मीटर की ऊँचाई पर होता है।
      • यह पटना के पास गंगा में मिलने से पहले बिहार और उत्तर प्रदेश से होकर बहती है।
      • इसकी प्रमुख सहायक नदियों में मायांगदी, बारी, त्रिशूली, पंचंद, सरहद और बूढ़ी गंडक शामिल हैं।
    • शारदा/काली/महाकाली नदी:
      • इसका उद्गम उत्तराखंड के कालापानी से होता है। यह नेपाल और भारत की पश्चिमी सीमा पर बहती है।
      • घाघरा नदी में मिलने और काली नदी के रूप में पहाड़ियों से गुजरने के बाद, यह तराई क्षेत्रों में प्रवेश करती है जहाँ इसे शारदा नदी के नाम से जाना जाता है।
      • इस नदी पर सिंचाई और पनबिजली/जलविद्युत के लिये भारत-नेपाल की संयुक्त परियोजना पंचेश्वर बाँध स्थित है।
      • भारत और नेपाल परंपरागत रूप से सुगौली संधि, 1816 की व्याख्या पर असहमत रहे हैं, जिसने नेपाल में महाकाली नदी के साथ सीमा का सीमांकन किया था, दोनों देशों के बीच इस बात पर मतभेद है कि कौन-सी धारा नदी का स्रोत है।

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न. भारत की प्रमुख सीमा पार नदियाँ कौन-सी हैं? भारत में सीमा पार नदियों के प्रबंधन में चुनौतियों और अवसरों की जाँच कीजिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स 

प्रश्न. तीस्ता नदी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)

  1. तीस्ता नदी का उद्गम वही है जो ब्रह्मपुत्र का है, लेकिन यह सिक्किम से होकर बहती है।
  2. रंगीत नदी की उत्पत्ति सिक्किम में होती है और यह तीस्ता नदी की एक सहायक नदी है।
  3. तीस्ता नदी भारत एवं बांग्लादेश की सीमा पर बंगाल की खाड़ी में जा मिलती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)


प्रश्न. सिंधु नदी प्रणाली के संदर्भ में, निम्नलिखित चार नदियों में से तीन नदियाँ इनमें से किसी एक नदी में मिलती हैं जो सीधे सिंधु नदी से मिलती है। निम्नलिखित में से वह नदी कौन-सी है, जो सिंधु नदी से सीधे मिलती है? (2021) 

(a) चेनाब         
(b) झेलम
(c) रावी           
(d) सतलुज

उत्तर: (d)


प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2019)

हिमनद

नदी

1

बंदरपूँछ

यमुना

2

बारा शिग्री

चेनाब

3

मिलाम

मंदाकिनी

4

सियाचिन

नुब्रा 

5

ज़ेमू

मानस

उपर्युक्त में से कौन-से युग्म सही सुमेलित हैं?

(a) 1, 2 और 4
(b) 1, 3 और 4
(c) 2 और 5
(d) 3 और 5

उत्तर: (a)


मेन्स

प्रश्न 1. सिंधु जल संधि का एक विवरण प्रस्तुत कीजिये तथा बदलते हुए द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में उसके पारिस्थितिक, आर्थिक एवं राजनीतिक निहितार्थों का परीक्षण कीजिये। (2016)

प्रश्न 2. नमामी गंगे और स्वच्छ गंगा का राष्ट्रीय मिशन (एन.एम.सी.जी.) कार्यक्रमों पर तथा इससे पूर्व की योजनाओं से मिश्रित परिणामों के कारणों पर चर्चा कीजिये। गंगा नदी के परिरक्षण में कौन-सी प्रमात्रा छलांगें, क्रमिक योगदानों की अपेक्षा ज्यादा सहायक हो सकती हैं? (2015)

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2