पीलीभीत टाइगर रिजर्व | 19 Mar 2025

चर्चा में क्यों?

पीलीभीत टाइगर रिज़र्व (PTR) नेपाल से आने वाले गैंडों के लिये एक नया अभयारण्य बनने की ओर अग्रसर है, जहाँ उनके लिये स्थायी आवास स्थापित करने के प्रयास तेज़ी से चल रहे हैं।

मुख्य बिंदु 

  • पीलीभीत टाइगर रिज़र्व का लग्गा-भग्गा क्षेत्र नेपाल की शुक्लाफांटा सेंचुरी से सटा हुआ है, जिसके कारण नेपाली गैंडे अक्सर यहाँ आवाजाही करते रहते हैं। 
  • इस क्षेत्र में घास के समृद्ध मैदान, पर्याप्त जल स्रोत और निर्बाध वन्यजीव गलियारे मौजूद हैं, जो इसे गैंडों की स्थिर आबादी के लिये एक आदर्श वातावरण बनाते हैं।
  • 'प्रोजेक्ट राइनो' के तहत असम और नेपाल से गैंडों का स्थानांतरण किया जाएगा।
  • महत्त्व और लाभ
    • यह परियोजना गैंडों की घटती आबादी को संरक्षित करने के साथ-साथ वन्यजीव पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाएगी।
    • पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
    • सुरक्षित और सीमांकित क्षेत्र होने से गैंडों के कृषि भूमि में भटकने की समस्या कम होगी, जिससे किसानों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष को रोका जा सकेगा।
  • पीलीभीत टाइगर रिज़र्व: 

प्रोजेक्ट राइनो 

  • भारत में प्रोजेक्ट राइनो एक महत्वपूर्ण संरक्षण पहल है, जिसका उद्देश्य घटती आबादी वाले एक सींग वाले गैंडों को बचाना है। 
  • इसकी शुरुआत 1980 के दशक में हुई थी, जब गैंडों के विलुप्त होने के खतरे को गंभीरता से पहचाना गया। 
  • यह एक बहुआयामी कार्यक्रम के रूप में विकसित हुआ, जिसमें आवास संरक्षण, सामुदायिक सहभागिता, कानूनी प्रवर्तन और वैज्ञानिक अनुसंधान जैसी प्रमुख रणनीतियाँ शामिल हैं।