जागरुकता अभियान का आयोजन | 13 Feb 2025
चर्चा में क्यों?
बेटी बचाओ बेटी पढाओं’ अभियान के 10 वर्ष पूरे होने पर बैतूल के शासकीय बालिका छात्रावास में जागरुकता अभियान का आयोजन किया गया।
मुख्य बिंदु
- उद्देश्य: इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बेटियों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना और समाज में उनके अधिकारों को लेकर सकारात्मक सोच विकसित करना था।
- इस अभियान के दौरान, बालिकाओं को पॉक्सो एक्ट, चाइल्ड हेल्पलाइन (1098), वन स्टॉप सेंटर की सेवाओं और माहवारी स्वच्छता प्रंबधन पर जानकारी दी गई।
- POCSO एक्ट 14 नवंबर, 2012 को लागू हुआ, जो वर्ष 1992 में बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के भारत के अनुसमर्थन के परिणामस्वरूप अधिनियमित किया गया था।
- इसका उद्देश्य बच्चों के यौन शोषण और यौन उत्पीड़न के अपराधों को रोकना है।
- यह अधिनियम 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को बच्चे के रूप में परिभाषित करता है। और अपराध की गंभीरता के आधार पर सज़ा का प्रावधान करता है। वर्ष 2019 में इस कानून की समीक्षा कर इसमें संशोधन किया गया, जिसमें बच्चों के यौन शोषण के मामलों में मृत्युदंड जैसे कठोर दंड का प्रावधान किया गया।
- भारत सरकार ने POCSO नियम, 2020 को भी अधिसूचित कर दिया है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ:
- परिचय: 22 जनवरी 2025 को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) योजना के शुभारंभ के 10 वर्ष पुरे हो गए हैं।
- इसे 22 जनवरी 2015 में लिंग चयनात्मक गर्भपात (Sex Selective Abortion) और गिरते बाल लिंग अनुपात (Declining Child Sex Ratio) को संबोधित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, जो 2011 में प्रति 1,000 लड़कों पर 918 लड़कियाँ था।
- यह महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है।
- मुख्य उद्देश्य:
- लिंग आधारित चयन पर रोकथाम।
- बालिकाओं के अस्तित्व और सुरक्षा को सुनिश्चित करना।
- बालिकाओं के लिये शिक्षा की उचित व्यवस्था तथा उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना।
- बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा करना।