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State PCS Current Affairs

मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में नक्सलियों का उन्मूलन किया जाएगा

  • 08 Mar 2025
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वर्ष 2026 तक नक्सल मुक्त भारत के संकल्प को पूरा करने हेतु उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

मुख्य बिंदु 

  • सरकार की प्रतिबद्धता:
    • मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश में नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिये राज्य सरकार गंभीर और सक्रिय है।
  • दिशा-निर्देश:
    • नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के लिये राज्य सरकार के प्रयासों का समन्वय किया जाए।
    • संचार सुविधाओं को बढ़ाने हेतु मोबाइल टावरों की स्थापना को प्राथमिकता दी जाए।
    • नए सुरक्षा कैंपों की स्थापना के लिये हॉक फोर्स बल में वृद्धि की स्वीकृति दी जाए।
    • प्रदेश से माओवादी समस्या के उन्मूलन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और इसके लिये समवेत प्रयास किये जाएँ।
    • नक्सल प्रभावित ज़िलों के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आवागमन को सुगम बनाने हेतु निर्माणाधीन सड़क निर्माण कार्य शीघ्र पूरा किया जाए।
    • इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने नक्सल गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने और पुलिस मुख्यालय तथा ज़िला प्रशासन के स्तर पर लगातार समीक्षा करने के निर्देश दिये हैं।
  • राज्यों के बीच समन्वय:
    • बैठक में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के संयुक्त प्रयासों पर चर्चा हुई, जो नक्सलवाद से निपटने हेतु बढ़ते अंतर्राज्यीय सहयोग को दर्शाता है।

नक्सलवाद

  • परिचय: 
    • नक्सलवाद शब्द की उत्पत्ति पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी गाँव से हुई है। 
    • इसकी शुरुआत स्थानीय ज़मींदारों के खिलाफ विद्रोह के रूप में हुई, जिन्होंने भूमि विवाद को लेकर एक किसान की पिटाई की थी। 
    • यह आंदोलन जल्द ही पूर्वी भारत के छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे अल्प विकसित क्षेत्रों में फैल गया। 
    • वामपंथी उग्रवादियों (LWE) को दुनिया भर में माओवादी और भारत में नक्सलवादी के नाम से जाना जाता है। 
  • उद्देश्य: 
    • वे सशस्त्र क्रांति के माध्यम से भारत सरकार को उखाड़ फेंकने और माओवादी सिद्धांतों पर आधारित साम्यवादी राज्य की स्थापना की वकालत करते हैं।
    • वे राज्य को दमनकारी, शोषक और शासक अभिजात वर्ग के हितों की सेवा करने वाला मानते हैं तथा सशस्त्र संघर्ष और जनयुद्ध के माध्यम से सामाजिक-आर्थिक शिकायतों को दूर करना चाहते हैं।


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