उत्तर प्रदेश में देश का पहला टेक्सटाइल मशीन पार्क | 28 Mar 2025

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्री ने घोषणा की है कि देश का पहला टेक्सटाइल मशीन पार्क कानपुर के निकट 875 एकड़ भूमि पर स्थापित किया जाएगा।

मुख्य बिंदु

  • पार्क के बारे में:
    • यह पार्क कानपुर के निकट भोगनीपुर क्षेत्र के चपरघटा गाँव में विकसित किया जाएगा। 
    • यह पार्क PPP (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर विकसित किया जाएगा, जिससे आयात पर निर्भरता घटेगी और मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलेगा। 
    • इस पार्क का उद्देश्य टेक्सटाइल उद्योग में उपयोग होने वाली मशीनों का देश में ही निर्माण करना है, जिन्हें वर्तमान में चीन, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, ताइवान और यूरोप जैसे देशों से आयात किया जाता है। 
    • इस परियोजना के तहत 200 से अधिक बड़ी और मध्यम इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी, जिससे करीब 1.5 लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा। 
    • इसके अलावा, इस पार्क से 30,000 करोड़ रुपए तक के निर्यात का अनुमान है।
    • अभी तक भारत सर्कुलर निटिंग मशीन, फ्लैट निटिंग मशीन, डाइविंग मशीन, प्रिंटिंग मशीन, सिलाई मशीन, पेशेंट गाउन मशीन और तकनीकी टेक्सटाइल मशीनों का आयात करता है, लेकिन अब इनका निर्माण उत्तर प्रदेश में ही किया जाएगा
    • इससे न केवल मशीनों की लागत 40% तक कम होगी, बल्कि इनकी रिपेयरिंग और मेंटेनेंस के लिये स्थानीय स्तर पर तकनीकी विशेषज्ञ भी तैयार किये जाएंगे
  • उत्तर प्रदेश में टेक्सटाइल सेक्टर 
    • उत्तर प्रदेश सरकार टेक्सटाइल सेक्टर में तीव्र गति से प्रगति कर रहा हैयहाँ बनारसी सिल्क, चिकनकारी, हैंडलूम और पावरलूम उद्योग काफी प्रसिद्ध हैं।
    • सरकार ने टेक्सटाइल और अपैरल नीति-2022 के तहत टेक्सटाइल उद्योग को सशक्त बनाने और राज्य को टेक्सटाइल हब के रूप में विकसित करने के लिये कई पहल की हैं। 
    • इसके तहत लखनऊ के पास पीएम मित्र पार्क सहित राज्य के 10 ज़िलों में 10 नए टेक्सटाइल पार्क स्थापित किये जा रहे हैं। 
    • वर्ष 2030 तक भारत का टेक्सटाइल बाज़ार 350 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।

मेक इन इंडिया पहल: 

  • परिचय: 
    • वर्ष 2014 में इस अभियान को निवेश को सुविधाजनक बनाने, नवाचार एवं कौशल विकास को बढ़ावा देने, बौद्धिक संपदा की रक्षा करने तथा सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण बुनियादी ढाँचे का निर्माण करने के लिये शुरू किया गया था।
    • इसका नेतृत्त्व उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade- DPIIT), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है।
    • यह पहल दुनिया भर के संभावित निवेशकों और भागीदारों को 'न्यू इंडिया' की विकास गाथा में भाग लेने हेतु एक खुला निमंत्रण है।
    • मेक इन इंडिया ने 27 क्षेत्रों में पर्याप्त उपलब्धियांँ हासिल की हैं। इनमें विनिर्माण और सेवाओं के रणनीतिक क्षेत्र भी शामिल हैं।
  • उद्देश्य:
    • नए औद्योगीकरण के लिये विदेशी निवेश को आकर्षित करना और चीन से आगे निकलने के लिये भारत में पहले से मौजूद उद्योग आधार का विकास करना।
    • मध्यावधि में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि को 12-14% वार्षिक करने का लक्ष्य।
    • देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी को वर्ष 2022 तक 16% से बढ़ाकर 25% करना।
    • वर्ष 2022 तक 100 मिलियन अतिरिक्त रोज़गार सृजित करना।
    • निर्यात आधारित विकास को बढ़ावा देना।