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राष्ट्रीय हथकरघा दिवस

  • 07 Aug 2024
  • 2 min read

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में 7 अगस्त, 2024 को 10वाँ राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया गया। यह दिवस वर्ष 2015 से मनाया जा रहा है और यह 7 अगस्त, 1905 को स्वदेशी आंदोलन के शुभारंभ का प्रतीक है, जो घरेलू हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने वाले स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा था।

  • अद्वितीय हथकरघा उत्पाद: बनारसी, जामदानी, बालूचरी, मधुबनी, कोसा, इक्कत, पटोला, टसर सिल्क, माहेश्वरी, मोइरंग फी, फुलकारी, लहेरिया, खंडुआ और तंगलिया।
    • हथकरघा कपड़े आमतौर पर उच्च गुणवत्ता वाले प्राकृतिक रेशों जैसे कपास, लिनन, रेशम और ऊन से बनाए जाते हैं, जो लचीले होते हैं और लंबे समय तक चलते हैं।
  • सरकारी पहल:
    • राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (NHDP): हथकरघा समूहों को वित्तीय सहायता, विपणन सहायता और पुरस्कार प्रदान करता है। 10,000 करघों के लिये 30 करोड़ रुपए के साथ मेगा क्लस्टरों को वित्तपोषित करने की योजना है।
    • बाज़ार पहुँच पहल (MAI): बाज़ार अनुसंधान, अंतर्राष्ट्रीय विपणन और छोटे उद्योगों के लिये समर्थन के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देता है। यह मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगा।
    • कच्चा माल आपूर्ति योजना (RMSS): यह योजना सब्सिडीयुक्त धागा उपलब्ध कराती है, रंगाई सुविधाओं में सुधार करती है, तथा हथकरघा बुनकरों को माल ढुलाई प्रतिपूर्ति और मूल्य सब्सिडी प्रदान करती है, जो 2025-26 तक प्रभावी रहेगी।
  • हथकरघा निर्यात संवर्द्धन परिषद (HPEC) वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत एक गैर-लाभकारी एजेंसी है जिसका उद्देश्य कपड़े, घरेलू सामान और कालीन जैसे हथकरघा उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना है।

अधिक पढ़ें: हथकरघा क्षेत्र में सुधार

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