मीनाकारी कला | 07 Apr 2025

चर्चा में क्यों? 

थाईलैंड की यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने थाईलैंड की प्रधानमंत्री शिनावात्रा के पति, पिटक सुकसावत को मीनाकारी कला से सजाए गए बाघ के रूप वाले कफलिंक उपहार में दिये।

मुख्य बिंदु 

  • मीनाकारी कला के बारे में:
    • मीनाकारी कला विशेष रूप से राजस्थान और गुजरात राज्यों में प्रचलित है। 
    • यह धातु की सतह पर खनिज पदार्थों को मिलाकर सजाने की कला है। 
    • इसमें पक्षियों, फूलों और पत्तियों के नाटकीय रूपांकनों को चमकीले रंगों के साथ विभिन्न प्रकार की धातुओं पर चित्रित या अलंकृत किया जाता है।
    • इस कला की उत्पत्ति फारस (ईरान) में हुई थी और भारत में यह कला 16वीं सदी में मुगल शासन के साथ आई। 
    • इस कला में धातु, पत्थर और कपड़ों पर रंग और डिज़ाइन बनाने के लिये काँच के बारीक पाउडर का उपयोग किया जाता है। 
    • मीनाकारी कला के प्रमुख कलाकारों में कुदरत सिंह को इस कला का जादूगर माना जाता है और उन्हें वर्ष 1968 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • कफलिंक्स की विशेषताएँ
    • ये इस कला की समृद्धता को दर्शाते हैं। 
    • इन कफ़लिंक्स में राजसी बाघ के चेहरे की आकृति साहस और नेतृत्व का प्रतीक है। 
    • इन्हें उच्च गुणवत्ता वाली चाँदी पर सोने की परत चढ़ाकर तैयार किया गया है और इसमें जीवंत तामचीनी का काम किया गया है, जो भारत की समृद्ध आभूषण परंपराओं को प्रस्तुत करता है।