छत्तीसगढ़
माओवादी विद्रोह में कमी
- 13 Jul 2024
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चर्चा में क्यों?
वर्ष 2024 में भारत में माओवाद से संबंधित 162 मृत्यु हुई, जिनमें से छत्तीसगढ़ में 141 मृत्यु हुई।
- यह वर्ष 2004 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) (CPI-M) की स्थापना के बाद से मुख्यतः आदिवासी बहुल राज्य में चरमपंथियों के लिये सबसे अधिक दुर्घटनाओं में से एक है।
मुख्य बिंदु:
- वर्ष 2009 में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के CoBRA बल और छत्तीसगढ़ पुलिस के "सर्च तथा कोंब" अभियान के तहत शुरू किये गए "ऑपरेशन ग्रीन हंट" के कारण भारत में माओवादी गतिविधियों में कमी आई।
- यद्यपि माओवादियों की मृत्यु की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन सुरक्षा बल कर्मियों की मृत्यु में कमी आई है।
- वर्ष 2024 में उग्रवाद में 14 सुरक्षा बल कर्मियों की मृत्यु हुई, जबकि वर्ष 2007 में यह संख्या सर्वाधिक 198 थी।
- वर्ष 2014 के बाद से नागरिकों की मृत्यु की संख्या भी सबसे कम रही है, माओवादी हमलों में 23 लोग मारे गए।
- गहन अभियान के कारण बीज़ापुर और पड़ोसी सुकमा में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 20 शिविर हैं।
- कांकेर में BSF और ज़िला रिज़र्व गार्ड के संयुक्त अभियान में एक शीर्ष कमांडर समेत 29 माओवादी मारे गए। दंतेवाड़ा, जिसे वर्ष 2021 में 'माओवादी मुक्त' घोषित किया गया है, में वर्ष 2024 में केवल 15 माओवादी मारे गए।
ग्रेहाउंड्स
- यह एक विशिष्ट माओवादी विरोधी बल है जिसकी स्थापना वर्ष 1989 में IPS अधिकारी के.एस.व्यास ने आंध्र प्रदेश में बढ़ते माओवादी खतरे से निपटने के लिये की थी।
- इसके सदस्य गुरिल्ला और वन युद्ध में अच्छी तरह प्रशिक्षित हैं।
ऑपरेशन ग्रीन हंट
- ऑपरेशन ग्रीन हंट नक्सलवादियों के विरुद्ध अर्द्धसैनिक बलों और राज्य बलों द्वारा चलाया गया एक सैन्य अभियान था।
- यह अभियान नवंबर 2009 में "रेड कॉरिडोर" के 5 राज्यों में शुरू हुआ।
रेड कॉरिडोर
- रेड कॉरिडोर भारत के मध्य, पूर्वी और दक्षिणी भागों का वह क्षेत्र है जो गंभीर नक्सलवादी-माओवादी विद्रोह का अनुभव करता है।
- इसमें छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल राज्य शामिल हैं।