पश्चिम बंगाल के सालबोनी में प्रमुख ताप विद्युत परियोजना स्थापित की जाएगी | 21 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पश्चिम मेदिनीपुर ज़िले में स्थित सालबोनी में ₹16,000 करोड़ की ताप विद्युत परियोजना की आधारशिला रखने वाली हैं। यह पिछले 14 वर्षों में पश्चिम बंगाल के कोर सेक्टर में सबसे बड़ा निजी निवेश है।
मुख्य बिंदु
- परिचय:
- इस परियोजना से 1600 मेगावाट का ताप विद्युत संयंत्र स्थापित होगा, जिसे 800 मेगावाट की दो इकाइयों में विभाजित किया जाएगा।
- पहली इकाई चार वर्षों में तथा दूसरी इकाई पाँचवें वर्ष में शुरू होने की संभावना है।
- इसे जिंदल साउथ वेस्ट (JSW) एनर्जी द्वारा डिज़ाइन-निर्माण-वित्त-स्वामित्व-संचालन (DBFOO) मॉडल के तहत विकसित किया जा रहा है।
- ऊर्जा एवं संसाधन संबंध:
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कोल इंडिया लिमिटेड शक्ति B(IV) योजना के माध्यम से संयंत्र के लिये कोयले की आपूर्ति करेगा।
आर्थिक और औद्योगिक प्रभाव:
- निर्माण के चरम पर, परियोजना से 4,000-6,000 लोगों को रोज़गार मिलने तथा परिचालन शुरू होने पर 800-1,000 स्थायी रोज़गार सृजित होने की आशा है।
- यह पश्चिमी पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने के उद्योग के पुनरुद्धार की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- भविष्य की विस्तार योजनाएँ:
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बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट 2025 में सज्जन जिंदल (अध्यक्ष, JSW ग्रुप) ने एक और बड़े निवेश के साथ संयंत्र की क्षमता को दोगुना करने की योजना की घोषणा की।
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दुर्गापुर, बकरेश्वर और संतालडीह में अतिरिक्त ताप विद्युत परियोजनाओं की भी योजना बनाई गई है।
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राज्य सरकार और JSW समूह सालबोनी में एक नया औद्योगिक पार्क स्थापित करने की भी योजना बना रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में प्रमुख ताप विद्युत संयंत्र
- बंदेल थर्मल पावर स्टेशन (भागीरथी नदी के पश्चिमी तट पर स्थित, हुगली ज़िला)
- बकरेश्वर थर्मल पावर प्लांट (बीरभूम ज़िला)
- कोलाघाट थर्मल पावर स्टेशन (पूर्व मेदिनीपुर ज़िला)
- सागरदीघी थर्मल पावर प्लांट (मुर्शिदाबाद ज़िला)
- संतालडीही थर्मल पावर स्टेशन (पुरुलिया ज़िला)
शक्ति योजना
- कोयला मंत्रालय ने वर्ष 2017 में भारत में पारदर्शी तरीके से कोयला (कोयला) दोहन और आवंटन योजना (शक्ति) शुरू की थी।
- शक्ति (SHAKTI) नीति विद्युत क्षेत्र को कोयला आवंटित करने का एक पारदर्शी तरीका है।
- शक्ति पैरा B (iv) के अंतर्गत गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, असम और केरल राज्यों को क्रमशः 4000 मेगावाट, 5600 मेगावाट, 6740 मेगावाट, 3299 मेगावाट, 1600 मेगावाट, 2000 मेगावाट, 4100 मेगावाट, 500 मेगावाट और 500 मेगावाट क्षमता के लिये कोयला लिंकेज निर्धारित किये गए।