मध्य प्रदेश में नदियों का प्रदूषण | 17 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश की कई प्रमुख नदियों में प्रदूषण बढ़ रहा है, जो राज्य के पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिये गंभीर चिंता का विषय है।
मुख्य बिंदु:
- पिछले 15 वर्षों में लोकसभा, विधानसभा और शहरी निकाय चुनावों में नर्मदा, क्षिप्रा तथा बेतवा जैसी प्रमुख नदियों की सफाई एक निरंतर मुद्दा रही है।
- नमामि गंगे मिशन और राष्ट्रीय नदी संरक्षण जैसी विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के बावजूद, क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों तथा ज़िम्मेदार अधिकारियों की रुचि एवं प्रतिबद्धता की कमी के कारण प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
- मध्य प्रदेश की जीवन रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी की हालत विशेष तौर पर प्रदूषण के मामले में गंभीर है।
- नर्मदा के अलावा माही, ताप्ती, काली सिंध, चंबल, पार्वती, धसान, केन, सिंध, कूनो, क्षिप्रा, बेतवा और दक्षिण से गंगा में मिलने वाली सबसे बड़ी सहायक सोन नदी जैसी अन्य महत्त्वपूर्ण नदियों में भी हैं प्रदूषण के बढ़ते स्तर दर्ज किये गए हैं।
नमामि गंगे
- नमामि गंगे कार्यक्रम एक एकीकृत संरक्षण मिशन है, जिसे प्रदूषण के प्रभावी उन्मूलन और राष्ट्रीय नदी गंगा के संरक्षण एवं कायाकल्प के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिये जून 2014 में केंद्र सरकार द्वारा 'प्रमुख कार्यक्रम' के रूप में अनुमोदित किया गया था।
- इसका संचालन जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग के तहत किया जा रहा है।
- यह कार्यक्रम NMCG और उसके राज्य समकक्ष संगठनों यानी राज्य कार्यक्रम प्रबंधन समूहों (SPMG) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- नमामि गंगे कार्यक्रम (2021-26) के द्वितीय चरण में, राज्यों द्वारा विलंब को कम करते हुए, परियोजनाओं को तेज़ी से पूरा करने और गंगा के सहायक शहरों में परियोजनाओं के लिये बैंक योग्य विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- छोटी नदियों और आर्द्रभूमियों के पुनरुद्धार पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
- भविष्य के लिये प्रत्येक गंगा ज़िले को कम-से-कम 10 आर्द्रभूमियों के लिये वैज्ञानिक योजनाएँ और स्वास्थ्य कार्ड विकसित करने होंगे तथा उपचारित जल व अन्य उप-उत्पादों के पुन: उपयोग के लिये नीतियाँ अपनानी होंगी।
राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (National River Conservation Plan- NRCP)
- NRCP वर्ष 1995 में शुरू की गई एक केंद्रीय वित्त पोषित योजना है जिसका उद्देश्य नदियों के प्रदूषण को रोकना है।
- राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (NRCP) और राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (NGRBA) के तहत नदी संरक्षण के कार्यक्रम क्रियान्वित किये जा रहे हैं।
- राष्ट्रीय गंगा परिषद्, जिसे राष्ट्रीय गंगा नदी कायाकल्प, संरक्षण और प्रबंधन परिषद् के रूप में भी जाना जाता है, ने NRGBA का स्थान ले लिया है।