प्रारंभिक परीक्षा
केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना
- 16 Oct 2023
- 4 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप हाल ही में केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना (Ken-Betwa River Link Project- KBLP) को वन संबंधी अंतिम मंज़ूरी मिल गई है। यद्यपि परियोजना को वनों से संबंधित मंज़ूरी प्राप्त हो चुकी है लेकिन वन्यजीवों से संबंधित मंज़ूरी भारत के सर्वोच्च न्यायालय में जाँच के अधीन है।
- इस परियोजना के लिये वन संबंधी मंज़ूरी के लिये दो प्रमुख शर्तों को पूरा करना आवश्यक है: पहला इसकी नहर को पुनः व्यवस्थित करना और दूसरा प्रस्तावित बिजलीघरों को वन भूमि से दूर स्थानांतरित करना, क्योंकि इन दोनों ही मामलों के साथ संभावित पर्यावरणीय प्रभाव भी जुड़े हुए हैं।
परियोजना के विषय में:
- परिचय:
- KBLP नदियों को जोड़ने की राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (National Perspective Plan- NPP) के तहत पहली परियोजना है, इसका उद्देश्य जल की कमी को दूर करने और सिंचाई में वृद्धि करने के उद्देश्य से एक नदी बेसिन से अधिशेष जल को दूसरे नदी बेसिन में अंतरित करना है।
- KBLP में मध्य प्रदेश में केन नदी से उत्तर प्रदेश में बेतवा नदी तक जल अंतरण शामिल है, ये दोनों ही यमुना की सहायक नदियाँ हैं।
- KBLP नदियों को जोड़ने की राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (National Perspective Plan- NPP) के तहत पहली परियोजना है, इसका उद्देश्य जल की कमी को दूर करने और सिंचाई में वृद्धि करने के उद्देश्य से एक नदी बेसिन से अधिशेष जल को दूसरे नदी बेसिन में अंतरित करना है।
- परियोजना के चरण:
- परियोजना के दो चरण हैं, जिनमें मुख्य रूप से चार घटक शामिल हैं:
- पहले चरण में एक घटक शामिल होगा: दौधन बाँध कॉम्प्लेक्स और इसकी सहायक इकाइयाँ, जैसे; निम्न-स्तरीय सुरंग, उच्च-स्तरीय सुरंग, केन-बेतवा लिंक नहर एवं बिजलीघर।
- दूसरे चरण में तीन घटक शामिल होंगे: उर नदी (बेतवा की एक सहायक नदी) पर लोअर उर बाँध, बीना कॉम्प्लेक्स परियोजना और कोठा बैराज।
- परियोजना के दो चरण हैं, जिनमें मुख्य रूप से चार घटक शामिल हैं:
- महत्त्व:
- बहुउद्देशीय बाँध के निर्माण से न केवल जल संरक्षण में तेज़ी आएगी बल्कि 103 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन भी होगा और लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी।
- लिंकिंग नहर छतरपुर, टीकमगढ़ और झाँसी ज़िलों से होकर प्रवाहित होगी, इस परियोजना से प्रतिवर्ष लगभग 6.3 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होने का अनुमान है।
- चिंताएँ:
- पन्ना टाइगर रिज़र्व के महत्त्वपूर्ण बाघ आवास स्थल से गुज़रने जैसी वन्यजीव संरक्षण संबंधी चिंताओं के कारण इस परियोजना को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal- NGT) से अभी तक मंज़ूरी नहीं मिल सकी है।
केन और बेतवा नदियाँ:
- केन तथा बेतवा नदियों का उद्गम मध्य प्रदेश होता है और ये दोनों यमुना की सहायक नदियाँ हैं।
- केन नदी उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के पास यमुना नदी से मिलती है और बेतवा उत्तर प्रदेश के हमीरपुर ज़िले में यमुना से मिलती है।
- राजघाट, पारीछा और माताटीला बाँध बेतवा नदी पर स्थित हैं।
- केन नदी पन्ना टाइगर रिज़र्व से होकर गुज़रती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नमेन्स:प्रश्न. नदियों का आपस में जोड़ना से सूखा, बाढ़ और बाधित जल-परिवहन जैसी बहु-आयामी अंतरसंबंधित समस्याओं का व्यवहार्य समाधान दे सकता है। आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये। (2020) |