मध्य प्रदेश STSF ने विदेशी सामान ज़ब्त किया | 29 May 2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश राज्य टाइगर स्ट्राइक फोर्स (STSF) ने देवास ज़िले में छापेमारी के दौरान एक इगुआना और एक एम्परर स्कॉर्पियन को ज़ब्त किया। यह कार्रवाई संशोधित वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972) के नियम 49 M के तहत पहली बार लागू की गई।

धारा 49 M में CITES के परिशिष्टों और अधिनियम की अनुसूची IV में सूचीबद्ध जीवित अनुसूचित पशु प्रजातियों के अधिकरण के पंजीकरण, हस्तांतरण तथा जन्म व मृत्यु की रिपोर्टिंग का प्रावधान है।

मुख्य बिंदु:

  • दोनों प्रजातियों को WPA 1972 और CITES विनियमों की अनुसूची IV के परिशिष्ट II में वर्गीकृत किया गया है, जिसके तहत व्यापार तथा कैद में रखने के लिये विशेष परमिट की आवश्यकता होती है।
  • बचाए गए जीवों को फिलहाल इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है।
  • यह घटना हाल ही में जीवित पशु प्रजाति (रिपोर्टिंग और पंजीकरण) नियम, 2024 के लागू होने के साथ मेल खाती है, जिसके तहत 31 अगस्त 2024 तक PARIVESH पोर्टल पर CITES-सूचीबद्ध पशुओं के अधिकरण, जन्म और मृत्यु का ऑनलाइन पंजीकरण कराना आवश्यक है।
  • इसका अनुपालन न करने पर वैधानिक परिणाम भुगतने होंगे।

जीवित पशु प्रजातियाँ (रिपोर्टिंग और पंजीकरण) नियम, 2024

  • मुख्य प्रावधान:
    • इन प्रजातियों को वन्य जीव और वनस्पति की संकटग्रस्त प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
      • यह पंजीकरण आवश्यकता जीव-जंतुओं के किसी भी हस्तांतरण या उनकी संतति के जन्म पर भी लागू होती है, नियम ऐसे पंजीकरण की प्रक्रिया निर्धारित करता है।
      • इसमें कहा गया है कि सूचीबद्ध पशु प्रजातियों में से किसी भी जीवित सैंपल को रखने वाले सभी व्यक्तियों को इन नियमों के लागू होने की तिथि से छह महीने की अवधि के भीतर और उसके बाद ऐसी पशु प्रजातियों के अधिकरण में आने के 30 दिनों के भीतर संबंधित राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन को PARIVESH 2.0 पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण के लिये आवेदन करना होगा।

PARIVESH पोर्टल

  • PARIVESH एक वेब-आधारित एप्लीकेशन है, जिसे केंद्रीय, राज्य और ज़िला स्तर के प्राधिकरणों से पर्यावरण, वन, वन्यजीव तथा तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) स्वीकृति प्राप्त करने के लिये प्रस्तावकों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों की ऑनलाइन प्रस्तुति एवं निगरानी हेतु विकसित किया गया है।