कुनो राष्ट्रीय उद्यान | 19 Mar 2025
चर्चा में क्यों?
17 मार्च, 2025 को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (KNP) के जंगल में एक मादा चीता और उसके चार शावकों को छोड़ा गया।
- जिससे KNP में चीतों की कुल संख्या 26 हो गई है, जिनमें भारत में जन्मे 14 शावक भी शामिल हैं।
मुख्य बिंदु
- कुनो राष्ट्रीय उद्यान
- कूनो राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश में एक संरक्षित क्षेत्र है, जिसे सन् 2018 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था।
- इसकी स्थापना सन् 1981 को एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में की गई थी।
- यह राज्य के श्योपुर और मुरैना ज़िलों में विस्तारित है।
- कुनो राष्ट्रीय उद्यान नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से स्थानांतरित किये गए चीतों का पर्यावास है।
- चीता स्थानांतरण परियोजना
- भारत में चीता पुनः वापसी परियोजना औपचारिक रूप से 17 सितंबर, 2022 को प्रारंभ की गई, जिसका उद्देश्य देश में चीतों की आबादी को बहाल करना था, जिन्हें वर्ष 1952 में देश में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
- यह परियोजना राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) द्वारा मध्य प्रदेश वन विभाग, भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) तथा नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के चीता विशेषज्ञों के सहयोग से कार्यान्वित की गई है।
- महत्त्व
- चीतों की पुनर्वापसी से पारिस्थितिकीय तंत्र मज़बूत होगा और ग्रासलैंड इकोसिस्टम पुनर्जीवित होगा, जो अन्य जीवों के लिये भी लाभकारी होगा।
- जैवविविधता संरक्षण और खाद्य शृंखला में संतुलन स्थापित होने में सहायता मिलेगी।
- पर्यटकों की संख्या में वृद्धि और रोज़गार के अवसर सृजित होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।