OBC की आय सीमा में वृद्धि | 24 Jun 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अन्य पिछड़ा वर्ग (Other Backward Classes- OBC) के क्रीमी लेयर के लिये वार्षिक आय सीमा ₹6 लाख से बढ़ाकर ₹8 लाख करने की घोषणा की।
मुख्य बिंदु:
- इसका प्राथमिक लक्ष्य हरियाणा में OBC समुदाय के कल्याण की रक्षा करना तथा सरकारी नौकरियों में युवाओं को पर्याप्त लाभ प्रदान करना है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के पदों पर पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण कोटा, जो वर्तमान में 15% है, को केंद्र सरकार की नीति के अनुरूप बढ़ाकर 27% किया जाएगा।
भारत में आरक्षण
- संविधान के अनुच्छेद 340 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति ने दिसंबर 1978 में बी.पी.मंडल की अध्यक्षता में पिछड़ा वर्ग आयोग की नियुक्ति की।
- आयोग का गठन भारत के “सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों” को परिभाषित करने के मानदंड निर्धारित करने तथा उन वर्गों की उन्नति हेतु उठाए जाने वाले कदमों की सिफारिश करने के लिये किया गया था।
- मंडल आयोग ने निष्कर्ष निकाला था कि भारत की जनसंख्या में लगभग 52 प्रतिशत OBC हैं, इसलिये 27 प्रतिशत सरकारी नौकरियाँ उनके लिये आरक्षित होनी चाहिये।
- आयोग ने सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक पिछड़ेपन के ग्यारह संकेतक विकसित किये हैं।
- हिंदुओं में पिछड़े वर्गों की पहचान करने के अलावा, आयोग ने गैर-हिंदुओं (जैसे- मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध) में भी पिछड़े वर्गों की पहचान की है।
- इसने 3,743 जातियों की अखिल भारतीय अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) सूची तथा 2,108 जातियों की अधिक वंचित “दलित पिछड़ा वर्ग” सूची तैयार की है।