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State PCS Current Affairs

उत्तर प्रदेश

हिंडन नदी

  • 18 Feb 2025
  • 3 min read

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में गाज़ियाबाद में हिंडन नदी में भारी मात्रा में गाद और धार्मिक सामग्री डाल दी गई है, जो पहले से ही प्रदूषित नदी को और अधिक प्रदूषित कर रहा है।

मुख्य बिंदु 

  • उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने नदी के प्रदूषित होने का कारण  कुप्रबंधन और पानी की गुणवत्त्ता पर ध्यान न देना तथा अनेक अनुपचारित नालों का नदी में गिरना बताया है।
  • घुलित ऑक्सीजन (DO) 1.43 से 4.22 मिलीग्राम/लीटर के बीच है, जबकि जलीय जीवन के लिये न्यूनतम DO 4 मिलीग्राम/लीटर होना चाहिये।
    • कुल कोलीफॉर्म का स्तर 260,000 से 380,000 MPN/100ML तक है, जबकि मानक सीमा 1,000 MPN/100 ML है।
    • उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने नदी की जल गुणवत्ता को 'ई' श्रेणी में रखा, जिसका अर्थ है कि पानी सिर्फ सिंचाई, औद्योगिक शीतलन और नियंत्रित अपशिष्ट निपटान के लिये उपयुक्त है।
  • वर्ष 2015 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने हिंडन नदी को "मृत नदी" घोषित कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि इसमें प्रदूषण का स्तर अत्यधिक है, विभिन्न भागों में यह स्नान के लिये अनुपयुक्त है।

हिंडन नदी के बारे में:

  • यह नदी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में शिवालिक पहाड़ियों से निकलती है और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र में० लगभग 400 किमी. तक बहती हुई नोएडा में यमुना नदी में मिल जाती है
  • अतः यह यमुना नदी की एक सहायक नदी है।
    • यह एक मानसून पोषित नदी है।
    • इसका जलग्रहण क्षेत्र लगभग 7,083 वर्ग किमी. है।
  • काली (पश्चिम) नदी और कृष्णी नदी हिंडन नदी की मुख्य सहायक नदियाँ हैं।
  • इसी नदी के तट पर हड़प्पा सभ्यता के साक्ष्य मिले हैं, जो 2500 ईसा पूर्व तक पुराने हैं।
  • गाज़ियाबाद और नोएडा इस नदी के किनारे पर ही स्थित हैं।


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