इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


मध्य प्रदेश

भोपाल में पहला सिटी म्यूजियम

  • 21 May 2024
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सरकार ने भोपाल में पहले शहरी संग्रहालय/सिटी म्यूज़ियम की स्थापना को मंज़ूरी दे दी है। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड मोती महल के बाएँ विंग में भोपाल सिटी संग्रहालय की स्थापना कर रहा है।

  • मोती महल शहर का एक महत्त्वपूर्ण विरासत स्थल और उच्च महत्त्व की इमारत है।

मुख्य बिंदु:

  • 11 दीर्घाओं वाला प्रस्तावित संग्रहालय भोपाल और मध्य प्रदेश के समृद्ध इतिहास पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक एवं भौगोलिक संदर्भ तथा विशेष रूप से भोपाल के गठन को शामिल किया जाएगा।
  • प्रागैतिहासिक शैल चित्रों, पत्थर के औजारों, पुरातात्त्विक खोजों, टिकटों, भोपाल तथा आसपास के क्षेत्रों के राजाओं एवं रानियों की पोशाक, प्राचीन मूर्तियाँ, मंदिर के अवशेष और भोपाल नवाब काल की उत्कृष्ट कला का संग्रह प्रदर्शित किया जाएगा।
    • सभी आयु समूहों हेतु एक आकर्षक और जानकारीपूर्ण अनुभव बनाने के लिये आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
  • मध्य प्रदेश सरकार का संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय भोपाल के मोती महल के दाहिने हिस्से में परमार राजा भोज, उनके जीवन और कार्यों पर एक समर्पित तथा व्यापक संग्रहालय स्थापित करने की योजना बना रहा है।
  • जनजातीय समुदाय की जीवनशैली को करीब से समझने तथा देखने के लिये भोपाल के जनजातीय संग्रहालय में प्रदेश की सात प्रमुख जनजातियों गोंड, भील, बैगा, कोरकू, भारिया, सहरिया और कोल के सात घर बनाए गए हैं।
    • इस पहल का मकसद आदिवासी समाज से जुड़े मिथकों और मान्यताओं को खत्म करना है
  • मध्य प्रदेश पर्यटन अनुभव को बढ़ाने के लिये प्रासंगिक विरासत और सांस्कृतिक स्थलों पर विभिन्न थीम-आधारित संग्रहालय स्थापित करने की योजना बना रहा है।

मोती महल

  • मोती महल का निर्माण गढ़ मंडला के गोंड राजा हृदय शाह ने वर्ष 1651 से 1667 के बीच कराया था।
  • महल भूलभुलैया, गुप्त सुरंगों और भूमिगत मार्गों से भरा है।
  • वास्तुकला- मुगल वास्तुकला।

राजा भोज

  • परमार वंश (1018-1060) में राजा भोज सबसे महान थे।
  • उन्होंने हिंदू समाज को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया। उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी।
  • वह एक महान योद्धा होने के साथ-साथ एक निपुण विद्वान भी थे।
  • उन्होंने अपनी राजधानी में भोजशाला नामक एक संस्कृत महाविद्यालय का निर्माण कराया।
  • उनकी प्रसिद्ध पुस्तकें थीं:
    • आयुर्वेद संग्रह
    • युक्ति कल्पतरु
    • समरंगा सुथराधारा (वास्तुकला से संबंधित)।

  • वह एक महान निर्माता भी थे और माना जाता है कि उन्होंने 104 मंदिर तथा एक खूबसूरत झील भी बनवाई थी जिसे भोजपुर झील के नाम से जाना जाता है।
  • राजा भोज की मृत्यु के साथ परमार वंश की शक्ति समाप्त हो गई।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2