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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 08 Jul, 2022
  • 17 min read
प्रारंभिक परीक्षा

मानगढ़ पहाड़ी राष्ट्रीय स्मारक घोषित

राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (NMA) की एक रिपोर्ट में राजस्थान में मानगढ़ पहाड़ी की चोटी को 1500 भील आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में राष्ट्रीय स्मारक के रूप में नामित करने की घोषणा की गई है।

राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (NMA):

  • राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण को सांस्कृतिक मंत्रालय के तहत प्राचीन स्मारक और पुरातत्त्व स्थल तथा अवशेष (Anicient Monuments And Archaeological Sites and Remains-AMASR) (संशोधन एवं मान्यता) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार स्थापित किया गया है जिसे मार्च 2010 में अधिनियमित किया गया था।
  • NMA को स्मारकों और स्थलों के संरक्षण से संबंधित कई कार्य सौंपे गए हैं जो केंद्र द्वारा संरक्षित स्मारकों के आसपास प्रतिबंधित और विनियमित क्षेत्रों के प्रबंधन के माध्यम से किये जाते हैं।
  • NMA, प्रतिबंधित और विनियमित क्षेत्रों में निर्माण संबंधी गतिविधियों के लिये आवेदकों को अनुमति प्रदान करने पर भी विचार करता है।

राष्ट्रीय स्मारक का महत्त्व:

  • राष्ट्रीय प्राचीन स्मारकों को प्राचीन स्मारक, पुरातत्त्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत परिभाषित किया गया है।
  • अधिनियम उन प्राचीन स्मारकों की किसी भी संरचना को स्मारक या गुफा, रॉक मूर्तिकला या शिलालेख के रूप में परिभाषित करता है जो ऐतिहासिक या पुरातात्त्विक रुचि का है।
  • स्मारकों के रख-रखाव, संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिये केंद्र सरकार अधिकृत है।

मानगढ़ पहाड़ी की पृष्ठभूमि:

  • गुजरात-राजस्थान सीमा पर स्थित पहाड़ी, एक आदिवासी विद्रोह का स्थल है जहाँ वर्ष 1913 में 1500 से अधिक भील आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी मारे गए थेा।
  • इस जगह को आदिवासी जलियांँवाला के नाम से भी जाना जाता है और यहाँ स्मारक बनाने की मांग उठती रही है।
  • 17 नवंबर, 1913 को ब्रिटिश सेना ने विरोध में सभा कर रहे आदिवासियों पर गोलियाँ चला दीं, जिसका नेतृत्व गोविंद गुरु समुदाय के एक नेता ने किया था, जिसमें 1,500 से अधिक लोग मारे गए थे।

भील जनजाति:

Bhils-Tribe

  • परिचय:
    • भीलों को आमतौर पर राजस्थान के धनुषधारी (Bowmen) के रूप में जाना जाता है। यह भारत का सबसे बड़ा आदिवासी समुदाय है।
    • यह दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जनजाति है।
    • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भील भारत की सबसे बड़ी जनजाति है।
    • आमतौर पर इन्हें दो रूपों में वर्गीकृत किया जाता है:
      • मध्य या शुद्ध भील
      • पूर्वी या राजपूत भील
    • मध्य भील भारत में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं तथा त्रिपुरा के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में भी पाए जाते हैं।
    • उन्हें आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और त्रिपुरा में अनुसूचित जनजाति माना जाता है।
  • ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:
    • भील आर्य-पूर्व जाति के सदस्य हैं।
    • 'भील' शब्द विल्लू या बिल्लू शब्द से बना है, जिसे द्रविड़ भाषा में धनुष (Bow) के नाम से जाना जाता है।
    • भील नाम का उल्लेख महाभारत और रामायण के प्राचीन महाकाव्यों में भी मिलता है।

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

फील्ड्स मेडल 2022

चर्चा में क्यों?   

हाल ही में यूक्रेनी गणितज्ञ मैरीना वियाज़ोवस्का ने अन्य तीन गणितज्ञों के साथ प्रतिष्ठित फील्ड्स मेडल प्राप्त किया।

मुख्य विशेषताएंँ:

  • परिचय:
    • फील्ड्स मेडल प्रत्येक चार वर्ष में 40 वर्ष से कम आयु के एक या एक से अधिक गणितज्ञों को दिया जाता है।
    • फील्ड्स मेडल इंटरनेशनल मैथमेटिकल यूनियन (IMU) की अंतर्राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस में प्रदान किया जाता है।
      • IMU एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी वैज्ञानिक संगठन है।
        • IMU का उद्देश्य गणित के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
    • फील्ड मेडल उत्कृष्ट गणितीय उपलब्धि और भविष्य की उपलब्धि के वादे के लिये दिया जाता है।
    • फील्ड्स मेडल कमेटी को अंतर्राष्ट्रीय गणितीय संघ की कार्यकारी समिति द्वारा चुना जाता है और आमतौर पर इसकी अध्यक्षता IMU अध्यक्ष करता है।
  • पृष्ठिभूमि:
    • टोरंटो में 1924 के IMU ने एक प्रस्ताव अपनाया कि प्रत्येक सम्मेलन में उत्कृष्ट गणितीय उपलब्धि के लिये दो स्वर्ण पदक प्रदान किये जाएंगे।
    • कनाडा के गणितज्ञ प्रो. जे. सी. फील्ड्स, जो वर्ष 1924 के काॅन्ग्रेस के सचिव थे, ने बाद में पदक स्थापित करने हेतु धन दान किया, जो उनके सम्मान में नामित किये गए थे।
    • वर्ष 1966 में यह सहमति बनी कि गणितीय अनुसंधान के व्यापक विस्तार के आलोक में प्रत्येक काॅन्ग्रेस में अधिकतम चार पदक दिये जा सकते हैं।
    • यह पहली बार वर्ष 1936 में प्रदान किया गया था।

भारतीय मूल के विजेता:

  • वर्ष 1936 से फील्ड मेडल से सम्मानित 60 से अधिक गणितज्ञों में से दो भारतीय मूल के हैं:
    • प्रिंसटन (2018) में उन्नत अध्ययन संस्थान के अक्षय वेंकटेश।
    • प्रिंसटन विश्वविद्यालय (2014) में गणित विभाग के मंजुल भार्गव।

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

डेरेचो

हाल ही में अमेरिका के कुछ राज्य डेरेचो नामक तूफान की चपेट में आ गए, जिससे आसमान का रंग हरा हो गया।

  • डेरेचो आमतौर पर मध्य और पूर्वी अमेरिका के हिस्सों में आते हैं. वर्ष 2009 में एक ‘सुपर डेरेचो’ आया था जो अब तक का अवलोकित सबसे तीव्र और असामान्य डेरेचो था, यह केन्सास से लेकर केंटुकी (US के राज्य) तक फैला था जिसमें हवा की गति 170 किलोमीटर प्रति घंटे थी.
  • वर्ष 2010 में रूस में पहला प्रलेखित डेरेचो देखा गया जिसका प्रभाव जर्मनी और फिनलैंड में भी देखा गया था और हाल ही में बुल्गारिया एवं पोलैंड में देखा गया था।

Derecho

डेरेचो:

  • परिचय:
    • डेरेचो व्यापक, लंबे समय तक रहने वाला सीधी रेखा वाला तूफान है, जो तेज़ बरसात और गरज के साथ आता है.
      • यह नाम स्पैनिश शब्द 'ला डेरेचा' से आया है जिसका अर्थ है 'सीधा'।
    • सीधी रेखा के तूफान वे होते हैं जिनमें गरज के साथ तूफान के विपरीत कोई घूर्णन नहीं होता है। ये तूफान सैकड़ों मील की यात्रा करते हैं और एक विशाल क्षेत्र को कवर करते हैं।
    • यह एक गर्म मौसम की घटना है जो आमतौर पर जून और जुलाई में होती है।
    • बवंडर या तूफान जैसे अन्य तूफान प्रणालियों की तुलना में यह एक दुर्लभ घटना है।
  • प्रकार:
    • प्रगतिशील:
      • एक प्रगतिशील डेरेचो एक सीधी रेखा में होता है, जो अपेक्षाकृत संकीर्ण पथ के साथ सैकड़ों मील की यात्रा कर सकता है।
    • क्रमानुसार:
      • दूसरी ओर क्रमिक डेरेचो में एक व्यापक स्क्वॉल लाइन होती है- चौड़ी और लंबी तथा एक बड़े क्षेत्र में फैली हुई।
      • यह आमतौर पर वसंत या पतझड़ के दौरान देखी जाती है।
    • संकर (हाइब्रिड):
      • हाइब्रिड वाले तूफान में प्रगतिशील और क्रमिक डेरेचो दोनों की विशेषताएंँ शामिल हैं।

डेरेचो के दौरान ग्रीन स्काई:

  • तीव्र तूफान के परिणामस्वरूप आसमान हरा हो जाता है क्योंकि प्रकाश उनके द्वारा धारण किये जाने वाले जल की भारी मात्रा के साथ अंतःक्रिया करता है।
  • बारिश की बड़ी बुँदे नीले रंग की तरंग दैर्ध्य को छोड़कर अन्य सभी तरंगों को बिखेर देती हैं, जिसके कारण मुख्य रूप से नीली रोशनी तूफानी बादल के नीचे प्रवेश करती है।
  • यह नीला प्रकाश दोपहर या शाम के समय सूरज के लाल-पीले रंग के साथ मिलकर हरे रंग का हो जाते है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 08 जुलाई, 2022

हरियाली महोत्सव

हरियाली महोत्सव-2022 का आयोजन 8 जुलाई को किया जा रहा है। इस अवसर पर “पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय” द्वारा नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस महोत्सव का आयोजन ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत किया जाएगा। इसका आयोजन वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की पीढ़ियों के जीवन को सुरक्षित और खुशहाल रखने में पेड़ों के महत्त्व पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिये पेड़ महत्त्वपूर्ण हैं। हरियाली महोत्सव-2022 का आयोजन पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा दिल्ली सरकार, पुलिस व स्कूलों के सहयोग से किया जा रहा है ताकि इस अवसर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जा सके। इस आयोजन को चिह्नित करने के लिये पूरे भारत में वृक्षारोपण अभियान आयोजित किये जाएंगे।

ऑपरेशन नारकोस 

हाल ही में रेलवे सुरक्षा बल ने “ऑपरेशन नारकोस” के तहत 7.40 करोड़ रुपए के नशीले पदार्थों को बरामद किया है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों के खतरे की ओर ध्यान आकर्षित करने हेतु जून 2022 के महीने में ऑपरेशन नारकोस (NARCOS) शुरू किया। यह अखिल भारतीय अभियान था, जो एक महीने तक रेल के माध्यम से नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ शुरू किया गया था। रेलवे सुरक्षा बल द्वारा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ मिलकर देश भर में ट्रेनों एवं चिह्नित ब्लैक स्पॉट पर जांँच की जा रही है। RPF एक केंद्रीय सशस्त्र बल है। जो भारतीय रेल, रेल मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। RPF का इतिहास वर्ष 1882 का है, जब विभिन्न रेलवे कंपनियों ने रेलवे संपत्ति की सुरक्षा के लिये अपने स्वयं के गार्ड नियुक्त किये थे। वर्ष 1957 में संसद के एक अधिनियम द्वारा रेलवे सुरक्षा बल को एक वैधानिक बल के रूप में मान्यता दी गई, जिसे बाद में वर्ष 1985 में भारत संघ के सशस्त्र बल के रूप में घोषित किया गया। मुख्य रूप से RPF को रेलवे संपत्ति की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।

स्टार्टअप स्कूल इंडिया 

6 जुलाई, 2022 को गूगल द्वारा ‘स्टार्टअप स्कूल इंडिया’' पहल की शुरुआत की गई। स्टार्टअप पर प्रासंगिक जानकारी एकत्र करने और इसे एक व्यवस्थित पाठ्यक्रम में तैयार करने के उद्देश्य से स्टार्टअप स्कूल इंडिया पहल को स्थापित किया गया है। इस कदम से टियर 2 और टियर 3 शहरों में 10,000 स्टार्टअप को मदद मिलेगी। यह कार्यक्रम 9 सप्ताह तक वर्चुअल मोड में आयोजित किया जाएगा। इसमें गूगल सहयोगियों और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के नेताओं के बीच फायरसाइड चैट शामिल होंगे। गूगल स्टार्टअप स्कूल इंडिया पहल में फिनटेक, भाषा, नौकरी खोज, सोशल मीडिया एवं नेटवर्किंग, बिज़नेस-टू-कंज़्यूमर ई-कॉमर्स तथा बिज़नेस-टू-बिज़नेस ई-कॉमर्स सहित कई विषय शामिल होंगे। प्रभावी उत्पाद रणनीति, भारतीय बाज़ारों में यूजर्स के लिये एप डिज़ाइन करना, उत्पाद उपयोगकर्त्ता मूल्य और उपयोगकर्त्ता अधिग्रहण को भी निर्देशात्मक मॉड्यूल में शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य वर्चुअल पाठ्यक्रम को लचीलापन प्रदान करना है। यह पहल  लोगों को पिक एंड चॉइस मॉड्यूल प्रदान करती है। यह उद्यमियों को एक सफल संस्थापक बनाने जैसी बातों से सीखने का अवसर प्रदान करेगी। भारत दुनिया भर में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। भले ही स्टार्टअप की संख्या बहुत बड़ी है, लेकिन ऑपरेशन के पहले पांँच वर्षों में 90% स्टार्टअप विफल हो जाते हैं। वित्तीय संकट, अक्षम फीडबैक लूप, नेतृत्व की अनुपस्थिति और अनुचित मांग अनुमानों पर कोई नियंत्रण न होने के कारण स्टार्टअप विफल हो रहे हैं।

फील्ड्स  मेडल 2022

5 जुलाई, 2022 को अंतर्राष्ट्रीय गणितीय संघ (IMU) ने वर्ष 2022 फील्ड मेडल के विजेताओं की घोषणा की। यह गणित के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है और 40 वर्ष से कम आयु के लोगों को दिया जाता है। विजेताओं की घोषणा हेलसिंकी में एक पुरस्कार समारोह में की गई। IMU ने कुल चार विजेताओं की घोषणा की है। यूक्रेन की थिओरिस्ट मैरीना वियाज़ोवस्का चार विजेताओं में से एक है। अन्य विजेताओं में शामिल हैं: जेम्स मेनार्ड: वह ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी यूके के  सिद्धांतकार हैं जो “अभाज्य संख्याओं की रिक्ति” पर अपने निष्कर्षों के लिये प्रसिद्ध है। जून हुह: वह प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, न्यू जर्सी से कॉम्बिनेटरिक्स के विशेषज्ञ हैं, इनका योगदान ज्यामितीय संयोजन के क्षेत्र में है। ह्यूगो डुमिनिल-कोपिन- वह फ्रांँस के गणितज्ञ हैं और संभाव्यता सिद्धांत के विशेषज्ञ हैं। गणितज्ञों की अंतर्राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस प्रत्येक चार वर्ष में आयोजित की जाती है। इस आयोजन के दौरान फील्ड्स मेडल्स पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। वर्ष 2022 कॉन्ग्रेस 6 जुलाई को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में शुरू होने वाली थी। हालांँकि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण इसे रद्द कर दिया गया था। बाद में इसे हेलसिंकी में वर्चुअल मोड में आयोजित किया गया। 


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