मध्य प्रदेश
हीरे का उत्खनन
- 19 Nov 2024
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश के पन्ना ज़िले में एक किसान और उसके सहयोगियों को 7.44 कैरेट वजन का एक बहुमूल्य हीरा (डायमंड) मिला है।
मुख्य बिंदु
- हीरे के बारे में:
- हीरा, कार्बन का एक अपरूप, पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला सबसे कठोर पदार्थ है।
- पृथ्वी के मेंटल में निर्मित तथा ज्वालामुखीय गतिविधि के माध्यम से सतह पर लाया गया यह पदार्थ डाइक और सिल्स जैसे ज्वालामुखीय भू-आकृतियों में पाया जाता है।
- उपयोग:
- आभूषण, धातु पॉलिशिंग, रत्न काटने तथा ड्रिल के लिये किनारों को काटने जैसे औद्योगिक अनुप्रयोगों में।
- भारत में हीरा समृद्ध स्थान:
- पन्ना बेल्ट (मध्य प्रदेश), वज्रकरुर किम्बरलाइट क्षेत्र और कृष्णा नदी बेसिन (आंध्र प्रदेश)।
- कटाई (कटिंग) और पॉलिशिंग उद्योग सूरत, नवसारी, अहमदाबाद एवं पालमपुर में केंद्रित है।
- अग्रणी उत्पादक:
- रूस, बोत्सवाना, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC)।
- पन्ना का हीरा उद्योग:
- पन्ना सदियों से हीरा खनन केंद्र रहा है।
- अत्यधिक खनन के कारण ज़िले के हीरे के भंडार कम हो गए हैं, जिसके कारण महत्त्वपूर्ण खोजें कम हो गई हैं।
- खनन, मुख्यतः आदिवासी जनसंख्या के लिये वैकल्पिक आय स्रोत के रूप में कार्य करता है, जिससे उन्हें 250-300 रुपए की मामूली दैनिक आय प्राप्त होती है।
भारत में हीरा उद्योग
- भारत दुनिया में हीरों की कटाई और पॉलिशिंग का सबसे बड़ा केंद्र है तथा वैश्विक स्तर पर पॉलिश किये गए हीरों के निर्माण में 90% से अधिक का योगदान यहीं पर है।
- भारतीय खनिज वर्ष पुस्तिका 2019 के अनुसार, भारत के हीरा क्षेत्रों को चार क्षेत्रों में बाँटा गया है:
- मध्य प्रदेश का मध्य भारतीय भूभाग, जिसमें पन्ना बेल्ट शामिल है।
- आंध्र प्रदेश का दक्षिण भारतीय क्षेत्र, जिसमें अनंतपुर, कडप्पा, गुंटूर, कृष्णा, महबूबनगर और कुरनूल ज़िले के कुछ हिस्से शामिल हैं।
- छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले में बेहरादीन-कोडावली क्षेत्र और बस्तर ज़िले में तोकापाल, दुर्गापाल आदि क्षेत्र।
- पूर्वी भारतीय भूभाग मुख्यतः ओडिशा का है, जो महानदी और गोदावरी घाटियों के बीच स्थित है।