हरियाणा में विकास परियोजनाओं का उद्घाटन | 16 Apr 2025
चर्चा में क्यों?
भारत के प्रधानमंत्री ने हरियाणा में 10,000 करोड़ रुपए की विकास और बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का शुभारंभ किया।
मुख्य बिंदु
प्रमुख परियोजनाएँ:
- यमुनानगर में थर्मल पावर विस्तार:
- प्रधानमंत्री ने यमुनानगर में दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट की 800 मेगावाट की तीसरी इकाई की आधारशिला रखी, जिसकी लागत 8,469 करोड़ रुपए होगी।
- यह इकाई 233 एकड़ में बनाई जाएगी और इसका वाणिज्यिक परिचालन मार्च 2029 तक शुरू होने की उम्मीद है।
- चालू हो जाने पर, हरियाणा की आंतरिक विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़कर 3,382 मेगावाट हो जाएगी।
- यमुनानगर में अपशिष्ट से ऊर्जा के लिये गोबरधन संयंत्र:
- प्रधानमंत्री ने यमुनानगर के मुकारमपुर में 90 करोड़ रुपए के गोबरधन प्लांट की आधारशिला भी रखी।
- यह यमुनानगर-जगाधरी नगर निगम और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के बीच एक सहयोग है।
- मई 2027 तक पूरा होने वाला यह संयंत्र निम्नलिखित प्रसंस्करण करेगा:
- 45,000 मीट्रिक टन ठोस अपशिष्ट,
- प्रतिवर्ष 36,000 मीट्रिक टन गोबर निकालेगा है।
- इससे निम्नलिखित उत्पन्न होगा:
- प्रति वर्ष 2,600 मीट्रिक टन संपीड़ित बायोगैस (CBG) (CNG के बराबर),
- 10,000 मीट्रिक टन जैव-उर्वरक
- इस परियोजना से CO₂ उत्सर्जन में 7,700 मीट्रिक टन/वर्ष की कटौती होगी, लैंडफिल में आग लगने की घटनाओं को रोका जा सकेगा और वायु प्रदूषण में कमी आएगी।
- यातायात सुगम बनाने के लिये रेवाड़ी बाईपास का उद्घाटन:
- उन्होंने भारतमाला योजना के तहत हाइब्रिड एन्युटी मोड में 1,069 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित रेवाड़ी बाईपास का भी उद्घाटन किया।
- 14.4 किलोमीटर लंबा चार लेन वाला बाईपास NH-352 को NH-11 से जोड़ता है, जिससे नारनौल तक पहुँच में सुधार होगा और रेवाड़ी शहर बाईपास हो जाएगा।
- हिसार के लिये नया हवाई अड्डा टर्मिनल:
- उन्होंने हिसार में महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे के नए टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी, जिसकी लागत 410 करोड़ रुपए से अधिक होगी।
- प्रधानमंत्री ने हरियाणा को अयोध्या धाम से जोड़ने वाली आगामी उड़ानों की घोषणा की।
संपीड़ित बायोगैस (CBG)
- संपीड़ित बायोगैस (CBG): CBG एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है जो कृषि अवशेष, मवेशियों के गोबर, नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट और सीवेज मल सहित जैविक अपशिष्ट से उत्पादित होता है।
- यह जीवाश्म ईंधनों के स्थान पर कृषि एवं पशु अपशिष्टों का प्रबंधन करने तथा खुले में जलाने को कम करने में मदद करता है।
गोबरधन योजना
- गोबरधन योजना: गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन (GOBARdhan) पहल का ध्यान चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये अपशिष्ट को धन में परिवर्तित करने पर केंद्रित है।
- इसका उद्देश्य सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिये बायोगैस/संपीड़ित बायोगैस (CBG)/Bio-CNG संयंत्रों के लिये एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है।
- जल शक्ति मंत्रालय का पेयजल और स्वच्छता विभाग (DDWS) नोडल विभाग के रूप में कार्य करता है।
भारतमाला परियोजना
- इसकी शुरुआत वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने की थी। यह सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) के तहत शुरू किया गया एक व्यापक कार्यक्रम है।
- योजना के तहत सरकार का इरादा लगभग 7 लाख करोड़ रुपए के निवेश से 83,677 किलोमीटर राजमार्ग और सड़कें बनाने है।
- पहले चरण में 5.35 लाख करोड़ रुपए की लागत से 34,800 किलोमीटर राजमार्ग बनाने की योजना है।
- यह सीमा एवं अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी सड़कों, तटीय और बंदरगाह कनेक्टिविटी सड़कों के विकास, राष्ट्रीय गलियारों, आर्थिक गलियारों तथा अन्य की दक्षता में सुधार जैसी नई पहलों पर केंद्रित है।