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बिहार

गया में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर का विकास

  • 13 Nov 2024
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (NICDC) और बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) ने गया में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (IMC) की स्थापना के लिये राज्य समर्थन समझौते (SSA) और शेयरधारक समझौते (SHA) पर हस्ताक्षर किये हैं।

प्रमुख बिंदु

  • परियोजना का विजन:
  • औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन:
    • गया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित IMC गया की 1,339 करोड़ रुपए की परियोजना से लगभग 1,09,185 नौकरियाँ उत्पन्न होने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
    • लक्षित उद्योगों में निर्माण सामग्री, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण, चमड़े के सामान, वस्त्र, फर्नीचर, हथकरघा, हस्तशिल्प, इंजीनियरिंग, निर्माण और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं।
  • रणनीतिक संपर्क और पहुँच:
    • IMC गया राष्ट्रीय राजमार्ग, गया जंक्शन और आगामी न्यू पहाड़पुर रेलवे स्टेशन के साथ रणनीतिक संपर्क प्रदान करता है ।
    • प्रमुख हवाई अड्डों में गया अंतर्राष्ट्रीय, पटना अंतर्राष्ट्रीय और राँची हवाई अड्डे शामिल हैं।
    • यह प्रमुख बंदरगाहों और अंतर्देशीय टर्मिनलों जैसे हल्दिया बंदरगाह, पटना में गायघाट और वाराणसी में रामनगर के निकट होने से रसद सुविधा में वृद्धि होती है।
    • स्वर्णिम चतुर्भुज और बहु-ट्रैक रेलवे जैसे संपर्कों का लाभ उठाते हुए पहुँच में सुधार के लिये तीन ग्रीनफील्ड सड़क परियोजनाएँ भी प्रस्तावित हैं ।
  • नियोजित बुनियादी ढाँचा और सुविधाएँ:
    • सुविधाओं में कौशल विकास केंद्र, अग्निशमन केंद्र, प्रशासनिक कार्यालय, पार्किंग और उद्योगों को सहायता देने के लिये वाणिज्यिक स्थान शामिल हैं।
    • बुनियादी ढाँचे में सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र, सीवेज उपचार संयंत्र, जल उपचार संयंत्र, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, वर्षा जल निकासी और हरित भूनिर्माण शामिल हैं।
    • IMC गया से आर्थिक विकास को गति मिलने, व्यापक रोज़गार सृजन होने तथा पूर्वी भारत में औद्योगिक केंद्र के रूप में बिहार की भूमिका मज़बूत होने तथा 'मेक इन इंडिया' दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की उम्मीद है।

अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा (AKIC) 

  • इसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
  • यह परियोजना अमृतसर (पंजाब) से दानकुनी (पश्चिम बंगाल) तक 1839 किलोमीटर की लंबाई तक विस्तृत है।
  • पूर्वी समर्पित माल गलियारा इस आर्थिक गलियारे की रीढ़ है।

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