हरियाणा
प्रदूषण की जाँच के लिये ज़िलों में समन्वय पैनल
- 08 Feb 2024
- 2 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण उपायों के लिये विभिन्न विभागों के अधिकारियों को शामिल करते हुए समन्वय समितियों के गठन का आह्वान किया।
मुख्य बिंदु:
- मुख्य सचिव ने रोहतक, पानीपत और करनाल ज़िलों में नालों में सीवेज जल छोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का भी आदेश दिया।
- सरकार ने पानीपत ज़िले के 80 गाँवों में उत्पन्न होने वाले 32.7 प्रति दिन मिलियन लीटर (MLD) सीवेज के उपचार और डायवर्ज़न के लिये एक कार्य योजना तैयार की थी।
- इस पहल के हिस्से के रूप में, 38 गाँवों में त्रि-स्तरीय तालाब प्रणाली का उपयोग करके सीवेज उपचार को सफलतापूर्वक लागू किया गया है, जबकि 42 अन्य गाँवों में शुद्धिकरण प्रक्रियाएँ वर्तमान में चल रही हैं।
- मौजूदा सीवेज उपचार बुनियादी ढाँचे में सुधार के प्रयास किये जा रहे हैं।
- स्थायी जल प्रबंधन प्रथाओं के अनुरूप, पूरे राज्य में सूक्ष्म सिंचाई उद्देश्यों के ये उपचारित सीवेज जल का पुन: उपयोग करने के लिये एक रूपरेखा तैयार की गई है।
- पानीपत में 'सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से सिंचाई प्रयोजन के लिये उपचारित अपशिष्ट जल का पुन: उपयोग' पर परियोजना के चरण - I का कार्यान्वयन।
- चरण - II पहल का उद्देश्य सिंचाई प्रथाओं तथा पर्यावरणीय स्थिरता को और बढ़ाना है।