हरियाणा में जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग स्तर में वृद्धि | 02 Jan 2025

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अनुपचारित अपशिष्ट के छोड़े जाने से हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल ज़िलों में यमुना नदी और सिंचाई नहरों में जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (BOD) का स्तर काफी बढ़ गया है।

मुख्य बिंदु

  • चिंताजनक BOD स्तर:
    • जिला प्रशासन के अनुसार अप्रभावी निगरानी और अपर्याप्त निवारक उपायों के कारण BOD का स्तर स्वीकार्य सीमा से 400-500% अधिक है।
    • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, जल के लिये BOD मानक 10 मिलीग्राम प्रति लीटर है। हाल के नमूनों में इसका स्तर 35 से 40 के बीच दिखा है, जबकि यमुना में कुछ स्थानों पर यह 50 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुँच गया है।
  • पर्यावरणीय प्रभाव:
  • कार्यान्वयन में चुनौतियाँ:

जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (BOD)

  • BOD, जल में कार्बनिक पदार्थों के चयापचय की जैविक प्रक्रिया में सूक्ष्मजीवों द्वारा उपयोग की जाने वाली घुलित ऑक्सीजन की मात्रा है।
  • जितना अधिक कार्बनिक पदार्थ होगा (जैसे, सीवेज और प्रदूषित जल निकायों में), उतना अधिक BOD होगा; और जितना अधिक BOD होगा, मछलियों जैसे उच्चतर जानवरों के लिये घुलित ऑक्सीजन की मात्रा उतनी ही कम उपलब्ध होगी।
  • इसलिये BOD किसी जल निकाय के जैविक प्रदूषण का एक विश्वसनीय माप है।