बिहार
बिहार की पहली खेल अकादमी एवं विश्वविद्यालय
- 30 Aug 2024
- 3 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री ने राज्य की पहली खेल अकादमी और बिहार खेल विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया, जो राजगीर में अंतर्राष्ट्रीय खेल परिसर का एक हिस्सा है।
प्रमुख बिंदु
- अंतर्राष्ट्रीय खेल परिसर में एक साथ 24 खेल विधाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- खिलाड़ियों को एक ही परिसर में प्रशिक्षण, आवास और चिकित्सा सुविधाओं सहित सभी सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी
- परिसर में एक मुख्य क्रिकेट स्टेडियम के साथ-साथ आठ छोटे स्टेडियम, एक विश्व स्तरीय खेल पुस्तकालय और विभिन्न खेलों के लिये प्रशिक्षण केंद्र शामिल हैं
- मुख्य स्टेडियम में लगभग 50,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता होगी, जबकि छोटे स्टेडियमों में 10,000 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था होगी।
- सूत्रों के अनुसार राजगीर नवंबर में छह देशों की एशियाई महिला हॉकी चैंपियनशिप की मेज़बानी करेगा
- राज्य सरकार ने जुलाई, 2021 में बिहार खेल विश्वविद्यालय की स्थापना को मंज़ूरी दी।
- इस विश्वविद्यालय का प्राथमिक उद्देश्य बिहार राज्य में व्यायाम शिक्षा, खेल विज्ञान, खेल प्रौद्योगिकी, खेल प्रबंधन और खेल प्रशिक्षण के क्षेत्रों में खेल शिक्षा को बढ़ावा देना है
- विश्वविद्यालय को खेलों के लिये एक उच्च-स्तरीय अनुसंधान तथा प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करने के लिये तैयार किया गया है।
राष्ट्रीय खेल दिवस
- परिचय:
- इस दिन को पहली बार वर्ष 2012 में भारत के राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में नामित और मनाया गया था
- राष्ट्र अपने खिलाड़ियों का सम्मान करते हुए इस दिन को मनाता है
- इस अवसर पर राष्ट्रपति मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार जैसे खेल पुरस्कार प्रदान करते हैं।
- महत्त्व:
- राष्ट्रीय खेल दिवस का प्राथमिक उद्देश्य खेलों के महत्त्व और दैनिक जीवन में शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है
- भारत सरकार राष्ट्रीय खेल दिवस के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये विभिन्न कार्यक्रम, आयोजन, सेमिनार आदि आयोजित करती है।