शासन व्यवस्था
इंडियन फुटबॉल विज़न 2047
- 11 Jan 2023
- 8 min read
प्रिलिम्स के लिये:अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ, फीफा। मेन्स के लिये:इंडियन फुटबाल विज़न 2047 |
चर्चा में क्यों?
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ ने 'विज़न 2047' के साथ अपने रणनीतिक रोडमैप का अनावरण किया है और उम्मीद है कि देश की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष में भारत एशियाई फुटबॉल के क्षेत्र में एक नई शक्ति के रूप में उभरेगा।
- भारतीय फुटबॉल के सभी हितधारकों के साथ मिलकर विकसित इस रोडमैप में एशियाई फुटबॉल परिसंघ और फीफा (फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन) से भी इनपुट मांगे गए हैं।
- AIFF ने 'विज़न 2047' को छह रणनीतिक चरणों में चार वर्ष के लिये विभाजित किया है। इनमें से पहला चरण वर्ष 2026 तक की अवधि को कवर करने की कोशिश करेगा।
भारतीय फुटबॉल विज़न 2047:
- राष्ट्रीय फुटबॉल दर्शन:
- भारत का राष्ट्रीय फुटबॉल दर्शन स्काउटिंग से डेटा एकत्र करने, एक तकनीकी पाठ्यक्रम बनाने, कोच और खिलाड़ियों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने तथा राष्ट्रीय टीम के लिये एक प्रतिभा पूल में तब्दील होने की उम्मीद पर आधारित होगा।
- एक राष्ट्रीय खेल दर्शन बनाने के लिये AIFF पारिस्थितिकी तंत्र के सभी स्तरों पर फुटबॉल की गुणवत्ता में सुधार हेतु कोच शिक्षा कार्यक्रम विकसित करेगा।
- AIFF ने 50,000 सक्रिय कोच बनाने का भी लक्ष्य रखा है, जिनमें से लगभग 4500 न्यूनतम AIFF C लाइसेंस से युक्त होने चाहिये।
- वर्ष 2026 तक डेटा एकत्र करने और स्काउटिंग सिस्टम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। हालाँकि फुटबॉल दर्शन खोजने के लिये समग्र दृष्टिकोण समान है।
- भारत का राष्ट्रीय फुटबॉल दर्शन स्काउटिंग से डेटा एकत्र करने, एक तकनीकी पाठ्यक्रम बनाने, कोच और खिलाड़ियों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने तथा राष्ट्रीय टीम के लिये एक प्रतिभा पूल में तब्दील होने की उम्मीद पर आधारित होगा।
- जीवंत फुटबॉल पारितंत्र:
- रोडमैप में भारत को एशिया में शीर्ष चार फुटबॉल देशों में शामिल होने, एशिया में शीर्ष लीगों में से एक की मेज़बानी करने और एक जीवंत फुटबॉल पारितंत्र बनाने की कल्पना की गई है।
- ग्राम ग्रासरूट कार्यक्रम:
- AIFF का उद्देश्य पूरे भारत में 100 गाँवों में 35 मिलियन बच्चों तक पहुँचने के लिये ग्रामीण ग्रासरूट कार्यक्रमों को लागू करना है और इसका लक्ष्य 1 मिलियन पंजीकृत खिलाड़ियों को पंजीकृत करना और 25 मिलियन बच्चों को फुटबॉल के स्कूलों के माध्यम से फुटबॉल शिक्षा प्रदान करना है।
- उल्लेखनीय है कि ज़मीनी स्तर पर भागीदारी में भारी लैंगिक असमानता है।
- महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि:
- वर्ष 2026 तक महिला फुटबॉल के लिये एक चार-स्तरीय लीग टेबल पिरामिड बनाया जाएगा, जिसमें पिरामिड के शीर्ष पर भारतीय महिला लीग होगी जिसमें 10 टीमें शामिल होंगी, इसके बाद दूसरा डिवीज़न होगा जिसमें 8 टीमें शामिल होंगी। AIFF ने वर्ष 2027 तक नवीन महिला युवा संरचनाओं को लागू करने के लिये कम-से-कम 20 राज्यों को लक्षित किया है।
- देश में महिला फुटबॉल का पारिस्थितिकी तंत्र कमज़ोर रहा है और भागीदारी एवं योग्यता बढ़ाने में मदद हेतु विशिष्ट समाधानों की आवश्यकता है, जिसमें न्यूनतम वेतन में सुधार की आवश्यकता भी शामिल है।
- वर्ष 2026 तक महिला फुटबॉल के लिये एक चार-स्तरीय लीग टेबल पिरामिड बनाया जाएगा, जिसमें पिरामिड के शीर्ष पर भारतीय महिला लीग होगी जिसमें 10 टीमें शामिल होंगी, इसके बाद दूसरा डिवीज़न होगा जिसमें 8 टीमें शामिल होंगी। AIFF ने वर्ष 2027 तक नवीन महिला युवा संरचनाओं को लागू करने के लिये कम-से-कम 20 राज्यों को लक्षित किया है।
- आधारभूत संरचना:
- AIFF नीतिगत हस्तक्षेपों को लागू करके बुनियादी ढाँचे का विकास करेगा जो सरकारी अधिकारियों, फुटबॉल टीमों/क्लबों, निगमों और निजी निवेशकों को बुनियादी ढाँचे में निवेश करने के लिये प्रोत्साहित करेगा।
भारत में फुटबॉल का परिदृश्य:
- परिचय:
- भारत में फुटबॉल विकासशील अवस्था में है। विश्व का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद फुटबॉल भारत में क्रिकेट और हॉकी जैसे अन्य खेलों की तरह लोकप्रिय नहीं है।
- चुनौतियाँ:
- निवेश और बुनियादी ढाँचे की कमी भारत में फुटबॉल के सामने मुख्य चुनौतियों में से एक है। देश में कई स्टेडियम और प्रशिक्षण सुविधाएँ खराब स्थिति में हैं तथा प्रशिक्षित प्रशिक्षकों की कमी है। इसकी वजह से खिलाड़ियों के लिये अपने कौशल का विकास करना एवं टीम हेतु उच्च स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा करना मुश्किल हो जाता है।
- क्षमता:
- भारतीय राष्ट्रीय टीम ने कुछ प्रगति कर अपनी फीफा रैंकिंग में सुधार किया है। इंडियन सुपर लीग (Indian Super League- ISL) और I-लीग (यह भारत में संयुक्त प्रीमियर फुटबॉल लीग है) की लोकप्रियता एवं उपस्थिति में भी वृद्धि देखी गई है और विदेशी लीग्स में कुछ सफल भारतीय खिलाड़ी भी शामिल हो रहे हैं।
- कुल मिलाकर भारत में फुटबॉल के समक्ष कई चुनौतियाँ हैं, इसके बावजूद भविष्य में सकारात्मक विकास की संभावना मौजूद है।
- AIFF द्वारा ज़मीनी स्तर पर सुधार, प्रशिक्षकों, रेफरी को बुनियादी ढाँचे का प्रशिक्षण और विकास तथा नए क्षेत्रों एवं स्कूलों में खेल को बढ़ावा देने के हालिया प्रयासों के परिणामस्वरूप अधिक लोगों को इस खेल की ओर आकर्षित करने व इसकी लोकप्रियता एवं सफलता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF):
- अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) भारत में फुटबॉल खेल के प्रबंधन से संबंधित संगठन है।
- यह भारत की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के संचालन का प्रबंधन करता है और कई अन्य प्रतियोगिताओं और टीमों के अलावा भारत की प्रमुख घरेलू क्लब प्रतियोगिता I-लीग को भी नियंत्रित करता है।
- AIFF की स्थापना वर्ष 1937 में हुई थी और वर्ष 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1948 में फीफा की संबद्धता प्राप्त की थी।
- वर्तमान में इसका कार्यालय द्वारका, नई दिल्ली में है। भारत में यह वर्ष 1954 में एशियाई फुटबॉल परिसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक था।