भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर
चर्चा में क्यों?
बिहार के मुख्यमंत्री ने पटना में भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
मुख्य बिंदु
- इस अवसर पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा सर्वधर्म प्रार्थना आयोजित की गई तथा भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर के जीवन एवं कृतित्व पर आधारित गीत, भजन-कीर्तन एवं निर्गुण गीत की प्रस्तुति की गई।
- मुख्यमंत्री ने कर्पूरी ठाकुर को भारतीय राजनीति का जननायक बताया।
कर्पूरी ठाकुर
- कर्पूरी ठाकुर, जिन्हें "जननायक" कहा जाता है, एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने वर्ष 1970-71 और 1977-79 तक दो बार बिहार के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
- वह एक स्वतंत्रता सेनानी और कट्टर समाजवादी थे, जिन्होंने जयप्रकाश नारायण, डॉ. राममनोहर लोहिया तथा रामनंदन मिश्रा जैसे दिग्गजों के मार्गदर्शन में काम किया।
- उन्होंने OBC के बीच अत्यंत पिछड़ा वर्ग (Extremely Backward Class- EBC) के रूप में सूचीबद्ध नाई समुदाय (Nai community) का प्रतिनिधित्व किया।
- उन्होंने हिंदी और उर्दू को दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में बढ़ावा देने, स्कूल की फीस माफ करने तथा पंचायती राज को मज़बूत करने सहित व्यापक नीतियाँ लागू की।
- फरवरी 1988 में उनका निधन हो गया।
- इन्हें वर्ष 2024 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
भारत रत्न
- भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह मानव प्रयास के किसी भी क्षेत्र में असाधारण सेवा/उच्चतम प्रदर्शन के सम्मान में प्रदान किया जाता है।
- इसकी घोषणा पद्म पुरस्कार से अलग स्तर पर की जाती है। भारत रत्न की सिफारिशें प्रधानमंत्री द्वारा भारत के राष्ट्रपति को की जाती हैं।
- भारत रत्न पुरस्कारों की संख्या एक विशेष वर्ष में अधिकतम तीन तक हो सकती है।
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