प्रारंभिक परीक्षा
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न
- 29 Jan 2024
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स्रोत: द हिंदू
हाल ही में भारत के राष्ट्रपति ने घोषणा की कि समाजवादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
- इस वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की जन्मशती के उपलक्ष्य में बिहार में तीन दिवसीय समारोह आयोजित किया जा रहा है।
कर्पूरी ठाकुर कौन थे?
- कर्पूरी ठाकुर, जिन्हें "जन नायक" कहा जाता है, एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने वर्ष 1970-71 और 1977-79 तक दो बार बिहार के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।
- प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक आधार (1942-1967): वह एक स्वतंत्रता सेनानी और कट्टर समाजवादी थे, जिन्होंने जयप्रकाश नारायण, डॉ. राममनोहर लोहिया तथा रामनंदन मिश्रा जैसे दिग्गजों के मार्गदर्शन में काम किया।
- OBC के बीच अत्यंत पिछड़ा वर्ग (Extremely Backward Class- EBC) के रूप में सूचीबद्ध नाई समुदाय (Nai community) का प्रतिनिधित्व किया।
- वर्ष 1952 में राजनीति में प्रवेश किया और वर्ष 1985 तक विधायक रहे।
- OBC के बीच अत्यंत पिछड़ा वर्ग (Extremely Backward Class- EBC) के रूप में सूचीबद्ध नाई समुदाय (Nai community) का प्रतिनिधित्व किया।
- मुख्यमंत्री का कार्यकाल और नीतियाँ: वर्ष 1977 में उनके मुख्यमंत्रित्व काल में, मुंगेरी लाल आयोग ने पिछड़े वर्गों को अत्यंत पिछड़े वर्गों (मुसलमानों के कमज़ोर वर्गों सहित) और पिछड़े वर्गों में पुनर्वर्गीकृत करने की सिफारिश की।
- वर्ष 1978 में उन्होंने एक अभूतपूर्व आरक्षण मॉडल पेश किया, जिसमें OBC, EBC, महिलाओं और उच्च जातियों के बीच आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिये विशिष्ट कोटा के साथ 26% आरक्षण आवंटित किया गया।
- इस पुनर्वर्गीकरण को मंडल आयोग की रिपोर्ट के प्रभाव के रूप में भी देखा गया, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये 27% आरक्षण का समर्थन किया गया था।
- हिंदी और उर्दू को दूसरी आधिकारिक भाषा के रूप में बढ़ावा देने, स्कूल की फीस माफ करने तथा पंचायती राज को मज़बूत करने सहित व्यापक नीतियाँ लागू की।
- वर्ष 1978 में उन्होंने एक अभूतपूर्व आरक्षण मॉडल पेश किया, जिसमें OBC, EBC, महिलाओं और उच्च जातियों के बीच आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिये विशिष्ट कोटा के साथ 26% आरक्षण आवंटित किया गया।
भारत रत्न पुरस्कार क्या है?
- भारत रत्न भारतीय गणराज्य का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।
- इतिहास और विकास: वर्ष 1954 में स्थापित यह पुरस्कार जाति, व्यवसाय, स्थिति या लिंग के भेदभाव के बिना, उच्चतम क्रम की असाधारण सेवा/प्रदर्शन की मान्यता में प्रदान किया जाता है।
- यह पुरस्कार मूल रूप से कला, साहित्य, विज्ञान और सार्वजनिक सेवाओं में उपलब्धियों तक सीमित था।
- लेकिन दिसंबर 2011 में सरकार ने मानव प्रयास के किसी भी क्षेत्र को शामिल करने के लिये मानदंडों का विस्तार किया।
- प्रथम प्राप्तकर्त्ता: भारत रत्न के प्रथम प्राप्तकर्त्ता सी. राजगोपालाचारी, सर्वपल्ली राधाकृष्णन और सी. वी. रमन थे, जिन्हें वर्ष 1954 में सम्मानित किया गया था।
- हाल ही में वर्ष 2019 में, यह नानाजी देशमुख, भूपेन हजारिका और प्रणव मुखर्जी को प्रदान किया गया था।
- प्रमुख पहलु:
- यह अनिवार्य नहीं है कि हर वर्ष भारत रत्न प्रदान किया जाए।
- ऐसा कोई लिखित प्रावधान नहीं है कि भारत रत्न केवल भारतीय नागरिकों को ही दिया जाना चाहिये।
- यह पुरस्कार एक स्वाभाविक भारतीय नागरिक, एग्नेस गोंक्सा बोजाक्सीहु, जिन्हें मदर टेरेसा (1980) के नाम से जाना जाता है और दो गैर-भारतीयों - खान अब्दुल गफ्फार खान तथा नेल्सन मंडेला (1990) को प्रदान किया गया है।
- भारत रत्न हेतु सिफारिश प्रधानमंत्री द्वारा भारत के राष्ट्रपति को की जाती है।
- भारत रत्न पुरस्कारों की संख्या किसी विशेष वर्ष में अधिकतम तीन वर्ष तक सीमित है।
- पुरस्कार प्रदान किये जाने पर, प्राप्तकर्त्ता को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक सनद (प्रमाण पत्र) और एक पदक प्राप्त होता है।
- पुरस्कार में कोई मौद्रिक अनुदान नहीं है।
- संविधान के अनुच्छेद 18(1) के अनुसार, पुरस्कार का उपयोग प्राप्तकर्त्ता के नाम के उपसर्ग या प्रत्यय के रूप में नहीं किया जा सकता है।
- हालाँकि एक पुरस्कार धारक अपने बायोडाटा/लेटरहेड/विजिटिंग कार्ड आदि में निम्नलिखित अभिव्यक्ति का उपयोग करके यह बताना आवश्यक समझता है कि वह राष्ट्रपति द्वारा भारत रत्न से सम्मानित पुरस्कार का प्राप्तकर्त्ता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत रत्न और पद्म पुरस्कारों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा सही नहीं है? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) |