धर्मांतरण विरोधी विधेयक | 04 Feb 2025

चर्चा में क्यों?

राजस्थान सरकार ने गैरकानूनी धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2025 पेश किया, जिसका उद्देश्य बल, धोखाधड़ी या प्रलोभन के माध्यम द्वारा धर्मांतरण को रोकना है।

  • विधेयक में विभिन्न अपराधों के लिये 10 वर्ष तक के कारावास और 50,000 रुपए तक के ज़ुर्माने का प्रावधान है।

मुख्य बिंदु

  • अनुमोदन और उद्देश्य:
    • नवंबर 2024 में, राज्य मंत्रिमंडल ने विधेयक के मसौदे को मंज़ूरी दी, जिसका उद्देश्य राज्य के कुछ क्षेत्रों में "लव जिहाद की बढ़ती घटनाओं" को रोकना था।
      • 'लव जिहाद' शब्द का तात्पर्य मुस्लिम पुरुषों द्वारा हिंदू महिलाओं से विवाह कर उन्हें इस्लाम में परिवर्तित करने से है।
  • विधेयक के प्रावधान:
    • राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने विधेयक पेश किया, जो अपराधों को संज्ञेय, गैर-जमानती और अदालत में सुनवाई योग्य बनाता है।
    • विधेयक गलत बयानी, बल, दबाव, प्रलोभन, धोखाधड़ी या विवाह के माध्यम से धर्मांतरण को अपराध मानता है।
    • धर्म परिवर्तन के इच्छुक व्यक्तियों को कम से कम 60 दिन पहले ज़िला मजिस्ट्रेट को घोषणा-पत्र देना होगा।
  • विधेयक के पीछे तर्क:
    • विधेयक के अनुसार, जहाँ अन्य राज्यों में धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर कानून हैं, वहीं राजस्थान में ऐसा कोई कानून नहीं है।
    • विधेयक का उद्देश्य धार्मिक स्वतंत्रता के व्यक्तिगत अधिकार को धर्मांतरण को रोकने की आवश्यकता के साथ संतुलित करना है, जो धर्मनिरपेक्षता को दुर्बल कर सकता है।

धार्मिक रूपांतरण

  • धार्मिक रूपांतरण एक विशेष धार्मिक संप्रदाय से संबंधी मान्यताओं को अपनाना है, जिसमें अन्य को शामिल नहीं किया जाता।
  • इस प्रकार "धार्मिक रूपांतरण" से तात्पर्य एक संप्रदाय के प्रति निष्ठा को त्यागकर दूसरे संप्रदाय से सम्बद्ध होना होगा।
    • उदाहरण के लिये, ईसाई बैपटिस्ट से मेथोडिस्ट या कैथोलिक, मुस्लिम शिया से सुन्नी।
  • कुछ मामलों में, धार्मिक रूपांतरण "धार्मिक पहचान में परिवर्तन का प्रतीक है और विशेष अनुष्ठानों द्वारा इसका प्रतीक है"।