राजस्थान
आना सागर झील
- 28 Mar 2025
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चर्चा में क्यों?
सर्वोच्च नयायालय ने राजस्थान सरकार को अजमेर की आना सागर झील किनारे बने सेवेन वंडर्स और फूड कोर्ट को हटाने का आदेश दिया।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- सर्वोच्च नयायालय ने सेवन वंडर पार्क को छह महीने के भीतर हटाने या अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है, जबकि फूड कोर्ट को 7 अप्रैल, 2025 तक पूरी तरह ध्वस्त करने का आदेश दिया गया है।
- इसके अतिरिक्त, नयायालय ने स्पष्ट किया कि वेटलैंड क्षेत्र को जितना नुकसान पहुँचा है, उतना ही नया वेटलैंड सिटी एरिया में विकसित किया जाए।
- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने भी झील के वेटलैंड क्षेत्र को नुकसान पहुँचाने को लेकर कड़ा रुख अपनाया था।
- याचिका
- अजमेर के पूर्व पार्षद ने आना सागर झील के किनारे अवैध निर्माण को लेकर आपत्ति जताई थी।
- उन्होंने आरोप लगाया कि यह निर्माण वेटलैंड क्षेत्र और मास्टर प्लान की अवहेलना कर किया गया था।
- इसको लेकर उन्होंने NGT में याचिका दायर की थी, जिसके बाद अगस्त 2023 में निर्माण हटाने के आदेश जारी किये गए।
- इन आदेशों के खिलाफ अजमेर विकास प्राधिकरण ने जनवरी 2024 में सर्वोच्च नयायालय में अपील की थी।
आनासागर झील
- अजमेर में स्थित यह एक कृत्रिम झील है, जिसका निर्माण पृथ्वीराज चौहान के पिता अरुणोराज या आणाजी चौहान ने बारहवीं शताब्दी के मध्य (1135-1150 ईस्वी) करवाया था।
- आणाजी द्वारा निर्मित कराए जाने के कारण ही इस झील का नाम आणा सागर या आना सागर पड़ा।
- आना सागर झील का विस्तार लगभग 13 किमी. की परिधि में फैला हुआ है।
- बाद में, मुगल शासक जहाँगीर ने झील के प्रांगण में दौलत बाग का निर्माण कराया,जिसे सुभाष उद्यान के नाम से भी जाना जाता है।
- शाहजहाँ ने 1637 ईस्वी में इसके आसपास संगमरमर की बारादरी (पवेलियन) का निर्माण कराया, जो झील की सुंदरता को और बढ़ाता है।
- आना सागर झील अजमेर का प्रमुख जल स्रोत होने के साथ-साथ स्थानीय जैवविविधता और प्रवासी पक्षियों के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।