हरियाणा
अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना
- 27 Jan 2024
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चर्चा में क्यों?
- केंद्र सरकार 'अमृत धरोहर क्षमता निर्माण योजना' के तहत आर्द्रभूमि पर्यटन के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन की अगुवाई कर रही है।
- इस पहल की शुरुआत जून 2023 में की गई थी जिसका उद्देश्य पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील आर्द्रभूमियों, विशेष रूप से ओडिशा की चिल्का झील तथा हरियाणा स्थित सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य जैसे रामसर स्थलों (Ramsar sites) पर पर्यटन प्रथाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाना है।
मुख्य बिंदु:
- यह योजना पर्यटन मंत्रालय तथा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है।
- यह योजना आर्द्रभूमि के अधिकतम उपयोग को प्रोत्साहित करने और स्थानीय समुदायों के लिये जैव विविधता, कार्बन स्टॉक, इकोटूरिज़्म के अवसरों एवं आय सृजन को बढ़ाने के लिये अगले तीन वर्षों (2023 से) में लागू की जाएगी।
- योजना का प्राथमिक उद्देश्य पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील आर्द्रभूमियों पर रणनीतिक रूप से उच्च मात्रा वाले पर्यटन से उच्च मूल्य वाले प्रकृति पर्यटन में परिवर्तन करना है।
- इसका उद्देश्य संपूर्ण देश के रामसर स्थलों की प्रकृति-पर्यटन क्षमता का उपयोग कर स्थानीय समुदायों के लिये आजीविका के अवसरों में वृद्धि करना है।
- यह योजना विभिन्न केंद्र सरकार के मंत्रालयों और एजेंसियों, राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरणों, औपचारिक तथा अनौपचारिक संस्थानों एवं व्यक्तियों के एक नेटवर्क के साथ मिलकर एक सामान्य उद्देश्य के लिये काम करते हुए कार्यान्वित की जा रही है।
- योजना के तहत 16 चिह्नित रामसर स्थलों में से पाँच को पायलट प्रोजेक्ट के लिये चुना गया है।
- इन पायलट स्थलों में सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (हरियाणा), भितरकनिका मैंग्रोव (ओडिशा), चिल्का झील (ओडिशा), सिरपुर (मध्य प्रदेश) और यशवंत सागर (मध्य प्रदेश) शामिल हैं।