अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों का सम्मेलन | 19 Feb 2025

चर्चा में क्यों?

18-19 फरवरी 2025 को राजस्थान के उदयपुर में दूसरा अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया गया।

मुख्य बिंदु 

  • सम्मेलन के बारे में: 
    • यह सम्मलेन जल शक्ति मंत्रालय के तत्त्वाधान में आयोजित किया गया
    • यह सम्मेलन जल प्रबंधन के प्रभावी उपायों को अपनाने, जल क्षेत्र की जटिलताओं को संबोधित करने और जल सुरक्षा के दृष्टिकोण को साकार करने के लिये अहम कदम है।
  • विषय: 
    • इस सम्मेलन का विषय था "भारत@2047- जल सुरक्षित राष्ट्र", जो प्रधानमंत्री के विकसित, जल-सुरक्षित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
  • उद्देश्य: 
    • इसका मुख्य उद्देश्य टिकाऊ और एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन के लिये साझा दृष्टिकोण की दिशा में काम करते हुए राज्यों और हितधारक मंत्रालयों के साथ सहयोग को मज़बूत करना है।
  • प्रमुख केंद्रित विषय:
    • जल प्रशासन को सुदृढ़ बनाना
    • जल भंडारण अवसंरचना और आपूर्ति में वृद्धि
    • पेयजल पर ध्यान केंद्रितत करते हुए जल वितरण सेवाएँ 
    • सिंचाई और अन्य उपयोगों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए जल वितरण सेवाएँ
    • मांग प्रबंधन और जल उपयोग दक्षता
    • एकीकृत नदी और तटीय प्रबंधन

जल जीवन मिशन:

  • परिचय: 
    • वर्ष 2019 में शुरू किया गया यह मिशन वर्ष 2024 तक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (FHTC) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर जल की आपूर्ति की परिकल्पना करता है।
    • जल जीवन मिशन पेयजल हेतु एक जन आंदोलन बनना चाहता है, जिससे यह हर किसी की प्राथमिकता बन जाए।
    • यह जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आता है। 
  • लक्ष्य: 
    • इस मिशन का लक्ष्य मौजूदा जल आपूर्ति प्रणालियों एवं जल कनेक्शन, जल गुणवत्ता निगरानी और परीक्षण के साथ-साथ सतत् कृषि की कार्यक्षमता सुनिश्चित करना है।
    • यह संरक्षित जल के संयुक्त उपयोग को सुनिश्चित करता है। इसके साथ ही यह पेयजल स्रोत में वृद्धि, पेयजल आपूर्ति प्रणाली, ग्रे जल उपचार और पुन: उपयोग को भी सुनिश्चित करता है।
  • विशेषताएँ: 
    • जल जीवन मिशन स्थानीय स्तर पर जल की एकीकृत मांग और आपूर्ति पक्ष प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करता है।
    • वर्षा जल संचयन, भूजल पुनर्भरण और पुन: उपयोग के लिये घरेलू अपशिष्ट जल के प्रबंधन जैसे अनिवार्य तत्त्वों के रूप में सतत् उपायों हेतु स्थानीय बुनियादी ढाँचे का निर्माण अन्य सरकारी कार्यक्रमों/योजनाओं के साथ अभिसरण में किया जाता है।
    • यह मिशन जल के लिये सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है तथा मिशन के प्रमुख घटकों के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार शामिल हैं।