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राजस्थान

55वीं GST परिषद बैठक

  • 25 Dec 2024
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री की अध्यक्षता में राजस्थान के जैसलमेर में 55वीं वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद की बैठक आयोजित की गई।

मुख्य बिंदु

  • गोवा, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, मेघालय, ओडिशा के मुख्यमंत्रियों, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के उपमुख्यमंत्रियों ने भी भाग लिया।
  • GST परिषद की अनुशंसाएँ:
  • प्रयुक्त इलेक्ट्रिक वाहन (EV): GST परिषद ने गैर-इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह  सभी प्रयुक्त EV की बिक्री पर कर की दर 12% से बढ़ाकर 18% करने का निर्णय लिया है।
    • GST केवल व्यावसायिक बिक्री के मामले में मार्जिन मूल्य (खरीद और बिक्री मूल्य के बीच का अंतर, यदि दावा किया गया हो तो मूल्यह्रास के लिये समायोजित) पर लागू होगा। व्यक्तिगत-से-व्यक्तिगत बिक्री पर कोई GST लागू नहीं होता है। 
  • बैंकों के दंडात्मक शुल्क: ऋण अवधि के उल्लंघन के लिये बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) द्वारा लगाए गए दंडात्मक शुल्क पर कोई GST लागू नहीं होता है।  
  • भुगतान एग्रीगेटर: 2,000 रुपए से कम के भुगतान को संभालने वाले भुगतान एग्रीगेटर छूट के लिये पात्र होंगे। 
  • विमानन टरबाइन ईंधन (ATF): GST परिषद ATF GST के दायरे में लाने पर सहमत नहीं हुई क्योंकि राज्यों ने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया। 
    • राज्य ATF को कच्चे पेट्रोलियम डीजल की टोकरी का हिस्सा मानते हैं और कहते हैं कि इसे अकेले नहीं हटाया जा सकता। 
    • पाँच उत्पादों यानी कच्चे तेल, पेट्रोल, डीजल, ATF और प्राकृतिक गैस को GST के दायरे से बाहर रखा गया है। इन पर केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क लगाती है और राज्य VAT लगाते हैं। 
  • GST छूट: किसानों द्वारा सीधे आपूर्ति की जाने वाली काली मिर्च और किशमिश को GST से छूट दी जाएगी। 
    • जीन थेरेपी को GST से पूरी तरह छूट दी गई है तथा सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों पर एकीकृत GST छूट को बढ़ा दिया गया है। 
  • क्षतिपूर्ति उपकर: व्यापारिक निर्यातकों को आपूर्ति पर क्षतिपूर्ति उपकर की दर को घटाकर 0.1% कर दिया गया।
  • यह उपकर GST के कार्यान्वयन के कारण राज्यों को होने वाली किसी भी राजस्व हानि की क्षतिपूर्ति के लिये चुनिंदा वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एकत्र किया जाता है।
  • पॉपकॉर्न: GST परिषद ने स्पष्ट किया (कोई नया कर नहीं लगाया गया) कि कैरामलाइज़्ड पॉपकॉर्न पर 18% GST लगाया गया है। नमक और मसालों के साथ रेडी-टू-ईट पॉपकॉर्न पर 5% GST लगेगा, अगर वह पहले से पैक और लेबल वाला न हो और अगर वह पहले से पैक और लेबल वाला हो, तो 12%  GST लगेगा।
    • कैरामलाइज़्ड पॉपकॉर्न को शुगर कन्फेक्शनरी के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और इस पर 18% GST लगता है, जबकि नमकीन पॉपकॉर्न एक नमकीन है और इस पर 5% GST लगता है।

GST परिषद 

  • GST परिषद: GST परिषद, अनुच्छेद 279-A (101वाँ संशोधन, 2016) के तहत एक संवैधानिक निकाय, GST कार्यान्वयन पर अनुशंसाएँ करता है। 
  • GST एक मूल्यवर्द्धित (एड वैलोरम) और अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है जो भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। 
  • सदस्य: परिषद में केंद्रीय वित्त मंत्री (अध्यक्ष), केंद्रीय राज्य मंत्री (वित्त) और प्रत्येक राज्य से एक वित्त या कोई अन्य मंत्री शामिल होते हैं। 
  • निर्णयों की प्रकृति: मोहित मिनरल्स मामले, 2022 में, सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय सुनाया कि GST परिषद की अनुशंसाएँ बाध्यकारी नहीं हैं, क्योंकि संसद और राज्यों के पास GST पर एक साथ विधायी शक्तियाँ हैं।


 

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