छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ में 29 माओवादी मारे गए | 17 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के सबसे बड़े ऑपरेशन में से एक में कांकेर इलाके में 29 नक्सली मारे गए हैं।
मुख्य बिंदु:
- इससे पहले ग्रेहाउंड कमांडो ने वर्ष 2016 में एक ऑपरेशन में 30 नक्सलियों को मार दिया गया था।
- वर्ष 2021 में एक अन्य ऑपरेशन में, शीर्ष नक्सली नेता को 25 अन्य लोगों के साथ मार दिया गया।
- 16 अप्रैल को कांकेर ज़िले के छोटेबेटिया थाना सीमा क्षेत्र में कांकेर ज़िला रिज़र्व गार्ड (DRG) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की संयुक्त टीम द्वारा तलाशी अभियान शुरू किया गया था।
- छोटेबेतिया थाना क्षेत्र के बीनागुंडा-कोरागुट्टा जंगलों के पास माओवादियों व सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी हुई।
ग्रेहाउंड्स
- यह आंध्र प्रदेश में बढ़ते माओवादी खतरे से निपटने के लिये IPS अधिकारी के.एस. व्यास द्वारा वर्ष 1989 में स्थापित एक विशिष्ट माओवादी विरोधी बल है।
- इसके सदस्य गुरिल्ला एवं वन युद्ध नीति में अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं।
- इस बल के सदस्यों की आयु 35 वर्ष से अधिक नहीं हो सकती।
- एक बार जब वे 35 वर्ष पार कर लेते हैं तो उन्हें सेवानिवृत्ति तक सिविल पुलिस में शामिल कर लिया जाता है।
- यह विशेष पुलिस बल आंध्र प्रदेश में वामपंथी उग्रवाद के पतन का मूल कारण बना।
- इसने अन्य समान बलों को भी माओवादियों से लड़ने के लिये प्रेरित किया।
भारत में नक्सलवाद
- नक्सलवाद शब्द का नाम पश्चिम बंगाल के गाँव नक्सलबाड़ी से लिया गया है।
- इसकी शुरुआत स्थानीय ज़मींदारों के खिलाफ विद्रोह के रूप में हुई, जिन्होंने भूमि विवाद पर एक किसान की पिटाई की थी। विद्रोह की शुरुआत वर्ष 1967 में कानू सान्याल और जगन संथाल के नेतृत्व में मेहनतकश किसानों को भूमि के उचित पुनर्वितरण के उद्देश्य से की गई थी।
- पश्चिम बंगाल में शुरू हुआ यह आंदोलन पूर्वी भारत में छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों के कम विकसित क्षेत्रों में फैल गया है।
- ऐसा माना जाता है कि नक्सली माओवादी राजनीतिक भावनाओं और विचारधारा का समर्थन करते हैं।
- माओवाद माओ त्से तुंग द्वारा विकसित साम्यवाद का एक रूप है। यह सशस्त्र विद्रोह, जन लामबंदी और रणनीतिक गठबंधनों के संयोजन के माध्यम से राज्य की सत्ता पर कब्ज़ा करने का एक सिद्धांत है।