छत्तीसगढ़ में साइबर धोखाधड़ी रिपोर्ट | 05 Mar 2025

चर्चा में क्यों?

छत्तीसगढ़ में कुल 168 करोड़ रुपए के साइबर अपराध के मामले सामने आए हैं, जिनमें से 5.2 करोड़ रुपए की वसूली की गई है, यह जानकारी उपमुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन को दी

मुख्य बिंदु 

  • साइबर धोखाधड़ी: यह एक प्रकार का साइबर अपराध है, जिसका उद्देश्य किसी संस्था से पैसे (या अन्य मूल्यवान संपत्ति) चुराना है। इसमें धोखाधड़ी करने के लिये ऑनलाइन साधन (इंटरनेट आधारित) का उपयोग करना शामिल है। 
  • साइबर धोखाधड़ी के प्रकार: 

साइबर धोखाधड़ी

विवरण

फ़िशिंग

फ़िशिंग में ऐसे ई-मेल शामिल होते हैं, जो विश्वसनीय स्रोतों से आते प्रतीत होते हैं, जो उपयोगकर्त्ताओं को ऐसे लिंक पर क्लिक करने के लिये प्रेरित करते हैं जो उन्हें नकली वेबसाइटों पर ले जाते हैं और हमलावर संवेदनशील विवरण जैसे क्रेडिट कार्ड नंबर आदि प्राप्त कर लेते हैं। 

मैलवेयर

मैलवेयर का उपयोग व्यक्तिगत जानकारी चुराने के लिये किया जाता है, जिससे साइबर अपराधी पीड़ित के कंप्यूटर पर नियंत्रण प्राप्त कर लेते हैं।

रैंसमवेयर

रैनसमवेयर पीड़ित की फ़ाइलों को एन्क्रिप्ट करता है और डिक्रिप्शन के लिये भुगतान की मांग करता है। उदाहरण के लिये, 2016 में वानाक्राई हमला

साइबर-धमकी

साइबर-धमकी में किसी व्यक्ति की सुरक्षा को खतरा पहुँचाना, कुछ भी कहने या कराने के लिये दबाव डालना शामिल है।

साइबर जासूसी

साइबर जासूसी किसी सार्वजनिक या निजी संस्था के नेटवर्क को लक्ष्य बनाकर वर्गीकृत डेटा, निजी सूचना या बौद्धिक संपदा तक पहँच प्राप्त करती है।

व्यावसायिक ई-मेल समझौता (BEC) 

घोटालेबाज़, आपूर्तिकर्त्ताओं, कर्मचारियों या कर कार्यालय के सदस्यों का रूप धारण करने के लिये वैध ई-मेल खातों को हैक कर लेते हैं, जिसे सफेदपोश अपराध माना जाता है।

डेटिंग हुडविंक्स

हैकर्स संभावित साझेदार के रूप में प्रस्तुत होने और व्यक्तिगत डेटा तक पहुँच प्राप्त करने के लिये डेटिंग वेबसाइटों, चैट रूम और ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स का उपयोग करते हैं। 

  • प्रत्येक ज़िले में साइबर सेल: छत्तीसगढ़ के सभी पाँच संभागों में अब प्रत्येक ज़िले में एक साइबर सेल है और ऐसे मामलों से निपटने के लिये पुलिस थानों को उन्नत किया गया है।
    • सभी ज़िला पुलिस स्टेशनों को साइबर पुलिस स्टेशनों में उन्नत किया जा रहा है तथा विशेषज्ञ कर्मचारियों को राष्ट्रीय केंद्रों पर प्रशिक्षित किया जा रहा है। 
  • निवेश: राज्य सरकार ने एक साइबर भवन के निर्माण में 2.77 करोड़ रुपए का निवेश किया है, जो एकीकृत फोरेंसिक डिवाइस, मोबाइल फोरेंसिक किट और डिस्क स्टोरेज सिस्टम सहित अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है। 
    • ये तकनीकी प्रगति राज्य में साइबर अपराध और धोखाधड़ी से निपटने के लिये चल रहे प्रयासों का हिस्सा हैं। 
  • साइबर धोखाधड़ी में वृद्धि: वैश्विक स्तर पर साइबर अपराध बढ़ रहा है, पिछले साल डिजिटल लेन-देन 20 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया। जैसे-जैसे डिजिटल लेन-देन बढ़ रहा है, साइबर धोखाधड़ी की घटनाएँ भी बढ़ रही हैं।