मध्य प्रदेश
कृषक कल्याण मिशन
- 18 Apr 2025
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चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने "कृषक कल्याण मिशन (KKM) को प्रारंभ करने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की।
मुख्य बिंदु
- मिशन के बारे में:
- इस मिशन का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि, कृषि को जलवायु-अनुकूल बनाना, धारणीय कृषि पद्धतियों को अपनाना, जैवविविधता और परंपरागत कृषि ज्ञान का संरक्षण करना है।
- यह मिशन पोषण और खाद्य सुरक्षा, साथ ही कृषकों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने की दिशा में भी कार्य करेगा।
- इस मिशन के अंतर्गत किसान कल्याण एवं कृषि विकास, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी, सहकारिता, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभागों में प्रचलित योजनाओं को एकीकृत किया जाएगा।
- प्रमुख लक्ष्य:
- कृषि यंत्रीकरण में 1.5 गुना वृद्धि।
- कृषि क्षेत्र में 75% पूंजी निवेश वृद्धि।
- जैविक/प्राकृतिक खेती को 10% क्षेत्र तक ले जाना।
- फसल बीमा कवरेज 50% तक बढ़ाना।
- सूक्ष्म सिंचाई क्षेत्रफल 20% तक।
- ऊर्जादाता योजना के अंतर्गत किसानों को सौर ऊर्जा पंप।
- पशुधन उत्पादकता में 50% वृद्धि
- प्रशासनिक ढाँचा:
- मुख्यमंत्री मिशन की आम सभा के अध्यक्ष होंगे, जबकि मुख्य सचिव कार्यकारी समिति का नेतृत्व करेंगे।
- ज़िला स्तर पर मिशन का संचालन ज़िलाधिकारी की अध्यक्षता में होगा।
मध्य प्रदेश में कृषि क्षेत्र का योगदान
- सरकारी आँकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। वर्ष 2002-03 में जहाँ कृषि उत्पादकता 1,195 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी, वहीं यह वर्ष 2024 में बढ़कर 2,393 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो गई, जो 200 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाती है।
- इसी तरह, फसल उत्पादन में भी महत्त्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है- वर्ष 2002-03 में यह 224 लाख मीट्रिक टन था, जो वर्ष 2024 में बढ़कर 723 लाख मीट्रिक टन हो गया अर्थात 323 प्रतिशत की वृद्धि।
- प्रदेश की कृषि विकास दर भी उल्लेखनीय रही है। वर्ष 2002-03 में जहाँ यह 3 प्रतिशत थी, वह वर्ष 2024 में बढ़कर 9.8 प्रतिशत हो गई है।
- इसके अतिरिक्त, कृषि बजट में भी भारी वृद्धि हुई है—वर्ष 2002-03 में जहाँ यह 600 करोड़ रुपए था, वहीं वर्ष 2024 में यह बढ़कर 27,050 करोड़ रुपए हो गया है।
- वर्तमान में, राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में कृषि क्षेत्र का योगदान 39 प्रतिशत है।