मई 2023 | 18 May 2023

PRS के प्रमुख हाइलाइट्स

  गृह मामले  

दिल्ली NCT सरकार अधिनियम में संशोधन

हाल ही में दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया गया था।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 विधानसभा और दिल्ली सरकार के कामकाज़ के लिये रूपरेखा प्रदान करता है। इसकी मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:  

  • सेवाओं पर कानून बनाने की शक्तियाँ: संविधान के अनुच्छेद 239AA के अनुसार, दिल्ली विधानसभा के पास पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर, राज्य सूची और समवर्ती सूची के विषयों पर कानून बनाने की शक्तियाँ हैं।
    • संसद दिल्ली के संबंध में राज्य सूची के तहत आने वाले विषयों पर भी कानून बना सकती है और राज्य के कानूनों के प्रतिकूल होने की स्थिति में ये कानून मान्य होंगे।
    • अध्यादेश निर्दिष्ट करता है कि दिल्ली विधानसभा के पास 'सेवाओं' के विषय में कानून बनाने की शक्ति नहीं होगी, जो राज्य सूची के अंतर्गत आता है। सेवाओं में दिल्ली सरकार के कर्मचारियों की नियुक्ति और तबादले तथा सतर्कता से संबंधित मामले शामिल हैं। 
  • राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण: अध्यादेश राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण की स्थापना करता है जो कि दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) को निम्नलिखित के संबंध में सुझाव देगा: 
    (i) तबादले और तैनाती।
    (ii) विजिलेंस से संबंधित मामले।
    (iii) अनुशासनात्मक कार्यवाहियाँ।
    (iv) अखिल भारतीय सेवाओं (भारतीय पुलिस सेवा को छोड़कर) और दिल्ली, अंडमान एवं निकोबार, लक्षद्वीप, दमन तथा दीव, दादरा एवं नगर हवेली (लोक) सेवाओं के समूह A की अभियोजन स्वीकृति।
  • प्राधिकरण में निम्नलिखित शामिल होंगे: 
    (i) अध्यक्ष के रूप में दिल्ली का मुख्यमंत्री
    (ii) सदस्य सचिव के रूप में दिल्ली सरकार का प्रधान गृह सचिव
    (iii) सदस्य के रूप में दिल्ली सरकार का मुख्य सचिव। 
  • केंद्र सरकार प्रधान सचिव और मुख्य सचिव दोनों की नियुक्ति करेगी। पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था  तथा भूमि जैसे विषयों के संबंध में सेवारत अधिकारी प्राधिकरण के दायरे में नहीं आएंगे।
  • प्राधिकरण के सभी निर्णय उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत के आधार पर लिये जाएंगे। एक बैठक के लिये कोरम दो व्यक्तियों का होता है।
  • उपराज्यपाल की शक्तियाँ: अधिनियम के तहत ऐसे मामले जहाँ उपराज्यपाल अपने विवेक से कार्य कर सकते हैं: वे निम्नलिखित हैं:
    • दिल्ली विधानसभा की विधायी क्षमता से बाहर के मामले, लेकिन जिन्हें LG को सौंपा गया है।
    • ऐसे मामले जहाँ उनसे कानून द्वारा अपने विवेक से कार्य करना या कोई न्यायिक या अर्द्ध-न्यायिक कार्य करना अपेक्षित है।
    • अध्यादेश निर्दिष्ट करता है कि इन मामलों में उपराज्यपाल अपने विवेक से कार्य करेगा। यह LG  की विवेकाधीन भूमिका का विस्तार करता है और उसे प्राधिकरण की सिफारिशों को मंज़ूरी देने या उन्हें पुनर्विचार के लिये वापस करने की शक्ति देता है।
    • उनके और प्राधिकरण के बीच मतभेद की स्थिति में LG का निर्णय अंतिम होगा।

  वित्त  

2,000 रुपए के नोटों का चलन 

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने 2,000 रुपए मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को चलन से वापस ले लिया है। इसके बावजूद ऐसे बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। 
  • नोटबंदी के बाद 500 रुपए और 1,000 रुपए मूल्यवर्ग के बैंक नोट वापस ले लिये गए थे और करेंसी  की कमी दूर करने के लिये नवंबर 2016 में 2,000 रुपए मूल्यवर्ग के बैंक नोट पेश किये गए थे। 
  • RBI ने कहा है कि 2,000 रुपए के बैंक नोट को पेश करने का उद्देश्य तब पूरा हुआ जब अन्य मूल्यवर्ग की करेंसी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गई। 
    • यह भी देखा गया कि इस मूल्यवर्ग के बैंक नोट का इस्तेमाल आमतौर पर लेन-देन के लिये नहीं किया जाता है। 
  • लोग 30 सितंबर, 2023 तक किसी भी बैंक शाखा में अपने बैंक खातों में ऐसे नोट जमा कर सकते हैं या उन्हें अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में बदल सकते हैं। 
  • एक बार में 2,000 रुपए के नोटों की 20,000 रुपए तक की राशि को बदला जा सकता है।

  शहरी विकास   

चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की योजना को मंज़ूरी 

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चार वर्ष (2023-2027) की अवधि हेतु ‘सिटी इन्वेस्टमेंट्स टू इनोवेट, इंटीग्रेट एंड सस्टेन 2.0' (CITIIS 2.0) को मंज़ूरी दी है।
    • इस कार्यक्रम की परिकल्पना आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने निम्नलिखित के साथ साझेदारी में की है:
      • फ्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी (AFD)
      • जर्मन बैंक क्रेडिटनस्टाल्ट फर विडेराउफबाउ (KfW)
      • यूरोपीय संघ (EU)
      • शहरी मामलों का राष्ट्रीय संस्थान 
  • CITIIS 2.0 को वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था और यह 12 चुनिंदा शहरों में स्मार्ट सिटीजज़ मिशन का एक उप-घटक है।
  • इसमें शहरों में बुनियादी ढाँचे से संबंधित परियोजनाओं के निर्माण, राज्यों के साथ क्षमता निर्माण और राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत शहरी प्रबंधन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया। 
  • CITIIS 2.0 के मुख्य उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
    • 18 स्मार्ट शहरों (चुनींदा) को उन परियोजनाओं के लिये वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी जो जलवायु के अनुकूल बनने और अपशिष्ट प्रबंधन पर केंद्रित चक्रीय अर्थव्यवस्था से संबंधित हैं,
    • राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की सहायता करना (मांग आधारित) ताकि वे जलवायु से संबंधित आँकड़ों पर आधारित योजना बना सकें, उसके लिये आवश्यक अवसंरचना तैयार करना और शहरी स्थानीय निकायों की क्षमता का निर्माण करना।
    • शहरी भारत में जलवायु परिवर्तन प्रशासन को एकीकृत करने के लिये केंद्र, राज्य और शहर की सहायता करना।
  • CITIIS 2.0 का उद्देश्य नेशनल मिशन ऑन सस्टेनेबल हैबिटेट, अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन 2.0 (AMRUT), स्वच्छ भारत मिशन 2.0 और स्मार्ट सिटीज़ मिशन के माध्यम से भारत की जलवायु परिवर्तन प्रतिबद्धताओं को पूरा करना है।

  इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी  

PLI योजना 

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने IT हार्डवेयर के लिये उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना 2.0 को छह वर्ष की अवधि हेतु मंज़ूरी दी है।
  • PLI योजना घरेलू स्तर पर निर्मित उत्पादों की वृद्धिशील बिक्री पर चयनित कंपनियों को कुछ लाभ प्रदान करती  है।
  • इस योजना में लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर डिवाइस का निर्माण शामिल होगा। 

  संचार  

दूरसंचार और प्रसारण क्षेत्र में कारोबारी सुगमता पर सुझाव 

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India- TRAI) ने 'दूरसंचार और प्रसारण क्षेत्र में कारोबारी सुगमता पर सुझाव' जारी किया है। इसके मुख्य सुझावों में निम्नलिखित शामिल हैं:   

  • मंज़ूरी और अनुमोदन: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा कि अनुमति प्राप्त करने और भुगतान की वर्तमान प्रक्रिया जटिल एवं  समय लेने वाली है। 
    • संबंधित मंत्रालयों को सभी मंज़ूरियों और अनुमोदनों के लिये सिंगल विंडो सिस्टम बनाना चाहिये।
    • प्रत्येक मंत्रालय को संबंधित दिशा-निर्देशों या नीतियों में सभी प्रक्रियाओं के लिये चरण-वार समय-सीमा निर्दिष्ट करनी चाहिये। इसके अलावा प्रत्येक मंत्रालय को इस संबंध में प्रक्रियाओं की समीक्षा, सरलीकरण और अपडेशन के लिये स्थायी कारोबारी सुगमता समिति का गठन करना चाहिये।
  • अवसंरचना और अनिवार्य सेवा का दर्जा: प्रसारण एवं केबल सेवा क्षेत्र को 'अवसंरचना का दर्जा' प्रदान किया जाना चाहिये। इससे उद्योग के लिये गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों, बीमा कंपनियों, पेंशन फंड और भारतीय अवसंरचना वित्त कंपनी लिमिटेड से पूंजी जुटाना आसान होगा। 
  • दूरसंचार उत्पादों का परीक्षण: दूरसंचार उत्पादों के परीक्षण में दोहराव से बचने के लिये दूरसंचार विभाग को एक स्थायी समिति का गठन करना चाहिये। समिति में इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, दूरसंचार विभाग (DoT) और भारतीय मानक ब्यूरो के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिये।
  • राइट ऑफ वे: DoT ने राइट ऑफ वे से संबंधित मंज़ूरियों की प्रक्रिया को कारगर बनाने हेतु गतिशक्ति पोर्टल विकसित किया है। हालाँकि स्थानीय केबल ऑपरेटरों (LCO) के लिये पोर्टल से ऐसी मंजूरी लेने का कोई प्रावधान नहीं है। 
    • पोर्टल में LCO सहित सभी सेवा प्रदाताओं को शामिल किया जाना चाहिये।
  • वेबसाइट ब्लॉकिंग: ट्राई ने कहा कि विभिन्न तरीको/पोर्टल्स के ज़रिये इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को उन वेबसाइट्स की सूची भेजी गई है, जिन्हें ब्लॉक किया जाना है। उसने सुझाव दिया कि वेबसाइट ब्लॉकिंग के लिये सिंगल विंडो पोर्टल बनाया जाए। इस पोर्टल के माध्यम इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को ब्लॉक की गई वेबसाइटों की सूची भेजी जानी चाहिये।

  ऊर्जा  

राष्ट्रीय विद्युत योजना 

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) ने 2022-32 के लिये राष्ट्रीय विद्युत योजना (NEP) (खंड-1 उत्पादन) को अधिसूचित किया है। CEA को विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत पाँच वर्ष में एक बार राष्ट्रीय विद्युत योजना तैयार करनी होती है। योजना पिछले पाँच वर्षों (2017-22) की समीक्षा, 2022-27 के लिये क्षमता वृद्धि की आवश्यकताओं और वर्ष 2027-2032 की अवधि हेतु अनुमानों का प्रावधान करती है। 

हरित ऊर्जा मुक्त पहुँच नियमों में संशोधन

  • विद्युत मंत्रालय ने विद्युत (हरित ऊर्जा मुक्त पहुँच के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना) (दूसरा संशोधन) नियम, 2023 अधिसूचित किया है।
    • नियम नवीकरणीय ऊर्जा (सौर, पवन, जल और अपशिष्ट से ऊर्जा सहित स्रोतों से) तक मुक्त पहुँच के लिये एक रूपरेखा प्रदान करते हैं।
  • मुक्त पहुँच का अर्थ है कि उपभोक्ता को अपनी पसंद की वितरण कंपनी से बिजली खरीदने की अनुमति दी जाए।
  • नियमों के तहत हरित ऊर्जा (नवीकरणीय स्रोत) तक पहुँच वाले उपभोक्ताओं को केंद्र सरकार की टैरिफ नीति के अनुसार क्रॉस-सब्सिडी अधिभार का भुगतान करना होगा।
    • क्रॉस सब्सिडी एक टैरिफ संरचना को संदर्भित करती है जहाँ उपभोक्ताओं का एक समूह उपभोक्ताओं के दूसरे समूह को आपूर्ति की लागत को कवर करने के लिये अपेक्षाकृत अधिक शुल्क का भुगतान करता है।

  स्वास्थ्य और परिवार कल्याण  

नैदानिक परीक्षण नियम, 2019 

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने नई औषधि और नैदानिक ​​परीक्षण नियम, 2019 में मसौदा संशोधन जारी किये हैं।
    • इन संशोधनों को औषधि और सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम, 1940 के तहत तैयार किया गया है।  
  • वर्ष 2019 के नियम नैदानिक परीक्षण की प्रक्रिया को निर्दिष्ट करते हैं। 
    • नैदानिक परीक्षण नई दवाओं के प्रभाव तथा सुरक्षा का अध्ययन या संभावित नई दवाओं पर शोध होते हैं। 
  • वर्ष 2019 के नियम प्रक्रियात्मक विवरणों को निर्दिष्ट करते हैं जैसे कि प्रतिभागियों की सूचित सहमति प्राप्त करना और एक आचार समिति द्वारा परीक्षणों की निगरानी करना। 
  • मसौदा संशोधन नैदानिक अनुसंधान संगठनों को ऐसे निकाय के रूप में परिभाषित करता है जो एक प्रायोजक की ओर से नैदानिक परीक्षण के कुछ या सभी हिस्सों का संचालन करता है, जो परीक्षण शुरू करने और प्रबंधित करने वाली इकाई है।
  • अन्य नए प्रावधान नैदानिक परीक्षण करने के लिये  नैदानिक अनुसंधान संगठनों हेतु प्रक्रियाओं को निर्दिष्ट करते हैं। उदाहरण के लिये उन्हें औषधि नियंत्रक, भारत के साथ पंजीकरण करना होगा और यह पंजीकरण पाँच वर्ष के लिये वैध होगा।
  • नै दानिक अनुसंधान संगठन निरीक्षणों के अधीन होंगे और उन्हें परीक्षणों के संचालन से संबंधित रिकॉर्ड और डेटा को रखना होगा। अगर नैदानिक अनुसंधान संगठन अधिनियम या नियमों का पालन करने में असफल रहता है तो पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।

सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद नियम, 2004 

  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का निषेध एवं  व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) नियम, 2004 में संशोधन को अधिसूचित किया।
    • 2004 के नियम तंबाकू उत्पादों की बिक्री, उत्पादन और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाते हैं। उदाहरण के लिये वे निषेध करते हैं:
      • तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन।
      • किसी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में या किसी नाबालिग को तंबाकू उत्पादों की बिक्री।
  • वर्ष 2023 के संशोधनों में अपेक्षित है कि तंबाकू विरोधी विज्ञापनों को ऑनलाइन क्यूरेट कंटेंट के साथ प्रदर्शित किया जाए जिसमें तंबाकू उत्पादों का उपयोग दिखाया गया हो।
    • ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट किसी भी क्यूरेटेड ऑडियो-विज़ुअल कंटेंट को कहा जाता है जो कंप्यूटर रिसोर्स, जैसे OTT सामग्री के माध्यम से मांग पर उपलब्ध कराए जाते हैं। 
  • किसी भी कार्यक्रम के आरंभ और मध्य में कम-से-कम 30 सेकंड की अवधि के तंबाकू विरोधी विज्ञापन अवश्य प्रदर्शित किये जाने चाहिये।
    • ऑनलाइन सामग्री की शुरुआत और बीच में तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के ऑडियो-विज़ुअल अस्वीकरण भी प्रदर्शित किये जाने चाहिये।

  नागरिक उड्डयन  

उड़ान 5.1 

  • नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (RCS) - उड़े देश का आम नागरिक (UDAN) का राउंड 5.1 लॉन्च किया।
  • यह योजना देश के दूरदराज़ के इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ाने और हेलीकॉप्टरों के माध्यम से लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करने का प्रयास करती है।
  • यह योजना क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को किफायती बनाकर सुविधाजनक बनाना चाहती है।
  • उड़ान 5.1 की प्रमुख विशेषताओं में निम्नलिखित शामिल हैं:
    • प्राथमिकता क्षेत्र स्थान वाले स्रोत या गंतव्य वाले मार्गों की अनुमति देकर परिचालन दायरे का विस्तार।
    • हेलीकाप्टर हवाई किराया सीमा में 25% की कमी।
    • सिंगल और ट्विन-इंजन हेलीकॉप्टरों के लिये व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण सीमा में वृद्धि।
  • मंत्रालय के अनुसार, हेलीकॉप्टर के अधिक उपयोग से पर्यटन, आतिथ्य और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
  • मई 2023 तक योजना के पिछले दौर के तहत 46 हेलीकॉप्टर मार्गों का संचालन किया जा चुका है।

  कृषि  

उर्वरक सब्सिडी में संशोधन 

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी 2022-23 के लिये पोषक तत्त्व आधारित उर्वरक सब्सिडी दरों में संशोधन को मंज़ूरी दी और खरीफ 2023 के लिये सब्सिडी दरों को निर्धारित कर दिया है।
  • पोषक तत्त्व आधारित सब्सिडी योजना के तहत संशोधित दरें रबी फसलों के लिये 1 जनवरी, 2023 से 31 मार्च, 2023 के बीच और खरीफ फसलों हेतु 1 अप्रैल, 2023 से 30 सितंबर, 2023 के बीच प्रभावी होंगी। खरीफ 2023 के लिये 38,000 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। 

  खाद्य और सार्वजनिक वितरण  

अंतर-मंत्रालयी समिति 

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना बनाने के लिये एक अंतर-मंत्रालयी समिति के गठन को मंज़ूरी दी है।
    • कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के तहत आठ योजनाओं को इस उद्देश्य के लिये एकीकृत किया जाएगा।
  • समिति प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (Primary Agriculture Credit Societies- PACS) के स्तर पर गोदामों और प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की सुविधा प्रदान करके कृषि भंडारण अवसंरचना की कमी को दूर करेगी।
  • समिति को चयनित व्यवहार्य PACS में बुनियादी ढाँचा तैयार करने के लिये ऐसी योजनाओं हेतु दिशा-निर्देशों/कार्यान्वयन पद्धतियों को संशोधित (अनुमोदित परिव्यय के भीतर) करने का अधिकार होगा।
    • PACS भारतीय खाद्य निगम (FCI) या राज्य एजेंसियों के लिये खरीद केंद्रों और उचित मूल्य की दुकानों के रूप में कार्य करेंगे।
  • स्थानीय स्तर पर विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता से खाद्यान्न की बर्बादी कम होने की उम्मीद है।
  • इसके अलावा किसानों को विकल्प उपलब्ध कराने से फसलों की संकटपूर्ण बिक्री को रोकने और परिवहन लागत के कम होने की उम्मीद है।
    • मंत्रिमंडल की मंज़ूरी के 45 दिनों के भीतर प्रस्ताव का कार्यान्वयन शुरू हो जाएगा।

  विदेशी मामले  

क्वाड स्वास्थ्य सुरक्षा साझेदारी 

  • वर्ष 2023 क्वाड लीडर्स समिट ने क्वाड स्वास्थ्य सुरक्षा साझेदारी (Quad Health Security Partnership) की शुरुआत करते हुए एक संयुक्त बयान जारी किया है।
  • क्वाड एक खुले, स्थिर और समृद्ध भारत-प्रशांत का समर्थन करने के लिये प्रतिबद्ध चार देशों का कूटनीतिक नेटवर्क है।
  • इसमें भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। क्वाड लीडर्स समिट में सरकारों के प्रमुख शामिल होते हैं। नई साझेदारी क्वाड वैक्सीन पार्टनरशिप का विस्तार है, जिसे वर्ष 2021 में लॉन्च किया गया था।
  • भारत-प्रशांत क्षेत्र में टीकों तक समान पहुँच बढ़ाने के लिये वैक्सीन साझेदारी की योजना बनाई गई है। नई साझेदारी भारत-प्रशांत में स्वास्थ्य सुरक्षा के समर्थन में समन्वय एवं सहयोग को मज़बूत करेगी।
  • साझेदारी में गतिविधियों को कार्यान्वित करने की योजना बनाई जाएगी ताकि क्षेत्र में महामारियों के प्रकोप का पता लगाने और इस संबंध में पहल करने की क्षमता का निर्माण हो। इन गतिविधियों में निम्नलिखित शामिल हैं:
    • रोग निगरानी।
    •  प्रकोप संबंधी प्रतिक्रियाओं का समन्वय।
    • स्वास्थ्य क्षेत्र में श्रमबल का विकास और उसे सहयोग देना।