प्रीलिम्स फैक्ट्स: 05 फरवरी, 2020
संतुष्ट पोर्टल
Santusht Portal
भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) ने ज़मीनी स्तर पर श्रम कानूनों के कियान्वयन की निगरानी के लिये संतोष पोर्टल (Santusht Portal) शुरू किया है।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य पारदर्शिता, जवाबदेही, सार्वजनिक सेवाओं का प्रभावी वितरण तथा नीतियों का क्रियान्वयन, निरंतर निगरानी के माध्यम से ज़मीनी स्तर पर श्रम और रोज़गार मंत्रालय की योजनाओं को बढ़ावा देना।
भारत सरकार का उद्देश्य:
- भारत सरकार का उद्देश्य मजदूरी, औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कामकाजी परिस्थितियों पर सभी चार कोडों को लागू करना है। इससे व्यापार में सुगमता के साथ ही श्रमिकों के हितों की रक्षा की जा सकेगी।
गौरतलब है कि जन शिकायतों के लिये केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (Centralized Public Grievance Redressal and Monitoring System- CPGRAMS) पोर्टल पहले से ही काम कर रहा है।
विक्रम साराभाई शताब्दी कार्यक्रम
Vikram Sarabhai Centenary Programme
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) और परमाणु ऊर्जा विभाग (Department of Atomic Energy- DAE) द्वारा डॉ. विक्रम साराभाई की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय स्तर पर एक वर्ष तक चलने वाले कार्यक्रम के तहत विभिन्न आयोजन किये जा रहे हैं।
मुख्य बिंदु:
- यह उत्सव 12 अगस्त, 2019 को अहमदाबाद में शुरू हुआ था, जहाँ 12 अगस्त, 1919 को साराभाई का जन्म हुआ था।
- डॉ. विक्रम साराभाई ने गुजरात के अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (Physical Research Laboratory- PRL) की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी। इस प्रयोगशाला की स्थापना वर्ष 1947 में की गई थी।
- इस समारोह का समापन 12 अगस्त, 2020 को केरल के तिरुवनंतपुरम में होगा जहाँ उन्होंने भारत का पहला रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन स्थापित किया था।
- हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) ने अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अनुसंधान के क्षेत्र में सक्रिय योगदान देने वाले पत्रकारों की पहचान कर उन्हें पुरस्कृत करने के लिये ‘विक्रम साराभाई पत्रकारिता पुरस्कार’ की घोषणा की है।
रथ सप्तमी
Ratha Saptami
आंध्र प्रदेश में श्रीकाकुलम ज़िले के अरसाविल्ली (Arasavilli) में स्थित प्रसिद्ध सूर्य मंदिर में रथ सप्तमी (Ratha Saptami) के अवसर पर सूर्यनारायण स्वामी की पूजा की जाती है।
मुख्य बिंदु:
- रथ सप्तमी दो शब्दों (रथ और सप्तमी) से बना है- रथ का अर्थ एक प्रकार की गाड़ी और सप्तमी का अर्थ 7वें से है।
- प्रतीकात्मक रूप से यह त्योहार भगवान सूर्य को समर्पित है, इसमें सात घोड़ों वाले रथ को उत्तर-पूर्व दिशा में उत्तरी गोलार्द्ध की ओर ले जाते हैं। ये सात घोड़े इंद्रधनुष के सात रंगों या सप्ताह के सात दिनों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- रथ में 12 पहिये होते हैं जो राशि चक्र (360 डिग्री) के 12 चिंहों (प्रत्येक 30 डिग्री) का प्रतिनिधित्व करते हैं और एक पूरे वर्ष का गठन करते हैं जिसे संवत्सर (Samvatsara) कहा जाता है।
रथ सप्तमी क्या है?
- रथ सप्तमी जिसे माघ सप्तमी के रूप में भी जाना जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो हिंदू कैलेंडर के माघ महीने में 7वें दिन आता है।
- माघ महीने का 7वाँ दिन भी सूर्य के जन्म का प्रतीक है, इसलिये इसे सूर्य जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
- रथ सप्तमी को सरस्वती पूजा या बसंत पंचमी के दो दिन बाद मनाया जाता है जो वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है।
अमराबाद टाइगर रिज़र्व
Amrabad Tiger Reserve
हाल ही में तेलंगाना के अमराबाद टाइगर रिज़र्व (Amrabad Tiger Reserve) में आग लग गई।
अमराबाद टाइगर रिज़र्व के बारे में
- क्षेत्रफल: 2,800 वर्ग किलोमीटर
- भौगोलिक स्थिति: यह नल्लामाला पहाड़ियों में स्थित है।
- क्षेत्रीय स्थिति: तेलंगाना के महबूबनगर और नलगोंडा ज़िलों में स्थित।
- यह नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा टाइगर रिज़र्व है।
- अमराबाद टाइगर रिज़र्व पहले नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व का हिस्सा था, लेकिन आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व के उत्तरी भाग को तेलंगाना राज्य में अमराबाद टाइगर रिज़र्व के नाम से सम्मिलित कर दिया गया।
- दक्षिणी भाग आंध्र प्रदेश के साथ नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व के रुप में अभी भी स्थापित है।
- नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व और अमराबाद टाइगर रिज़र्व में भारत के सबसे बड़े संरक्षित सूखे वन (Dry Forest) पाए जाते हैं।
- यहाँ लगभग 23 बाघ हैं, जबकि अन्य स्तनधारियों में तेंदुआ, भारतीय भेड़िया, जंगली कुत्ता, सियार, चित्तीदार हिरन, सांभर आदि भी पाये जाते हैं।
डेफएक्सपो 2020
DefExpo 2020
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) द्वारा विकसित सामरिक एवं टैक्टिकल हथियार प्रणाली, रक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी की एक विस्तृत शृंखला का डेफएक्सपो 2020 (DefExpo 2020) में प्रदर्शन होगा।
डेफएक्सपो 2020 के बारे में
- इसका 11वाँ द्विवार्षिक संस्करण उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 5 से 8 फरवरी, 2020 तक चलेगा।
- यह भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) का एक प्रमुख द्विवार्षिक कार्यक्रम है।
- थीम: इसकी थीम ‘इंडिया: द इमर्जिंग डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हब’ (India: The Emerging Defence Manufacturing Hub) है।
- इस एक्सपो में मुख्य फोकस ‘रक्षा क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन’ (Digital Transformation of Defence) पर किया जाएगा।
- इसके पिछले दो संस्करण चेन्नई और गोवा में आयोजित किये गए थे।
डेफएक्सपो 2020 का महत्त्व:
- यह एक्सपो प्रमुख विदेशी ‘मूल उपकरण निर्माताओं’ (Original Equipment Manufacturers) को भारतीय रक्षा उद्योग के साथ सहयोग करने और मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करेगा।