प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 08- 08- 2019
- 08 Aug 2019
- 8 min read
- विक्रम साराभाई पत्रकारिता पुरस्कार
- विशालकाय तोता के अवशेष
- प्लास्टिक के विकल्प के रूप में कैक्टस
- अर्का सुप्रबाथ
- टारडिग्रेड्स
विक्रम साराभाई पत्रकारिता पुरस्कार
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) ने अंतरिक्ष विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अनुसंधान के क्षेत्र में सक्रिय योगदान देने वाले पत्रकारों की पहचान कर उन्हें पुरस्कृत करने के लिये ‘विक्रम साराभाई पत्रकारिता पुरस्कार’ की घोषणा की है।
- इस पुरस्कार की घोषणा भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ विक्रम साराभाई के शताब्दी वर्ष समारोह की गई।
- पुरस्कार विजेता का चयन पत्रकारिता का उत्कृष्ट अनुभव रखने वाले समस्त भारतीयों में से किया जाएगा।
- पुरस्कारों की दो श्रेणियाँ हैं, जिनमें पहली श्रेणी के अंतर्गत दो पत्रकारों या प्रिंट मीडिया के स्वतंत्र पत्रकारों को 5,00,000 रुपए नकद, एक पदक और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
- नामांकित उम्मीदवारों का आकलन वर्ष 2019 से 2020 के दौरान भारत में हिंदी, अंग्रेज़ी या क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित लोकप्रिय पाक्षिक पत्रिकाओं, विज्ञान पत्रिकाओं या पत्रिकाओं में छपे लेखों या सफलता की कहानियों के आधार पर किया जाएगा।
- पुरस्कार की दूसरी श्रेणी के तहत पत्रकारों या प्रिंट मीडिया के स्वतंत्र पत्रकारों को 3,00,000; 2,00,000 और 1,00,000 रुपए के 3 नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिये जाएंगे।
- लेख या सफलता की कहानियाँ भारत में एक वर्ष के दौरान लोकप्रिय समाचार पत्रों या समाचार पत्रिकाओं में हिंदी, अंग्रेज़ी, क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित होनी चाहिये, जैसा कि प्रस्ताव में सूचित किया गया है।
- चुने गए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा 1 अगस्त, 2020 को की जाएगी।
हेराक्लेस इनएक्सपेक्टेटस
(Heracles inexpectatus)
जीवाश्म वैज्ञानिकों (Palaeontologists) की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने न्यूज़ीलैंड में एक विशालकाय तोते (जिसकी ऊँचाई मानव की सामान्य ऊँचाई की लगभग आधी थी) के अवशेष प्राप्त किये हैं।
- ये तोते संभवतः 19 मिलियन वर्ष पहले पृथ्वी पर पाए जाते थे।
- वैज्ञानिकों ने पक्षी के पैर की हड्डियों के आकार को देखते हुए इसकी लंबाई लगभग एक मीटर तथा वज़न सात किलोग्राम तक होने का अनुमान लगाया है।
- हालाँकि इसकी हड्डियों के अवशेष वर्ष 2008 में प्राप्त हुए थे लेकिन उस समय इसके बारे में कुछ भी निश्चित नहीं किया जा सका था।
- आकार, शक्ति एवं खोज की अप्रत्याशित प्रकृति के कारण इस तोते को हेराक्लेस इनएक्सपेक्टेटस (Heracles inexpectatus) नाम दिया गया है।
- वैज्ञानिकों ने इसका आकार डोडो पक्षी के समान होने की संभावना व्यक्त की है।
प्लास्टिक के विकल्प के रूप में कैक्टस
एक मैक्सिकन शोधकर्त्ता द्वारा कांटेदार कैक्टस (Cactus) के पौधे से निर्मित पैकेजिंग सामग्री विकसित की गई है
- वैज्ञानिकों के अनुसार, मेक्सिको के कांटेदार कैक्टस (Cactus) के पौधे से बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का उत्पादन किया जा सकता है।
- यह दुनिया के सबसे बड़े प्रदूषकों में से एक पॉलीथीन के लिये एक आशाजनक समाधान प्रस्तुत कर सकती है।
- हालाँकि यह अभी शुरुआती प्रशिक्षण है लेकिन वर्ष 2020 तक इसे पेटेंट करने तथा बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन किये जाने की संभावना है।
- यह पैकेजिंग सामग्री सिर्फ एक बार ही प्रयोग किया जा सकता है।
अर्का सुप्रबाथ
Arka Suprabath
बंगलूरु स्थित भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Horticulture Research- IIHR) ने आम की एक नवीनतम किस्म, अर्का सुप्रबाथ (Arka Suprabath) विकसित की है।
- आम की यह नवीनतम किस्म अलग-अलग किस्मों को क्रॉस कराके विकसित की गई है जिसका जीवन काल लगभग 60 वर्ष है।
- अर्का सुप्रबाथ 10 वर्षों के शोध के पश्चात् विकसित किया गया है।
- अर्का सुप्रबाथ आम्रपाली (दशहरी और नीलम का एक क्रॉस) और अर्का अनमोल (अल्फांसो और जनार्धन पसंद का एक क्रॉस) का उपयोग करके विकसित किया गया एक डबल-क्रॉस हाइब्रिड है।
- अर्का सुप्रबाथ एक दुर्लभ किस्म है क्योंकि इसमें आम्रपाली के गूदे के रंग के साथ अल्फांसो का आकार एवं एक अलग स्वाद पाया गया है।
- अन्य किस्मों की तुलना में इसमें कम रेशे पाए जाते हैं।
- अर्का सुप्रबाथ किस्म की इस फसल को व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होने में अभी लगभग चार साल लगेंगे।
टारडिग्रेड्स
हाल ही में इस बात की संभावना व्यक्त की गई है कि अप्रैल 2019 में चंद्रमा की सतह पर इजराइल के अंतरिक्षयान के क्रैश होने के बाद टारडिग्रेड्स नामक सूक्ष्म जीव (पृथ्वी पर पाए जाने वाले सूक्ष्मजीव) चंद्रमा पर अब भी जीवित अवस्था में हो सकते हैं।
- उल्लेखनीय है कि इजराइल द्वारा बेरेशीट प्रोब के दौरान यह अंतरिक्षयान क्रैश हुआ था।
- बेरेशीट प्रोब इज़राइल की गैर-लाभकारी संस्था SpaceIL निजी मिशन है जिसे फरवरी 2019 में, फाल्कन 9 राकेट द्वारा लॉन्च किया गया था।
- टार्डिग्रेड्स आर्कटिक से अंटार्कटिक तक स्थलीय, समुद्री और मीठे पानी के वातावरण में पाए जाते हैं, जिसमें व्यापक गहराई और ऊँचाई भी शामिल हैं।
- ये जीवाणु अत्यधिक विकिरण, गर्मी तथा ब्रह्मांड के सबसे कम तापमान को भी झेल सकते हैं और भोजन के बिना भी दशकों तक जीवित रह सकते हैं।
- ये सूक्ष्मजीव वाटर बीयर या मोस पिग्लेट्स के नाम से भी जाने जाते हैं तथा 150 डिग्री सेल्सियस के गर्म तापमान से -272 डिग्री सेल्सियस तक के कम तापमान में जीवित रह सकते हैं।