भारत में मेडिकल कॉलेज सीटें और नए नियम

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC), राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019

मेन्स के लिये:

भारत में मेडिकल कॉलेज सीटें और नए नियम, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, शिक्षा

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने प्रति दस लाख आबादी पर 100 से अधिक चिकित्सा शिक्षा सीटों वाले राज्यों में नए मेडिकल कॉलेजों और मौजूदा कॉलेजों के विस्तार पर रोक लगाते हुए दिशानिर्देश जारी किये हैं।

राज्यों में मेडिकल कॉलेजों का परिदृश्य:

  • अत्यधिक मेडिकल कॉलेज सीटों वाले राज्य:
    • भारत में कम से कम 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रति दस लाख जनसंख्या पर 100 से अधिक सीटें हैं, जो उन्हें क्षमता विस्तार के लिये अयोग्य बनाती हैं।
      • मेडिकल कॉलेज सीटों की संख्या सबसे अधिक तमिलनाडु (11,225) में है, इसके बाद कर्नाटक (11,020) और महाराष्ट्र (10,295) आते हैं।
  • कम मेडिकल कॉलेज सीटों वाले राज्य:
    • मेघालय, बिहार और झारखंड में जनसंख्या के अनुपात में मेडिकल कॉलेज सीटों की भारी कमी है, जोकि 75% से अधिक है।
      • लगभग 33.5 लाख की आबादी वाले मेघालय में केवल 50 मेडिकल कॉलेज सीटें हैं।
      • 12.7 करोड़ और 3.9 करोड़ की आबादी वाले बिहार तथा झारखंड में क्रमशः 2,565 एवं 980 मेडिकल कॉलेज सीटें हैं।
      • सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में कुल सीटों में 61% की कमी के साथ 9,253 मेडिकल कॉलेज सीटें हैं।

NMC के दिशानिर्देश: 

  • अगस्त 2023 में NMC ने नियम जारी किये जो मेडिकल कॉलेजों के लिये जनसंख्या के आधार पर सीट का अनुपात निर्धारित करते हैं।
  • यदि प्रति दस लाख जनसंख्या पर 100 से अधिक सीटें उपलब्ध हैं तो राज्यों को चिकित्सा शिक्षा के लिये अपनी क्षमता (सीटों की संख्या) बढ़ाने से प्रतिबंधित किया जाता है
  • NMC का तर्क है कि इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना तथा प्रभावी गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा सुनिश्चित करना है।
  • NMC के नियम 2024-25 शैक्षणिक सत्र से शुरू होने वाले नए मेडिकल कॉलेजों तथा सीटों का विस्तार करने पर लागू होंगे।
  • नियमों के अनुसार अतिरिक्त सीटों वाले राज्यों में कॉलेजों को बंद करने अथवा मौजूदा सीटों को कम करने की आवश्यकता नहीं है।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC):

  • NMC का गठन संसद के एक अधिनियम द्वारा किया गया है जिसे राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के रूप में जाना जाता है।
  •  NMC भारत में चिकित्सा शिक्षा और प्रैक्टिस के शीर्ष नियामक के रूप में कार्य करता है।
  • स्वास्थ्य देखभाल शिक्षा में उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिये प्रतिबद्ध NMC पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण का वितरण सुनिश्चित करता है।