इंटरमीडिएट-मास ब्लैक होल
प्रिलिम्स के लिये:ब्लैक होल मेन्स के लिये:ब्रह्मांड निर्माण संबंधी अध्ययन में ब्लैक होल की भूमिका |
चर्चा में क्यों?
चेन्नई गणितीय संस्थान के वैज्ञानिकों ने LIGO-VIRGO वेधशालाओं के डेटा का विश्लेषण किया है और अनुमान लगाया है कि अब तक के बाइनरी ब्लैक होल विलय के अंश का पता चला है जो इंटरमीडिएट-मास ब्लैक होल बनाने की क्षमता रखते हैं।
प्रमुख बिंदु
- ब्लैक होल विलय के बारे में:
- यह दो या दो से अधिक ब्लैक होल के विलय की घटना है।
- भारतीय वैज्ञानिक द्वारा पहले ही तीन सुपरमैसिव ब्लैक होल के विलय को देखा जा चुका है।
- दो या दो से अधिक ब्लैक होल के विलय से विभिन्न प्रकार के ब्लैक होल बनते हैं। उदाहरण के लिये इंटरमीडिएट-मास ब्लैक होल और बाइनरी ब्लैक होल।
- इंटरमीडिएट-मास ब्लैक होल (IMBH) ब्लैक होल का एक वर्ग है जिसका द्रव्यमान 102-105 सौर द्रव्यमान अर्थात् तारकीय ब्लैक होल से काफी अधिक लेकिन सुपरमैसिव ब्लैक होल से कम होता है।
- इंटरमीडिएट-मास वाले ब्लैक होल के निर्माण के सिद्धांतों में से एक का संबंध 'पदानुक्रमित वृद्धि' से है।
- यदि ब्लैक होल तारों के घने समूह के बीच मौजूद हैं, तो विलय के अवशेष (ब्लैक होल) एक बाइनरी बनाने के लिये पास के दूसरे ब्लैक होल के साथ जुड़ सकते हैं। यह अंततः अधिक विशाल दूसरे तारे के अवशेष के साथ विलीन हो सकता है। यह प्रक्रिया श्रेणीबद्ध तरीके से होती है, जो इंटरमीडिएट-मास ब्लैक होल के गठन की व्याख्या कर सकती है।
- गुरुत्वाकर्षण तरंगें (GW) तब बनती हैं जब दो ब्लैक होल एक दूसरे की परिक्रमा करते हैं और विलीन हो जाते हैं।
- विलय में किक्स:
- "किक्स" विलय के दौरान अवशेष ब्लैक होल द्वारा प्राप्त विपरीत गति है। यह विलय के दौरान ऊर्जा और रैखिक गति को दूर ले जाने वाली गुरुत्वाकर्षण तरंगों की प्रतिक्रिया स्वरुप विकसित होती हैं।
- ये किक्स आकार में काफी बड़ी हो सकती हैं, जो इसे 1000 किलोमीटर प्रति सेकेंड तक की गति प्रदान कर सकती हैं।
- यदि यह किक वेग ब्लैक होल बनने वाले स्टार क्लस्टर के पलायन वेग से अधिक है तो यह पर्यावरण से बचकर बाहर निकल जाता है। यह आगे पदानुक्रमित विलय में बाधा डालता है।
- अवशेष द्वारा प्राप्त किक की सीमा की गणना विलय करने वाले ब्लैक होल के द्रव्यमान और उनकी स्पिन से की जा सकती है। किक अनुमान यह समझने में मदद करते हैं कि किन विलयों में इंटरमीडिएट-मास ब्लैक होल बनने की संभावना है।
ब्लैक होल (Black Hole)
- यह अंतरिक्ष में एक बिंदु को संदर्भित करता है जहाँ पदार्थ इतना संकुचित होता है कि एक गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बनाता है जिससे प्रकाश भी नहीं बच सकता।
- इस अवधारणा का सिद्धांत वर्ष 1915 में अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा दिया गया था और 'ब्लैक होल' शब्द जॉन आर्चीबाल्ड व्हीलर द्वारा दिया गया था।
- ब्लैक होल तब बनते हैं जब एक विशाल तारा अपने जीवनकाल के अंत में एक सुपरनोवा विस्फोट से गुज़रता है। ब्लैक होल विस्फोट के अवशेषों से बनता है।
- यह आवश्यक नहीं है कि कोई तारा अपने जीवनकाल के अंत में ब्लैक होल बन जाए। जैसे-जैसे तारे अपने जीवन के अंत तक पहुँचते हैं, अधिकांश का प्रसार होगा, द्रव्यमान खो देंगे, और फिर सफेद बौने बनाने के लिये ठंडे हो जाएंगे। लेकिन उनमें से सबसे बड़े जो सूर्य से कम-से-कम 10 से 20 गुना बड़े हैं, या तो सुपर-सघन न्यूट्रॉन तारे या तारकीय-द्रव्यमान वाले ब्लैक होल बनते हैं।
- आमतौर पर ब्लैक होल दो श्रेणियों के होते हैं:
- एक श्रेणी तारकीय ब्लैक होल की है जो कुछ सौर द्रव्यमानों से बनते हैं। ऐसा माना जाता है कि बड़े तारों के मृत होने से ब्लैक होल बनते हैं।
- दूसरी श्रेणी सुपरमैसिव ब्लैक होल की है। ये सौरमंडल के सूर्य की संख्या की तुलना में हज़ारों गुना की संख्या में हैं। ऐसा माना जाता है कि जब दो या दो से अधिक ब्लैक होल आपस में मिल जाते हैं तो ये बनते हैं।
- अप्रैल 2019 में इवेंट होराइज़न टेलीस्कोप प्रोजेक्ट के वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल (अधिक सटीक रूप से इसकी छाया की) की पहली छवि जारी की।