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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

असमान द्रव्यमान वाले दो ब्लैक होल का पहला विलय

  • 02 May 2020
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये:

LIGO, ब्लैक होल, 

मेंस के लिये:

सामान्य सापेक्षता का सिद्धांत

चर्चा में क्यों?

हाल ही में लेज़र इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरी (LIGO) में स्थित गुरुत्वाकर्षण तरंग वेधशालाओं के द्वारा दो असमान-द्रव्यमान वाले ब्लैक होल के विलय का पहली बार पता लगाया गया है।

प्रमुख बिंदु:

  • यह पहली ऐसी खोज है जिसमें असमान द्रव्यमान के दो ब्लैक होल शामिल हैं।
  • इस घटना को GW190412 नाम दिया गया है। इस घटना का पता वर्ष 2019 में लगाया गया था
  • लगभग 5 वर्ष पहले LIGO स्थित गुरुत्त्वाकर्षण वेधशाला ने पहली बार  गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता लगाया था।  
  • इन दोनों ब्लैक होल का द्रव्यमान क्रमशः 8 सौर द्रव्यमान (Solar Mass) और 30 सौर द्रव्यमान था।
    • सौर द्रव्यमान का तात्पर्य सूर्य के द्रव्यमान से है जो कि 2×10³⁰ किलोग्रा० होता है
    • यह खगोल विज्ञान में द्रव्यमान की एक मानक इकाई है।
  • दोनों ब्लैक होल के विलय की खोज लगभग 2.5 बिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर की गई।

खोज का महत्त्व:

  • इससे कई और चीजों का पता लगाना संभव हो जाएगा। जैसे-
    • घटना से दूरी का अधिक सटीक निर्धारण।
    • अधिक द्रव्यमान वाले ब्लैक होल की कोणीय गति, आदि

सामान्य सापेक्षता की भविष्यवाणी के साथ सत्यापन:

  • यह अवलोकन एक बार फिर आइंस्टीन के सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत की पुष्टि करता है, जो उच्च आवर्ती के हार्मोनिक्स (Harmonics) के अस्तित्व की भविष्यवाणी करता है।
    • सामान्य सापेक्षता, जिसे सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत के रूप में भी जाना जाता है, वर्ष 1915 में अल्बर्ट आइंस्टीन द्वारा प्रकाशित गुरुत्वाकर्षण का ज्यामितीय सिद्धांत है।

समान द्रव्यमान और असमान द्रव्यमान के द्विआधारी ब्लैक होल के मध्य अंतर:

  • गुरुत्त्वाकर्षण तरंगों का प्रमुख उत्सर्जन समान द्रव्यमान के द्विआधारी (Binary) ब्लैकहोल की कक्षीय आवृत्ति से दोगुना होता है और यह नगण्य है।
  • असमान द्रव्यमान वाले द्विआधारी ब्लैकहोल में उत्सर्जन एक आवृत्ति पर होता है जो कक्षीय आवृत्ति का तीन गुना होता है। 
    • कक्षीय आवृत्ति, घूर्णन दर (Rotation Rate) का मापक होता है। 
  • इसके अलावा, असमान ब्लैक होल के विलय में, अधिक बड़े ब्लैक होल का चक्रण (Spin) सिग्नल तरंग में अतिरिक्त सुविधाओं से निर्धारित किया जा सकता है।
    • भारी ब्लैक होल का चक्रण, द्विआधारी की गतिशीलता में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।

लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्ज़र्वेटरी (LIGO):

  • LIGO दुनिया की सबसे बड़ी गुरुत्त्वाकर्षण तरंग वेधशाला है।
  •  संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थापित LIGO के दो व्यापक अलग-अलग इंटरफेरोमीटर हैं - एक हैनफोर्ड, वॉशिंगटन में और दूसरा लिविंगस्टन, लुइसियाना में - जो गुरुत्त्वाकर्षण तरंगों का पता लगाने के लिये संयुक्त रूप से संचालित होते हैं।
  • इसके माध्यम से वैज्ञानिक अंतरिक्ष में दिक्-काल आयाम में पदार्थों की गति को भी समझ पाते हैं, जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में अनुसंधान में सहायक होगा।
    • भविष्य में पृथ्वी से संबंधित समस्याओं का समाधान भी किया जा सकता है।

ब्लैक होल (Black Hole):

  • ब्लैक होल शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले अमेरिकी भौतिकविद् जॉन व्हीलर ने 1960 के दशक के मध्य में किया था।
  • ब्लैक होल्स अंतरिक्ष में उपस्थित ऐसे छिद्र हैं जहाँ गुरुत्त्व बल इतना अधिक होता है कि यहाँ से प्रकाश का पारगमन नहीं होता।
  • चूँकि इनसे प्रकाश बाहर नहीं निकल सकता, अतः हमें ब्लैक होल दिखाई नहीं देते, वे अदृश्य होते हैं।
  • हालाँकि विशेष उपकरणों से युक्त अंतरिक्ष टेलिस्कोप की मदद से ब्लैक होल की पहचान की जा सकती है।
    • ये उपकरण यह बताने में भी सक्षम हैं कि ब्लैक होल के निकट स्थित तारे अन्य प्रकार के तारों से किस प्रकार भिन्न व्यवहार करते हैं।

स्रोत: द हिंदू

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