भारत-बांग्लादेश संबंधों के 50 वर्ष
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध, जिसमें बांग्लादेश को स्वतंत्रता प्राप्त हुई, के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बांग्लादेश सशस्त्र बलों (Bangladesh Armed Forces) के 122 सदस्यीय दल ने भारत की 72वीं गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लिया।
- इस वर्ष भारत और बांग्लादेश ने भी अपने संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरे किये हैं।
प्रमुख बिंदु:
- यह तीसरा अवसर है जब भारत की गणतंत्र दिवस परेड में विदेशी सैन्य टुकड़ी की भागीदारी देखी गई है।
- इससे पहले फ्रांँसीसी सैनिकों ने वर्ष 2016 में और संयुक्त अरब अमीरात की सेना ने वर्ष 2017 में गणतंत्र दिवस परेड में मार्च किया था।
- बांग्लादेश स्वतंत्रता संग्राम: वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय के उपलक्ष्य में बांग्लादेश द्वारा 16 दिसंबर को विजय दिवस (Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है।
- 3 दिसंबर, 1971 को भारत सरकार ने घोषणा की थी कि वह बंगाली मुसलमानों और हिंदुओं को बचाने के लिये पाकिस्तान के साथ युद्ध करेगी।
- यह युद्ध भारत और पाकिस्तान के मध्य 1 3 दिनों तक चला।
- 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने 93,000 सैनिकों के साथ ढाका में भारतीय सेना की सहयोगी मुक्ति वाहिनी (Mukti Bahini) सेना के समक्ष बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था।
- मुक्ति वाहिनी उन सशस्त्र संगठनों को संदर्भित करती है जो बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लड़े थे। यह एक गुरिल्ला प्रतिरोध आंदोलन (Guerrilla Resistance Movement) था।
- इस दिन अर्थात् 16 दिसंबर को बांग्लादेश का उद्भव हुआ, इसलिये बांग्लादेश प्रत्येक वर्ष 16 दिसंबर को स्वतंत्रता दिवस (विजय दिवस) मनाता है।
भारत -बांग्लादेश संबंध
- दिसंबर 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्र अस्तित्व को मान्यता देने और बांग्लादेश के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले देशों में भारत पहला देश था।
रक्षा सहयोग:
- रक्षा क्षेत्र में सहयोग हेतु दोनों देशों के मध्य सेना (सम्प्रति अभ्यास) और नेवी ( मिलान अभ्यास) के विभिन्न संयुक्त अभ्यासों का संचालन किया जाता है।
- सीमा प्रबंधन: भारत और बांग्लादेश एक-दूसरे के साथ 4096.7 किमी. लंबी सीमा साझा करते हैं जो कि भारत के किसी पड़ोसी देश के साथ सबसे लंबी भू सीमा है, जिसे भारत साझा करता है।
- भारत-बांग्लादेश भूमि सीमा समझौता (Land Boundary Agreemen- LBA) जून 2015 में विभिन्न अनुसमर्थनों की पुष्टि के बाद लागू हुआ।
नदी सहयोग:
- भारत और बांग्लादेश 54 नदियाँ साझा करते हैं। दोनों देशों के लिये एक द्विपक्षीय संयुक्त नदी आयोग (Joint Rivers Commission- JRC) जून 1972 से कार्य कर रहा है ताकि दोनों देशों के बीच संपर्क को मज़बूत बनाते हुए आम राष्ट्रीय प्रणाली का अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके।
आर्थिक संबंध:
- बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार देश है। वित्त वर्ष 2018-19 (अप्रैल-मार्च) की अवधि में भारत से बांग्लादेश को 9.21 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वस्तुओं का निर्यात किया गया तथा उसी अवधि में बांग्लादेश से भारत को 1.22 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात किया गया।
- वर्ष 2011 के बाद से दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (South Asian Free Trade Area- SAFTA) के तहत भारत द्वारा बांग्लादेशी निर्यात को दी गई शुल्क मुक्त और कोटा ेमुक्त पहुंँच की बांग्लादेश द्वारा सराहना की गई है।
कनेक्टिविटी सहयोग:
- दोनों देशों द्वारा कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संयुक्त रूप से हल्दीबाड़ी (भारत) और चिल्हाटी (बांग्लादेश) के मध्य नए रेलवे लिंक का उद्घाटन किया गया है।
- दोनों देशों द्वारा अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार प्रोटोकॉल (Protocol on Inland Water Transit and Trade- PIWTT) के दूसरे परिशिष्ट पर हस्ताक्षर का स्वागत किया गया ।
- दोनों देशों के बीच बेहतर संपर्क और यात्रियों तथा सामानों की आवाजाही को आसान बनाने के लिये बांग्लादेश-भूटान-भारत-नेपाल (Bangladesh-Bhutan-India-Nepal- BBIN) मोटर वाहन समझौते के शीघ्र कार्यान्वयन पर सहमति जताई गई है। इसके लिये बांग्लादेश, भारत और नेपाल के मध्य माल एवं यात्रियों की आवाजाही शुरू करने के लिये समझौता ज्ञापन पर शीघ्र हस्ताक्षर किये जाने की जरूरत पर बल दिया गया, जिसमें बाद में भूटान को भी शामिल किये जाने का प्रावधान है।
विद्युत क्षेत्र में सहयोग:
- वर्तमान में बांग्लादेश भारत से 1160 मेगावाट बिजली का आयात कर रहा है जो भारत-बांग्लादेश संबंधों की पहचान बन गया है।
बहुपक्षीय मंचों पर दोनों देशों की भागीदारी:
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) में बांग्लादेश द्वारा भारत का समर्थन किया गया जिसके लिये भारत ने बांग्लादेश को धन्यवाद दिया।
- दोनों देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के शुरुआती सुधारों, जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने, सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals-SDGs) की प्राप्ति और प्रवासियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिये साथ मिलकर कार्य करने पर सहमति व्यक्त की गई है।
- क्षेत्रीय संगठन जिनमें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन- दक्षेस (South Asian Association for Regional Cooperation- SAARC) और बंगाल की खाड़ी के लिये बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग-बिम्सटेक (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation- BIMSTEC) शामिल हैं, की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
- बांग्लादेश ने मार्च 2020 में दक्षेस नेताओं का वीडियो सम्मेलन बुलाने और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में वैश्विक महामारी के प्रभाव का मुकाबला करने के लिये सार्क आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष बनाने हेतु भारत को धन्यवाद दिया।
- वर्ष 2021 में बांग्लादेश द्वारा हिंद महासागर क्षेत्रीय सहयोग संगठन (Indian Ocean Rim Association- IORA) की अध्यक्षता की जाएगी तथा उसने अधिक-से-अधिक समुद्री सुरक्षा और बचाव के कार्यों के लिये भारत से समर्थन का अनुरोध किया है।
हाल के विकास:
- हाल ही में भारत और बांग्लादेश के मध्य सात समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए हैं और साझेदारी को मज़बूत करते हुए तीन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया है।
- भारत और विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत से माल की आवाजाही के लिये बांग्लादेश में चटगाँव (Chattogram) और मोंगला (Mongla) बंदरगाहों का उपयोग।
- बांग्लादेश की फेनी नदी का त्रिपुरा में पेयजल आपूर्ति के लिये उपयोग।
सहयोग के अन्य क्षेत्र:
- दोनों देशों को प्राथमिकता वाले क्षेत्रों, जैसे- निवेश, सुरक्षा संपर्क विकास, सीमा पार ऊर्जा सहयोग, नीली अर्थव्यवस्था, सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और आपदा प्रबंधन आदि पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- शरणार्थियों (रोहिंग्या) के संकट का समाधान करने में।
- कोविड 19 के दौरान:
- भारत ने अपनी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी (Neighbourhood First policy) के तहत बांग्लादेश को दी जाने वाली सर्वोच्च प्राथमिकता को दोहराते हुए आश्वासन दिया है कि भारत में कोविड-19 टीके का निर्माण किये जाने पर उसे बांग्लादेश को उपलब्ध कराया जाएगा।
- भारत ने टीके के उत्पादन में चिकित्सीय और साझेदारी में सहयोग की भी पेशकश की।
उभरते विवाद:
- पानी के बँटवारे से संबंधित लंबित मुद्दों को सुलझाने के प्रयास होने चाहिये, साथ ही बंगाल की खाड़ी में महाद्वीपीय शेल्फ मुद्दों को हल करने, सीमा पर होने वाली घटनाओं को शून्य स्तर पर लाने और मीडिया का प्रबंधन करने पर दोनों देशों को ध्यान देना चाहिये।
- असम में भारतीय नागरिकों की पहचान करने के लिये लाए गए राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizen) पर बांग्लादेश पहले ही चिंता व्यक्त कर चुका है।
- बांग्लादेश बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative) का एक सक्रिय भागीदार है जिसमें भारत शामिल नहीं है।
- बांग्लादेश रक्षा क्षेत्र में चीनी सैन्य पनडुब्बियों सहित अन्य सामग्रियों का एक प्रमुख प्राप्तकर्ता भी है।