सत्येन्द्र नाथ बोस के महान कार्य के 100 वर्ष
हाल ही में देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और प्रशासक सत्येन्द्र नाथ बोस (S.N. Bose) के चार क्रांतिकारी प्रकाशनों में से अंतिम की 100वीं वर्षगाँठ मनाने के लिये कोलकाता में S.N. बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज (SNBNCBS) में एकत्र हुए। इन प्रकाशनों में से अंतिम, जिसने नए क्वांटम यांत्रिकी को जन्म दिया (अन्य 1900 में प्लैंक, 1905 में आइंस्टीन और 1913 में नील्स बोहर के थे), ने वर्षों के दौरान क्वांटम यांत्रिकी के विकास का पता लगाया।।
- SNBNCBS, SN बोस के जीवन और कार्य का सम्मान करने के लिये 1986 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DoST) के तहत स्थापित एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान है।
- क्वांटम सांख्यिकी पर SN बोस के अग्रणी कार्यों ने बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट्स, क्वांटम सुपरकंडक्टिविटी और क्वांटम सूचना सिद्धांत सहित आधुनिक क्वांटम प्रौद्योगिकियों के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है।
- ब्रह्मांड में आधे मूलभूत कणों का नाम उनके नाम पर बोसॉन रखा गया है।
- इस सम्मेलन में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि 23 देशों ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन स्थापित किये हैं और भारत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, विशेष रूप से क्वांटम एल्गोरिदम के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
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