प्रारंभिक परीक्षा
रामानुजन पुरस्कार
- 11 Dec 2021
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हाल ही में प्रोफेसर नीना गुप्ता को विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों के लिये रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- वह कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान में गणितज्ञ हैं और उन्हें ‘एफाइन बीजीय ज्यामिति’ और ‘कम्यूटेटिव बीजगणित’ में उत्कृष्ट कार्य के लिये सम्मानित किया गया है।
- वह रामानुजन पुरस्कार पाने वाली तीसरी महिला हैं।
- इसके पूर्व ‘ज़ारिस्की कैंसलेशन’ समस्या, जो कि बीजगणितीय ज्यामिति में एक मूलभूत समस्या, को हल करने के लिये उन्हें भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी का वर्ष 2014 युवा वैज्ञानिक पुरस्कार दिया गया था।
प्रमुख बिंदु
- रामानुजन पुरस्कार
- विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों के लिये रामानुजन पुरस्कार वर्ष 2005 से प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
- यह पुरस्कार, ‘अब्दुस सलाम इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फिज़िक्स’ (ICTP) द्वारा भारत सरकार के ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग’ (DST) तथा अंतर्राष्ट्रीय गणितीय संघ (IMU) के साथ संयुक्त रूप से प्रदान किया जाता है।
- सैद्धांतिक भौतिकी के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICTP): इसकी स्थापना वर्ष 1964 में नोबेल विजेता अब्दुस सलाम द्वारा की गई थी, यह विकासशील देशों के वैज्ञानिकों को निरंतर शिक्षा और कौशल प्रदान कर अपने जनादेश को पूरा करने का प्रयास करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय गणितीय संघ (IMU): यह एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी वैज्ञानिक संगठन है, जिसका उद्देश्य गणित में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
- यह अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान परिषद (International Science Council- ISC) का सदस्य है।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग: इसने वर्ष 2014 से इस पुरस्कार के लिये फंड देने पर सहमति व्यक्त की है।
- DST द्वारा इसका समर्थन गणित में प्रतिभाशाली श्रीनिवास रामानुजन की स्मृति में किया गया है जिन्होंने अदीर्घवृत्तीय कार्यों, निरंतर कार्य, अनंत शृंखला तथा संख्याओं के विश्लेषणात्मक सिद्धांत में शानदार योगदान दिया था।
- पात्रता और पुरस्कार:
- यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष 31 दिसंबर को विकासशील देश के उस शोधकर्त्ता को प्रदान किया जाता है, जिसकी आयु पुरस्कार प्रदान किये जाने वाले वर्ष तक 45 वर्ष से कम हो और जिसने एक विकासशील देश में उत्कृष्ट शोध किया है।
- गणितीय विज्ञान की किसी भी शाखा में काम करने वाले शोधकर्त्ता इसके पात्र हैं।
- इसमें 15,000 अमेरिकी डाॅलर का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
श्रीनिवास रामानुजन
- रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर, 1887 को इरोड गाँव (चेन्नई से 400 किमी., जो तब मद्रास के नाम से जाना जाता था) में हुआ था।
- वर्ष 1913 में उन्होंने ब्रिटिश गणितज्ञ गॉडफ्रे एच. हार्डी के साथ पत्र-व्यवहार शुरू किया, जिसके बाद वे ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज़ चले गए।
- रामानुजन ने संख्याओं के विश्लेषणात्मक सिद्धांत में पर्याप्त योगदान दिया और दीर्घवृत्तीय कार्यों (Elliptic Functions) पर भी कार्य किया।
- उन्होंने पूर्ण संख्या, हाइपरज्यामितीय श्रेणी (Hypergeometric Series) और यूलर स्थिरांक (Euler's Constant) के विभाजन पर भी काम किया।
- उनके पत्र अंग्रेजी और यूरोपीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए थे और वर्ष 1918 में लंदन की रॉयल सोसाइटी के लिये उनका चयन हुआ।
- भारत लौटने के बाद लंबी बीमारी के कारण 26 अप्रैल, 1920 को मात्र 32 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
- भारत में प्रतिवर्ष महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती (22 दिसंबर) को राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) के रूप में मनाया जाता है।