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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 12 Dec, 2020
  • 11 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स : 12 दिसंबर, 2020

युवा गणितज्ञों के लिये रामानुजन पुरस्कार, 2020

Ramanujan Prize for Young Mathematicians 2020

हाल ही में युवा गणितज्ञों के लिये रामानुजन पुरस्कार, 2020 (Ramanujan Prize for Young Mathematicians 2020) रियो डी जनेरियो, ब्राज़ील के इंस्टीट्यूट फॉर प्योर एंड एप्लाइड मैथेमेटिक्स (IMPA) की गणितज्ञ डॉ कैरोलिना अरुजो को दिया गया है।

  • उन्हें बीजगणितीय ज्यामिति में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिये यह पुरस्कार प्रदान किया गया है। उनका कार्य क्षेत्र बाईरेशनल ज्यामिति (Birational Geometry) पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य बीजगणितीय संरचना को वर्गीकृत करना और उसका वर्णन करना है।

Ramanujan-prize

प्रमुख बिंदु:

  • युवा गणितज्ञों के लिये रामानुजन पुरस्कार विकासशील देशों हेतु वर्ष 2005 से प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है। 
  • इसे मूल रूप से सैद्धांतिक भौतिकी के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (International Centre for Theoretical Physics- ICTP), नील्स हेनरिक एबेल मेमोरियल फंड और अंतर्राष्ट्रीय गणितीय संघ (International Mathematical Union- IMU) द्वारा स्थापित किया गया था।
    • एबेल फंड की भागीदारी वर्ष 2012 में समाप्त हो गई थी।

    • सैद्धांतिक भौतिकी के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (ICTP): इसकी स्थापना वर्ष 1964 में  नोबेल विजेता अब्दुस सलाम द्वारा की गई थी, यह विकासशील देशों के वैज्ञानिकों को निरंतर शिक्षा और कौशल प्रदान कर अपने जनादेश को पूरा करने का प्रयास करता है।

    • अंतर्राष्ट्रीय गणितीय संघ (IMU): यह एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी वैज्ञानिक संगठन है, जिसका उद्देश्य गणित में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।

      • यह अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान परिषद (International Science Council- ISC) का सदस्य है।

      • ISC की स्थापना वर्ष 2018 में की गई थी और यह एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है जो प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञान को एक साथ जोड़ता है तथा अपनी तरह का सबसे बड़ा वैश्विक विज्ञान संगठन है।
      • इसका कार्यालय पेरिस, फ्राँस में है।
    • भारत इसका एक सदस्य देश है।
    • IMU का सचिवालय बर्लिन, जर्मनी में स्थित है।
  • भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ( Department of Science and Technology- DST) ने वर्ष 2014 से इस पुरस्कार के लिये फंड देने पर सहमति व्यक्त की है।
    • DST द्वारा इसका समर्थन गणित में प्रतिभाशाली श्रीनिवास रामानुजन की स्मृति में किया गया है जिन्होंने अदीर्घवृत्तीय कार्यों, निरंतर कार्य, अनंत शृंखला तथा संख्याओं के विश्लेषणात्मक सिद्धांत में शानदार योगदान दिया था।.
    • भारत में 22 दिसंबर को श्रीनिवास रामानुजन की स्मृति में ‘राष्ट्रीय गणित दिवस’ मनाया जाता है।
  • यह विकासशील देश के उस शोधकर्त्ता को प्रदान किया जाता है, जिसकी आयु पुरस्कार प्रदान किये जाने वाले वर्ष तक 45 वर्ष से कम हो, और जिसने एक विकासशील देश में उत्कृष्ट शोध किया है।
    • गणितीय विज्ञान की किसी भी शाखा में काम करने वाले शोधकर्त्ता इसके पात्र हैं।
    • इसमें 15,000 अमेरिकी डाॅलर का नकद पुरस्कार दिया जाता है।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 12 दिसंबर, 2020

यूनिसेफ दिवस

बाल विकास और बाल अधिकारों के संरक्षण की दिशा में यूनिसेफ (UNICEF) के अतुलनीय योगदान को रेखांकित करने हेतु प्रतिवर्ष 11 दिसंबर को यूनिसेफ दिवस का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र की इस स्थायी संस्था ने अपनी स्थापना के 74 वर्ष पूरे कर लिये हैं। यूनिसेफ का गठन संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 11 दिसंबर, 1946 को ‘संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष’ (UNICEF) के रूप में किया गया था। इसकी स्थापना मुख्य तौर पर द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बच्चों और माताओं के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और सामान्य कल्याण में सुधार आदि के उद्देश्य से की गई थी। वर्ष 1953 में यह संयुक्त राष्ट्र का एक स्थायी हिस्सा बन गया और ‘अंतर्राष्ट्रीय’ एवं ‘आपातकालीन’ शब्दों को हटाकर इस संगठन का नाम ‘संयुक्त राष्ट्र बाल कोष’ कर दिया गया, हालाँकि इसके मूल संक्षिप्त नाम ‘यूनिसेफ’ (UNICEF) को बरकरार रखा गया। वर्तमान में यूनिसेफ विश्व के 190 से अधिक देशों में कार्य करता है, जिसका उद्देश्य बच्चों के जीवन को बचाना, उनके अधिकारों का संरक्षण और क्षमता निर्णय में उनकी मदद करना है। यूनिसेफ को वर्ष 1965 में नोबेल शांति पुरस्कार, वर्ष 1989 में इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार और वर्ष 2006 में प्रिंस ऑफ अस्तुरियस अवॉर्ड मिला था। 

पर्सन ऑफ द इयर

अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम मैगज़ीन ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को संयुक्त रूप से वर्ष 2020 का ‘पर्सन ऑफ द इयर’ मनोनीत किया है। टाइम मैगज़ीन द्वारा किसी प्रभावशाली व्यक्ति अथवा संस्था को मनोनीत करने की शुरुआत वर्ष 1927 में की गई थी और शुरुआत में इसे ‘मैन ऑफ द इयर’ के रूप में जाना जाता था, हालाँकि बाद में इसका नाम बदलकर ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ कर दिया गया। यह सम्मान ऐसे किसी व्यक्ति, समूह, आंदोलन या विचार को दिया जाता है, जिसने किसी एक वर्ष में विशेष रूप से सबसे अधिक प्रभाव डाला हो, हालाँकि यह आवश्यक नहीं है कि यह प्रभाव सकात्मक ही हो। उदाहरण के लिये वर्ष 1938 में नाज़ी पार्टी के नेता एडॉल्फ हिटलर को भी ‘पर्सन ऑफ द इयर’ के रूप में नामित किया गया था। वर्ष 2019 में युवा ‘जलवायु परिवर्तन कार्यकर्त्ता’ ग्रेटा थनबर्ग को ‘पर्सन ऑफ द इयर’ के रूप नामित किया गया था, जो कि यह सम्मान पाने वाली सबसे कम उम्र की विजेता बनी थीं।

ओलंपिक में शामिल हुआ ब्रेकडांस

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने ब्रेकडांस (Breakdance) को आधिकारिक तौर पर ओलंपिक खेल में शामिल कर लिया है। एक ओलंपिक खेल के तौर पर ‘ब्रेकडांस’ अथवा ‘ब्रेकिंग’ (ब्रेकडांसिंग का प्रतिस्पर्द्धात्मक स्वरूप) की आधिकारिक शुरुआत पेरिस में वर्ष 2024 में होने वाले ओलंपिक खेलों के दौरान की जाएगी। ब्रेकडांस को एक खेल के तौर पर ओलंपिक में शामिल करने के निर्णय का प्राथमिक उद्देश्य प्रायोजकों और प्रसारकों के लिये ओलंपिक खेलों की प्रासंगिकता को बनाए रखना है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के इस निर्णय से अधिक-से-अधिक युवाओं को ओलंपिक खेलों के प्रति आकर्षित किया जा सकेगा ताकि युवाओं के बीच ओलंपिक खेलों की लोकप्रियता को बरकरार रखा जा सकेगा। हिप-हॉप संस्कृति के एक प्रमुख प्रारूप के रूप में ब्रेकडांसिंग की शुरुआत 1970 के दशक में अमेरिका में हुई थी। 

1000 खेलो इंडिया केंद्रों की स्थापना 

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने हाल ही में घोषणा की है कि सेवानिवृत्त खिलाड़ियों को रोज़गार प्रदान देने के लिये सरकार देश भर में 1000 खेलो इंडिया केंद्रों की स्थापना करेगी। इन खेलो इंडिया केंद्रों से भारत में खेल संस्कृति को नया आयाम प्रदान करने में भी मदद मिलेगी। इस संबंध में घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘हमें यह सुनिश्चित करना चाहिये कि भारत में खेल एक बड़े उद्योग का रूप ले सके, क्योंकि यह भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी बड़ा योगदानकर्त्ता बन सकता है। खेल हमारे समग्र विकास के लिये सबसे महात्त्वपूर्ण कारकों में से एक है, इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य भारत में सभी प्रकार के खेलों के लिये अवसंरचना का विकास करना और भारत में खेल संस्कृति को एक नया रूप प्रदान करना है।


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