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प्रिलिम्स फैक्ट्स


प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स: 25 जनवरी, 2021

  • 25 Jan 2021
  • 11 min read

अभ्यास कवच

Exercise Kavach

देश के एकमात्र संयुक्‍त बल कमान के रूप में अंडमान एवं निकोबार कमान (ANC) के तहत त्रिस्तरीय सेना के संसाधनों को मिलाकर एक वृहद् संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास ‘अभ्‍यास कवच’ (Exercise Kavach) का संचालन किया जाएगा।

Exercise-Kavach

प्रमुख बिंदु:

  • भागीदारी: इस अभ्यास में भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना एवं तटरक्षक बल भाग लेंगे।
  • विशेषताएँ: इस अभ्‍यास में समुद्री निगरानी संसाधनों के इस्‍तेमाल में तालमेल कायम करना, वायु एवं समुद्री हमलों, वायु रक्षा, पनडुब्‍बी एवं लैंडिंग ऑपरेशनों के समन्वित अनुप्रयोग शामिल हैं।
    • संयुक्‍त बल अंडमान सागर एवं बंगाल की खाड़ी में बहुक्षेत्रीय, उच्‍च मारक क्षमता तथा रक्षात्‍मक प्रणाली को कार्यान्वित करेगा।
    • तीनों सेनाओं के अभ्‍यास का लक्ष्‍य संयुक्‍त युद्धक क्षमताओं को बेहतर बनाना और संचालन संबंधी तालमेल बढ़ाने की दिशा में मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) तैयार करना है।
  • लाभ: यह अभ्यास किसी विषम खतरे से निपटने में सभी एजेंसियों की तैयारियों की जाँच करेगा।
    • विषम खतरे का आशय किसी एक बल द्वारा अपनाई गई अपरंपरागत रणनीतियाँ और कार्यनीति से है।
  • इस तरह के अभ्यास की आवश्यकता: वर्ष 1993 और वर्ष 2008 के मुंबई हमलों का कारण खराब समुद्री सीमा सुरक्षा थी।
  • तटीय सुरक्षा के लिये अन्य अभ्यास:
    • अभ्यास सी-विज़िल
    • ट्रॉपेक्स (Theatre-level Readiness Operational Exercise) का आयोजन भारतीय नौसेना द्वारा प्रत्येक दो वर्ष में किया जाता है।

स्‍मार्ट एंटी एयरफील्‍ड वेपन (SAAW)

Smart Anti Airfield Weapon

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) ने स्‍वदेश में निर्मित स्‍मार्ट एंटी एयरफील्‍ड वेपन (Smart Anti-Airfield Weapon- SAAW) का सफल ‘कैप्टिव एंड रिलीज़’ उड़ान परीक्षण किया है। यह परीक्षण हिंदुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड (HAL) के हॉक-I विमान के ज़रिये किया गया।

  • DRDO द्वारा पिछले पाँच वर्षों में किये गए परीक्षणों की शृंखला में SAAW का यह नौवाँ सफल परीक्षण था। 

प्रमुख बिंदु

  • पृष्ठभूमि: यह प्रणाली ग्लाइड बम श्रेणी से संबंधित है और इसका विकास 2012-13 के आस-पास भारतीय वायु सेना (Indian Air Force- IAF) से महत्त्वपूर्ण आदानों के साथ शुरू हुआ। पहली बार इसका परीक्षण वर्ष 2016 में किया गया था।

ग्लाइड बम (Glide Bomb): यह एक ऐसा बम है जिसे वायुसेना के लड़ाकू विमानों द्वारा निर्देशित प्रणाली यानी गाइडेंस मैकेनिज़्म का प्रयोग कर वांछित लक्ष्य पर सटीकता से दागा जा सकता है

  • विनिर्माण: DRDO के हैदराबाद स्थित रिसर्च सेंटर इमारत (Research Centre Imarat- RCI) द्वारा।
  • विशेषताएँ:
    • इसे ज़मीनी लक्ष्यों, विशेष रूप से प्रतिकूल एयरफील्ड बुनियादी ढाँचों या रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण अन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • यह 125 किलोग्राम वज़न श्रेणी का स्‍मार्ट वेपन है जो स्‍थल पर स्थित शत्रु की एयरफील्‍ड संपत्तियों जैसे- रडार, बंकर, टैक्‍सी ट्रैक और रनवे को 100 किलोमीटर की दूरी से निशाना बना सकता है।
    • इस उच्‍च सटीकता वाले निर्देशित बम का वज़न भी इस श्रेणी की अन्‍य हथियार प्रणालियों की तुलना में कम है।
  • अन्य संबंधित विकास: अक्तूबर 2020 में शत्रु के रडार और संचार संपत्तियों को लक्षित करने के लिये डिज़ाइन की गई एक अन्य हथियार प्रणाली रुद्रम (Rudram) का परीक्षण किया गया था।
    • रुद्रम, भारतीय वायु सेना के लिये विकसित भारत की पहली स्वदेशी एंटी-रेडिएशन मिसाइल है।
    • रुद्रम को भारतीय वायु सेना (IAF) की ‘सप्रेशन ऑफ एनिमी एयर डिफेंस’ (SEAD) क्षमता बढ़ाने के लिये विकसित किया गया है।
      • SEAD रणनीति के कई पहलुओं में से एक के रूप में एंटी-रेडिएशन मिसाइलों का उपयोग मुख्य रूप से दुश्मन की हवाई रक्षा परिसंपत्तियों पर हमले के लिये हवाई युद्ध के प्रारंभ में किया जाता है।

24वाँ हुनर हाट

24th Hunar Haat

22 जनवरी से 04 फरवरी, 2021 तक लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में 24वें “हुनर हाट” (Hunar Haat) का आयोजन किया जा रहा है।

Hunar-Haat

प्रमुख बिंदु:

हुनर हाट के विषय में:

  • हुनर हाट अल्पसंख्यक समुदायों के कारीगरों द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प और पारंपरिक उत्पादों की प्रदर्शनी है। उल्लेखनीय है कि देश में पहले हुनर हाट का आयोजन नवंबर 2016 में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के दौरान प्रगति मैदान, नई दिल्ली में किया गया था।

विषयवस्तु/थीम: 

  • वोकल फॉर लोकल (Vocal for Local)।

आयोजनकर्त्ता: 

  • इसका आयोजन अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा ‘उस्ताद’ योजना के तहत किया जाता है। 
    • ‘उस्ताद’ का पूरा नाम विकास के लिये पारंपरिक कलाओं/शिल्पों में कौशल और प्रशिक्षण का उन्नयन (Upgrading the Skills and Training in Traditional Arts/Crafts for Development- USTTAD) है। 
    • इसका लक्ष्य अल्पसंख्यकों की पारंपरिक कला/शिल्प की समृद्ध विरासत का संरक्षण करना है।

उद्देश्य

  • हुनर हाट का उद्देश्य मास्टर कारीगरों, शिल्पकारों और पारंपरिक पाक विशेषज्ञों को बाज़ार तथा रोज़गार के अवसर प्रदान करना है।
  • इसमें ऐसे शिल्पकारों, बुनकरों और कारीगरों के कौशल को संवर्द्धित करने की परिकल्पना की गई है जो पहले से ही पारंपरिक पुश्तैनी कामों में लगे हुए हैं।

महत्त्व:

  • देश के विभिन्न स्थानों में आयोजित हो रहे "हुनर हाट", दस्तकारों, शिल्पकारों के लिये उत्साहवर्द्धक और लाभदायक साबित हो रहे हैं। एक ओर जहाँ "हुनर हाट" में लाखों लोग आते हैं, वहीं दूसरी ओर लोगों द्वारा दस्तकारों, शिल्पकारों से करोड़ों रुपए की स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी भी की जाती है।
    • पिछले लगभग 5 वर्षों में "हुनर हाट" के माध्यम से 5 लाख से अधिक दस्तकारों, शिल्पकारों, कारीगरों और उनसे जुड़े लोगों को रोज़गार एवं रोज़गार के अवसर उपलब्ध हुए हैं।

को-विन एप

Co-WIN App

कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम की निगरानी और प्रबंधन में सुधार की दृष्टि से हाल ही में को-विन/Co-WIN (पूरा नाम- Covid Vaccine Intelligence Network) एप के सॉफ्टवेयर को अपडेट किया गया है

प्रमुख बिंदु

एप के विषय में:

  • Co-WIN एक क्लाउड आधारित सूचना एवं प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म है और इसे भारत के कोविड-19 प्रतिरक्षण कार्यक्रम से संबंधित महत्त्वपूर्ण सूचनाओं के प्रबंधन हेतु तैयार किया गया है। इसके तहत किये जाने वाले कार्यों में सूचना प्रबंधन में लाभार्थियों का पंजीकरण, टीकाकरण हेतु केंद्रों का आवंटन, लाभार्थियों को उनके टीकाप्रदाता/वैक्सीनेटर के नाम के साथ संदेश भेजना और कोल्ड स्टोरेज में वैक्सीन की शीशियों की लाइव निगरानी करना शामिल है।

संबद्ध एजेंसियाँ:

  • Co-WIN प्लेटफॉर्म का संचालन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वामित्व में किया जा रहा है तथा पूर्व में इसका उपयोग देश भर में पल्स पोलियो एवं अन्य महत्त्वपूर्ण प्रतिरक्षी कार्यक्रमों के संचालन हेतु किया जाता था।
    • कोविड-19 टीकों के वितरण हेतु भी इस मंच का विस्तार किया गया है, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ-साथ राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र इसके लिये बैकेंड और तकनीकी बुनियादी ढाँचे के संचालन का कार्य कर रहे हैं।

विशेषताएँ:

  • निगरानी तथा ट्रैकिंग: यह एप टीकाकरण अभियान की निगरानी और टीकाकरण के लिये सूचीबद्ध लाभार्थियों की रियल टाइम ट्रैकिंग को सक्षम बनाता है।
    • इस प्रकार यह प्रॉक्सी टीकाकरण का मुकाबला करने में भी मदद करता है।
  • आधार (Aadhaar) सक्षम: यह एप आधार प्लेटफॉर्म के माध्यम से लाभार्थियों की सटीक पहचान करेगा।
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