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आंतरिक सुरक्षा

तटरक्षक अभ्‍यास 'सी विजिल -21'

  • 12 Jan 2021
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में द्विवार्षिक अखिल भारतीय तटीय रक्षा अभ्यास 'सी विजिल -21' (Sea Vigil -21) का दूसरा संस्करण शुरू किया गया है।

प्रमुख बिंदु: 

प्रमोचन:

  • समुद्री रक्षा अभ्यास के पहले संस्करण का आयोजन जनवरी 2019 में किया गया था।
  • यह भारत का सबसे बड़ी तटीय रक्षा अभ्यास है।

संचालन का क्षेत्र:

  • इस अभ्यास का आयोजन लगभग 7516 किलोमीटर में फैले तटवर्ती और आर्थिक क्षेत्र के दायरे में  किया जा रहा है।
    • संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (United Nations Convention on the Law of the Sea- UNCLOS) एक विशेष आर्थिक क्षेत्र को परिभाषित करती है, जो सीमा तट से 200 समुद्री मील तक फैली होती है। इस सीमा के अंदर तटीय राज्यों के पास संसाधनों (जीवित और निर्जीव दोनों) का अन्वेषण और दोहन करने का अधिकार तथा उनके संरक्षण एवं प्रबंधन की ज़िम्मेदारी होती है।
  • इस अभ्यास में 13 तटवर्ती राज्य और केंद्रशासित प्रदेश, मत्स्य पालन करने वाले तथा तटवर्ती इलाकों में रहने वाले समुदाय भी शामिल हैं।
    • 13 तटीय राज्य और केंद्रशासित प्रदेश: अभ्यास में शामिल 13 तटवर्ती  राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हैं- गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, दमन और दीव, पुद्दुचेरी, अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह (बंगाल की खाड़ी) एवं लक्षद्वीप द्वीप समूह (अरब सागर)।
  • सी-विजिल अभ्यास में  भारतीय नौसेना, कोस्ट गार्ड, कस्टम और अन्य समुद्री एजेंसियांँ भी हिस्सा ले रही हैं।
  • भारतीय वायु सेना, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, सीमा सुरक्षा बल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा एयरपोर्ट एजेंसियाँ भी अभ्यास में शामिल हैं।

समन्वयकारी फोर्स/बल:

भारतीय नौसेना

  • उद्देश्य: 
    • वर्ष 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले के बाद तटीय सुरक्षा में खामियों को दूर करने करने के उद्देश्य से शुरू किये गए उपायों की प्रभावकारिता की जांँच करना।
    • मुंबई और कोचीन, विशाखापत्तनम और पोर्ट ब्लेयर में संयुक्त संचालन केंद्रों (Joint Operations Centres- JOC) के निर्माण हेतु तटीय और समुद्री सुरक्षा के लिये राष्ट्रीय समिति (National Committee for Coastal and Maritime Security- NCSMCS) सहित कई पहल शुरू की गई थीं।
    • जिसमें सागर प्रहरी बल (Sagar Prahari Bal- SPB) की स्थापना, हार्बर डिफेंस सर्विलांस सिस्टम की स्थापना, नेशनल कमांड कंट्रोल कम्युनिकेशन एंड इंटेलिजेंस (National Command Control Communication and Intelligence- NC3I) नेटवर्क की स्थापना की गई।
  • महत्त्व: 
    • यह अभ्यास भारतीय नौसेना के थियेटर लेवल अभ्यास, ट्रोपेक्स जिसका पूरा नाम थियेटर लेवल रेडिनेस ऑपरेशनल एक्सराइज़ (Theatre-level Readiness Operational Exercise- TROPEX) है, की दिशा में उठाया गया कदम है। इसका आयोजन प्रति दो वर्ष पर किया जाता है। 
    • सी विजिल और ट्रोपेक्स अभ्यास समुद्री इलाकों की चुनौती से निपटने हेतु पूरी तरह से सक्षम हैं, इसके चलते शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष की स्थितियों में कमी लाई जा सकेगी।
    • जबकि छोटे पैमाने पर अभ्यास तटीय राज्यों में नियमित रूप से आयोजित किये जाते हैं, जिसमें आस-पास के राज्यों के बीच संयुक्त अभ्यास शामिल हैं, राष्ट्रीय स्तर पर एक सुरक्षा अभ्यास का उद्देश्य एक बड़े उद्देश्य की पूर्ति करना है।
      • यह समुद्री सुरक्षा और तटीय रक्षा के क्षेत्र में देश की तैयारियों का आकलन करने हेतु शीर्ष स्तर पर अवसर प्रदान करता है।  

स्रोत: पी.आई.बी

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